प्रयागराज: संगम नगरी में नाले बजबजा रहे हैं और विभाग कुंभकर्णी नींद सो रहा है. मानसून के दस्तक से पहले शहर के हालात ये हैं कि अगर तेज बारिश हो जाए तो नाले चोक हो सकते हैं. आधे से ज्यादा नालों की सफाई अभी तक नहीं हुई है. उधर, नगर निगम का दावा है कि 1 हफ्ते में नालों की सफाई करा दी जाएगी.
पिछले दिनों लोगों के घरों में घुसा था पानी
अभी हाल ही में जब बारिश हुई थी तो नाले चोक होने के कारण लोगों के घरों में पानी घुस गया था. तब, शहरवासियों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा था. शहर में हमेशा देखा गया है कि बरसात आने के एक महीने पहले नालों की सफाई कर दी जाती थी, ताकि नालों का पानी बरसात के कारण सड़कों पर न आए.
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क्या कहती हैं महापौर अभिलाशा गुप्ता
महापौर अभिलाषा गुप्ता नंदी का दावा है कि लगभग 75 प्रतिशत नालों की सफाई कम्प्लीट कर ली गई है. बाकी बचे नालों की सफाई 1 सप्ताह के भीतर कर ली जाएगी. नालों की सफाई के लिए बजट भी बढ़ा दिया गया है. मेयर का कहना है कि नालों की सफाई तीन तरह से कराई जा रही है. मैन पॉवर, मशीन से और ठेकेदारी के माध्यम से नालों की सफाई पर जोर दिया जा रहा है. डीप ड्रेन की सफाई भी की जा रही है.
महापौर ने समझया जलभराव का अंकगणित
महापौर ने कहा कि जो लोग जलभराव के बात कहते हैं, वो जान लें कि अगर बारिश के बाद चार घण्टे में पानी निकल जाता है तो वह जलभराव नहीं होता, क्योंकि जो नाले बनाये जाते हैं वो क्षमता के आधार पर बनाये जाते हैं. इन तमाम बातों से अलग शहरवासी डरे हुए हैं क्योंकि पहले भी वह बाढ़ की स्थिति झेल चुके हैं. उनके घरों और प्रतिष्ठानों में पानी घुस चुका है. वे इससे काफी नुकसान भी झेल चुके हैं.