प्रयागराजः अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि के संदिग्ध सुसाइड मामले की जांच में जुटी केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) अब आनंद गिरि का नार्को टेस्ट करवा सकती है. क्योंकि अभी तक CBI को महंत की मौत से जुड़े कई साक्ष्य हासिल नहीं हुए हैं. इसके साथ ही जिस वीडियो का जिक्र महंत नरेंद्र गिरि के पास से बरामद सुसाइड नोट में किया गया था, वह भी नहीं मिला है.
बता दें कि कोर्ट में अर्जी दाखिल करने के बाद ही सीबीआई आनंद गिरि का नार्को टेस्ट करवा सकती है. कोर्ट की अनुमति के बिना नार्को टेस्ट करवाना सम्भव नहीं है. कोर्ट की अनुमति के बिना नार्को टेस्ट तभी सम्भव है जब आरोपी खुद इस जांच के लिए अपनी रजामंदी प्रदान करें. लेकिन ज्यादातर मामलों में आरोपी खुद से इजाजत नहीं देते हैं. लिहाजा सीबीआई कोर्ट से नार्को टेस्ट के लिए अनुमति लेनी पड़ेगी.
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इलाहाबाद हाईकोर्ट के अधिवक्ता सैयद कासिफ अब्बास रिजवी का कहना है कि जिस तरह से पुलिस के सामने दिए गए बयान को कोर्ट में नहीं माना जाता है.उसी तरह से नार्को टेस्ट में दिए गए बयान को भी कोर्ट में नहीं माना जाता है. लेकिन इस जांच के दौरान मिली जानकारी के आधार पर बरामद किए केस से जुड़े साक्ष्य बरामद होते हैं तो उन साक्ष्यों को कोर्ट में जरूर मान्यता मिलती है. सीबीआई अब इस केस में साक्ष्य जुटाने के लिए प्रयागराज से लेकर हरिद्वार तक जांच का दायरा बढ़ा चुकी है. वहीं आनंद गिरि के वकील विजय द्विवेदी का कहना है कि सीबीआई नार्को टेस्ट की अनुमति के लिए अर्जी डालती है तो वो उसका पुरजोर विरोध करेंगे.