प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के पूर्व उपाध्यक्ष आचार्य राजेश त्रिपाठी कोर्ट की अवमानना केस में फंस गए हैं. दरअसल सोशल मीडिया पर हाईकोर्ट की कार्यप्रणाली को लेकर अपमान जनक टिप्पणी करना उन पर भारी पड़ा है. हाईकोर्ट ने उनके खिलाफ स्वतः संज्ञान लेते हुए आपराधिक अवमानना की कार्रवाई शुरू कर दी है.
मंगलवार को उनके खिलाफ अवमानना का केस मुख्य न्यायमूर्ति गोविंद माथुर और न्यायमूर्ति रमेश सिन्हा की बेंच में लगा था. हालांकि न्यायमूर्ति रमेश सिन्हा द्वारा खुद को सुनवाई से अलग कर लेने के कारण मामले को नई पीठ के समक्ष नामित करने का आदेश दिया गया है.
अवमानना की कार्रवाई शुरू करने की आधिकारिक वजह फिलहाल स्पष्ट नहीं है. खुद राजेश त्रिपाठी भी अवमानना कार्रवाई की सही वजह से भिज्ञ नहीं हैं. उनका कहना कि एक लिस्टेड मुकदमे को लेकर सोशल मीडिया पर टिप्पणी की थी.
इस टिप्पणी के खिलाफ महानिबंधक को शिकायत भेजी गई है. राजेश त्रिपाठी ने कहा कि हो सकता है, इसे लेकर उनके खिलाफ अवमानना की कार्रवाई शुरू की गई हो.