प्रयागराज: उत्तर मध्य रेलवे में रविवार को रेलवे संबंधी दावों को लेकर के होने वाली सुनवाई के लिए रेलवे ट्रिब्यूनल बेंच का उद्घाटन प्रयागराज के बाल्मीकि चौराहे के पास हुआ. ट्रिब्यूनल का उद्घाटन इलाहाबाद उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश गोविंद माथुर ने किया.
पीड़ितों को उनके द्वार पर मिलेगा न्याय
इस अवसर पर गोविंद माथुर ने कहा कि यदि व्यक्ति के पास दृष्टि ज्ञान एवं ऊर्जा है तो सफलता निश्चित है. इस बेंच की स्थापना से पीड़ितों को न्याय उन्हें द्वार पर मिलेगा. साथ ही कहा कि इलाहाबाद बार एसोसिएशन देश भर में सबसे प्रतिष्ठित बार है, जिसका पूरा सहयोग मिलेगा. इससे गरीब और पीड़ितों को जल्द न्याय मिलेगा.
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गरीबों को नहीं जाना पड़ेगा दूर
कार्यक्रम के दौरान अध्यक्ष रेल दावा अधिकरण के एस आहलुवालिया ने कहा कि न्याय लोगों को द्वार पर मिलना चाहिए. रेलवे क्लेम के प्रकार अधिकांश गरीबों के होते हैं. अभी तक इसके लिए गरीबों को दूर जाना पड़ता था, लेकिन आज यहां पर इस ट्रिब्यूनल की स्थापना हो जाने से उन्हें त्वरित न्याय मिलेगा.
12 सितंबर को जारी हुआ था नोटिफिकेशन
अध्यक्ष रेल दावा अधिकरण के एस आहलुवालिया ने कहा कि प्रयागराज में जल्द ही आरसीटी के लिए एक नई बिल्डिंग का निर्माण किया जाएगा. बता दें कि रेल दावा अधिकरण प्रयागराज बेंच की स्थापना के लिए 12 सितंबर को नोटिफिकेशन जारी किया गया था. इसे त्वरित गति से कार्य करते हुए रविवार को चालू कर दिया गया. यहां पर कुल 17 जिलों के मामलों की सुनवाई हो सकेगी.
लंबित प्रकरणों का जल्द हो सकेगा निस्तारण
उत्तर मध्य रेलवे के महाप्रबंधक राजीव चौधरी ने उद्घाटन अवसर पर कहा कि रेल दावा अधिकरण लखनऊ में लगभग 6300 मामले लंबित हैं. इस बेंच की स्थापना के बाद लंबित प्रकरणों का निस्तारण जल्दी हो सकेगा. बता दें कि प्रयागराज में ट्रिब्यूनल बेंच की स्थापना होने से लखनऊ में लंबित मामलों में लगभग 1900 प्रयागराज स्थानांतरित होंगे, जिसकी सुनवाई यहां पर की जाएगी. इससे पहले यहां पर 907 केसों को स्थानांतरित किया जा चुका है.