प्रयागराज: एक बार फिर विवादित गीत के जरिये बिहार की लोक गायिका नेहा सिंह राठौर इलाहाबाद यूनिवर्सिटी में सुर्खियों में आ गयी हैं. नेहा ने इस बार भी गीत के जरिये यूनिवर्सिटी के छात्रों पर कई तरह के कटाक्ष किये हैं. इस बार छात्रों के साथ ही यूनिवर्सिटी प्रशासन भी नेहा के गीत पर आपत्ति जताते हुए उन्हें नोटिस भेजने की तैयारी कर रही है. बता दें कि बिहार की युवा लोक गायिका नेहा सिंह राठौर ने एक बार फिर पूरब का ऑक्सफोर्ड कही जाने वाली इलाहाबाद यूनिवर्सिटी के छात्रों पर विवादित गीत गाया है. व्यंगात्मक अंदाज में गाए इस गीत में नेहा ने यूनिवर्सिटी के छात्रों पर कई तरह के कटाक्ष किए हैं.
'गर्दा कमाल कईले हो' शीर्षक से छात्रों को बताया बकैत
नेहा सिंह राठौर ने इस बार 'गर्दा कमाल कईले हो' शीर्षक से गीत गाकर इलाहाबाद यूनिवर्सिटी के छात्रों पर तंज कसा है. लगभग 3 मिनट के इस गीत में नेहा ने छात्रों पर कई तरह के आरोप लगाते हुए उन्हें बकैत बताया है. गीत के शुरुआत में कहा गया है कि पिता उधार पैसे लेकर यूनिवर्सिटी में आईएएस बनने के लिए बेटे को भेजता है, जिसे यहां आकर बेटा छात्र राजनीति के चक्कर में खर्च करता है. यही नहीं छात्रों पर यह भी आरोप लगाया है कि वो घर के गेहूं को बेचकर उस पैसे से पोस्टर बैनर बनवाकर लगाते हैं. मां-बाप के मेहनत के पैसे पर लड़के यूनिवर्सिटी के हॉस्टलों में रहकर मौज करते हैं. हॉस्टलों में पुलिस के छापे पड़ने पर ये अल्लापुर और गोविंदपुर में कमरा लेकर रहने लगते हैं. इसके साथ ही छात्रों पर नेतराम और बालसन चौराहे पर आए दिन हंगामा करने का आरोप भी इस गीत के जरिए लगाया गया है. नेहा ने गीत के जरिये छात्रों को चेताया है कि वह आईएएस बनने आये हैं और राजनीति के चक्कर में ओवर एज हो जाएंगे. न नौकरी मिलेगी न ही नेता बन पाएंगे. नेहा अपने गाने के बीच में यह भी कहती हैं कि हम झूठ नहीं कह रहे हैं.
रजिस्ट्रार प्रोफेसर ने गीत पर जतायी नाराजगी
इलाहाबाद यूनिवर्सिटी के रजिस्ट्रार प्रोफेसर एनके शुक्ला ने कहा कि उन्हें भी इस विवादित गीत बारे में जानकारी मिली है. बिहार की लोक गायिका अपने गीत के जरिए यूनिवर्सिटी के छात्रों की छवि खराब कर रही हैं. उनके इस गीत के जरिए न सिर्फ यूनिवर्सिटी के छात्रों की छवि खराब हो रही है, बल्कि लोगों के बीच यूनिवर्सिटी की छवि भी धूमिल हो रही है. इसके लिए यूनिवर्सिटी प्रशासन के लीगल सेल से इस मामले पर चर्चा की जाएगी और जरूरत पड़ने पर न सिर्फ नेहा को नोटिस भेजी जाएगी बल्कि उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई भी की जा सकती है.
रजिस्ट्रार ने नेहा को दी नसीहत
रजिस्ट्रार प्रो. एनके शुक्ला ने लोक गायिका नेहा को सलाह दी कि वह पहले इलाहाबाद यूनिवसिर्टी के इतिहास की पूरी जानकारी कर लें. साथ ही इलाहाबाद यूनिवर्सिटी के छात्र संघ के गौरवशाली इतिहास की भी पूरी जानकारी नेहा को ठीक ढंग से कर लेनी चाहिए. यूनिवर्सिटी और उसके छात्र संघ की पूरी जानकारी लेने के बाद ही किसी आम छात्र या छात्र नेताओं और छात्र संघ पर किसी तरह का टिप्पणी करनी चाहिए. आधी अधूरी जानकरी के साथ सस्ती लोकप्रियता के लिए यूनिवर्सिटी के छात्रों पर इस तरह के व्यंगात्मक गीत गाना उचित नहीं है. इलाहाबाद यूनिवर्सिटी के पढ़े हुए छात्र देश के राष्ट्रपति व प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री और राज्यपाल जैसे पदों पर आसीन हो चुके हैं. इसके अलावा प्रशासनिक व न्यायिक सेवाओं में आज भी देश के कई सर्वोच्च पदों पर इलाहाबाद यूनिवर्सिटी के छात्र सेवा दे रहे हैं. ऐसे में सिर्फ एक नकारात्मक सोच के साथ किसी संस्थान या छात्रों का दुष्प्रचार करना ठीक नहीं है.
गीत से छात्रों में आक्रोश
इलाहाबाद यूनिवर्सिटी के छात्र नेताओं ने नेहा सिंह राठौर द्वारा दूसरी बार इस तरह के कटाक्ष भरे व्यंगात्मक गीत जारी करने पर नाराजगी जताई है. छात्रों का आरोप है कि लोक गायिका सिर्फ सस्ती लोकप्रियता पाने के लिए यूनिवर्सिटी के छात्र नेताओं का अपमान कर रही हैं. पिछली बार भी उन्होंने यूनिवर्सिटी के छात्र नेताओं पर बनाए गए अपमानजनक गीत को सोशल मीडिया में शेयर किया था. उसके व्यापक विरोध के बावजूद यह गायिका नकारात्मक सोच के साथ छात्रों को बदनाम करने के लिए अपने विवादित गीत को फिर से वायरल किया है. लेकिन इस बार छात्र उनकी इस नकारात्मक सोच को कामयाब नहीं होने देंगे.