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आय से अधिक संपत्ति मामले में पूर्व मंत्री राकेशधर त्रिपाठी पर भ्रष्टाचार के आरोप तय - uttar pradesh news

आय से अधिक खर्च किए जाने के सवालों का सही जवाब व विवरण न दे पाने की वजह से एमपी-एमएलए कोर्ट के स्पेशल जज ने पूर्व मंत्री पर भ्रष्टाचार के आरोप तय किए हैं.

आय से अधिक संपत्ति के मामले में पूर्व मंत्री राकेशधर त्रिपाठी पर भ्रष्टाचार के आरोप तय
आय से अधिक संपत्ति के मामले में पूर्व मंत्री राकेशधर त्रिपाठी पर भ्रष्टाचार के आरोप तय
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Published : Jul 30, 2021, 5:50 PM IST

Updated : Jul 30, 2021, 6:03 PM IST

प्रयागराज : स्पेशल एमपी-एमएलए कोर्ट ने उत्तर प्रदेश के पूर्व उच्च शिक्षा मंत्री राकेशधर त्रिपाठी पर भ्रष्टाचार के आरोप तय कर दिए हैं. इस मामले में कोर्ट ने उन्हें आरोप के बारे में पढ़कर बताया और समझाया. इसके बाद पूर्व मंत्री ने आरोपों से इंकार करते हुए कोर्ट से पुनः विचार करने की मांग की.

उत्तर प्रदेश में जनता दल, भाजपा और बसपा के सरकार में विधायक व मंत्री रहे राकेशधर त्रिपाठी पर भ्रष्टाचार के मामले में प्रयागराज की स्पेशल एमपी एमएलए कोर्ट के विशेष जज आलोक कुमार श्रीवास्तव ने आरोप तय कर दिए हैं. राकेशधर एक मई 2007 से 31 दिसंबर 2011 तक बसपा शासन काल में यूपी के उच्च शिक्षामंत्री की जिम्मेदारी संभाल रहे थे.

यह भी पढ़ें : प्रयागराज में सोशल मीडिया पर स्टेटस डालने पर एक शख्स की पीट-पीटकर हत्या

कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि लोकसेवक के पद पर रहते हुए वैध तरीके से 49 लाख 49 हजार 928 रुपये की आय अर्जित की. लेकिन उनके परिसंपत्तियों के अर्जन व भरण पोषण पर 2 करोड़ 67 लाख 8 हजार 605 रुपये खर्च किया जाना पाया गया है.

इस तरह से जांच टीमों द्वारा की गई जांच में पाया गया कि पूर्व मंत्री ने 2 करोड़ 17 लाख 58 हजार 677 रुपयों का आय से अधिक खर्च किया है. आय से अधिक खर्च किए जाने के सवालों का सही जवाब व विवरण न दे पाने की वजह से एमपी एमएलए कोर्ट के स्पेशल जज ने पूर्व मंत्री पर भ्रष्टाचार के आरोपों को तय कर दिया है.


राकेशधर त्रिपाठी जनता पार्टी और जनता दल के साथ ही भाजपा व बसपा के टिकट पर हंडिया विधानसभा से चुनाव लड़कर लखनऊ विधानसभा पहुंच चुके हैं. भाजपा और बसपा की सरकार में उन्हें मंत्री पद की जिम्मेदारी भी मिल चुकी है. साथ ही पिछली बार बसपा के टिकट पर 2007 में चुनाव लड़कर विधानसभा पहुंचे थे. बसपा सरकार में उन्हें उच्च शिक्षा मंत्री की जिम्मेदारी मिली थी. लेकिन मंत्री रहते हुए ही 2011 में राकेशधर त्रिपाठी भ्रष्टाचार के मामले में फंसे थे. इसके बाद मायावती ने उनसे मंत्री पद छीन लिया था और जांच शुरू कर दी गयी थी.

प्रयागराज : स्पेशल एमपी-एमएलए कोर्ट ने उत्तर प्रदेश के पूर्व उच्च शिक्षा मंत्री राकेशधर त्रिपाठी पर भ्रष्टाचार के आरोप तय कर दिए हैं. इस मामले में कोर्ट ने उन्हें आरोप के बारे में पढ़कर बताया और समझाया. इसके बाद पूर्व मंत्री ने आरोपों से इंकार करते हुए कोर्ट से पुनः विचार करने की मांग की.

उत्तर प्रदेश में जनता दल, भाजपा और बसपा के सरकार में विधायक व मंत्री रहे राकेशधर त्रिपाठी पर भ्रष्टाचार के मामले में प्रयागराज की स्पेशल एमपी एमएलए कोर्ट के विशेष जज आलोक कुमार श्रीवास्तव ने आरोप तय कर दिए हैं. राकेशधर एक मई 2007 से 31 दिसंबर 2011 तक बसपा शासन काल में यूपी के उच्च शिक्षामंत्री की जिम्मेदारी संभाल रहे थे.

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कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि लोकसेवक के पद पर रहते हुए वैध तरीके से 49 लाख 49 हजार 928 रुपये की आय अर्जित की. लेकिन उनके परिसंपत्तियों के अर्जन व भरण पोषण पर 2 करोड़ 67 लाख 8 हजार 605 रुपये खर्च किया जाना पाया गया है.

इस तरह से जांच टीमों द्वारा की गई जांच में पाया गया कि पूर्व मंत्री ने 2 करोड़ 17 लाख 58 हजार 677 रुपयों का आय से अधिक खर्च किया है. आय से अधिक खर्च किए जाने के सवालों का सही जवाब व विवरण न दे पाने की वजह से एमपी एमएलए कोर्ट के स्पेशल जज ने पूर्व मंत्री पर भ्रष्टाचार के आरोपों को तय कर दिया है.


राकेशधर त्रिपाठी जनता पार्टी और जनता दल के साथ ही भाजपा व बसपा के टिकट पर हंडिया विधानसभा से चुनाव लड़कर लखनऊ विधानसभा पहुंच चुके हैं. भाजपा और बसपा की सरकार में उन्हें मंत्री पद की जिम्मेदारी भी मिल चुकी है. साथ ही पिछली बार बसपा के टिकट पर 2007 में चुनाव लड़कर विधानसभा पहुंचे थे. बसपा सरकार में उन्हें उच्च शिक्षा मंत्री की जिम्मेदारी मिली थी. लेकिन मंत्री रहते हुए ही 2011 में राकेशधर त्रिपाठी भ्रष्टाचार के मामले में फंसे थे. इसके बाद मायावती ने उनसे मंत्री पद छीन लिया था और जांच शुरू कर दी गयी थी.

Last Updated : Jul 30, 2021, 6:03 PM IST
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