प्रयागराजः इलाहाबाद हाईकोर्ट ने लखनऊ में जीएसटी अधिकरण की राज्य पीठ के गठन की राज्य सरकार की संस्तुति एवं जीएसटी काउंसिल के सरकारी प्रस्ताव को 12जून को स्वीकार करने को रद करने की याचिका संशोधन अर्जी मंजूर कर ली है. अर्जी में जीएसटी काउंसिल की 39वीं बैठक में प्रयागराज में राज्य पीठ व चार एरिया पीठ गठित करने के पूर्व में पारित प्रस्ताव को बहाल कर अधिसूचना जारी करने की मांग की गयी है.
25 जनवरी को होगी सुनवाई
याची का कहना है कि जीएसटी काउंसिल का राज्य सरकार की सिफारिश पर अपने फैसले पर पुनर्विचार करना धारा 109 का खुला उल्लंघन है. कोर्ट ने राज्य सरकार व भारत सरकार से संशोधित याचिका पर जवाब दाखिल करने का समय दिया है. याचिका की अगली सुनवाई 25 जनवरी को होगी. यह आदेश न्यायमूर्ति एस पी केशरवानी तथा न्यायमूर्ति डा. वाई के श्रीवास्तव की खंडपीठ ने मेसर्स टार्क फार्मास्यूटिकल्स प्रा लि कंपनी की याचिका पर दिया है.
14 मार्च को पीठ के गठन का प्रस्ताव हुआ था पारित
याचिका पर याची के अधिवक्ता निशान्त मिश्र, भारत सरकार के अपर सालीसिटर जनरल शशिप्रकाश सिंह, भारत सरकार के अधिवक्ता कृष्ण जी शुक्ल, कृष्णा अग्रवाल, अनंत तिवारी, उत्पाद एवं वस्तु कर विभाग के अधिवक्ता आर सी शुक्ल व राज्य सरकार के विशेष अधिवक्ता सीबी त्रिपाठी ने पक्ष रखा. याची के अधिवक्ता का कहना है कि जीएसटी काउंसिल ने 14मार्च 2020 की बैठक में इलाहाबाद में राज्य अधिकरण एवं गाजियाबाद, लखनऊ, वाराणसी व आगरा में चार एरिया पीठ गठन का प्रस्ताव पारित किया था.
लखनऊ में राज्य अधिकरण गठन प्रस्ताव को चुनौती
इसके बाद राज्य सरकार ने 29 मई 2020 को लखनऊ में राज्य अधिकरण पीठ गठित करने की सिफारिश की. जिसपर 12 जून 2020 को जीएसटी काउंसिल की दोबारा हुई बैठक में राज्य सरकार के सुझाव को स्वीकार कर लिया गया और पुराने फैसले को पलट दिया गया. इसकी जानकारी होने पर याचिका संशोधित कर जीएसटी काउंसिल के दोबारा लिए गये निर्णय की वैधता को चुनौती दी गई है. जीएसटी कानून की धारा 109 काउंसिल को राज्य अधिकरण पीठ गठित करने का पूरा स्वतंत्र अधिकार देती है. इसमे किसी को हस्तक्षेप करने या सिफारिश करने का अधिकार नहीं है. केवल एरिया पीठ के संबंध मे राज्य सरकार से सलाह ली जा सकती है. काउन्सिल के कानूनी उपबंधों के विपरीत लिए गये निर्णय की वैधता को चुनौती दी गई है.