प्रयागराज : इलाहाबाद सेंट्रल यूनिवर्सिटी में शोर मचाने पर तीन छात्र नेताओं के खिलाफ केस दर्ज किया गया है. यूनिवर्सिटी प्रशासन की तहरीर में कर्नलगंज थाने में पुलिस ने केस दर्ज कर मामले की जांच शुरू कर दी है, वहीं जिन तीन छात्रों के खिलाफ केस दर्ज किया गया है उनका कहना है कि यह इलाहाबाद सेंट्रल यूनिवर्सिटी की वाइस चांसलर और वहां के प्रशासनिक अफसरों की तानाशाही है. छात्रों की आवाज को दबाने के लिए ही उनके ऊपर शांतिपूर्वक ढंग से विरोध प्रदर्शन करने के लिए केस दर्ज किया गया है.
तीन छात्रों के खिलाफ दर्ज हुआ नामजद मुकदमा : इलाहाबाद सेंट्रल यूनिवर्सिटी के चीफ प्रॉक्टर प्रो हर्ष कुमार की तरफ से दी गयी तहरीर में आरोप लगाया गया है कि छात्रों ने यूनिवर्सिटी कैम्पस के पीस जोन में शोर मचाया. विरोध प्रदर्शन किया पुतला फूंका, जिससे उस जोन की शांति भंग हुई है. इसी वजह से चीफ प्रॉक्टर की तरफ से तीन छात्रों के खिलाफ नामजद केस दर्ज किया गया है. विश्वविद्यालय प्रशासन की तरफ से दी गयी तहरीर पर कर्नलगंज थाने में अजय सिंह सम्राट, आशुतोष उर्फ राहुल पटेल, हरेंद्र कुमार के खिलाफ नामजद मुकदमा दर्ज किया गया है. आरोप है कि 12 मई को इन छात्र नेताओं ने यूनिवर्सिटी परिसर में हंगामा एवं उपद्रव करते हुए अपने साथियों के साथ मिलकर शांतिपूर्ण ढंग से चल रही परीक्षाओं के दौरान शोर शराबा और हंगामा किया, जिससे परीक्षा दे रहे परीक्षार्थियों को काफी असुविधा हुई है. नामजद छात्रों पर आरोप है कि इन लोगों ने कुलपति कार्यालय के सामने कई पुतले भी फूंके थे.
तहरीर के मुताबिक, विश्वविद्यालय के द्वारा कुलपति कार्यालय के पास एक निर्धारित सीमा क्षेत्र के अंदर जो शांति क्षेत्र घोषित किया गया है वहां पर इस प्रकार का कोई विरोध प्रदर्शन हल्ला मचाना पूरी तरह से प्रतिबंधित किया गया है. उसके बावजूद उस इलाके में छात्रों ने शोर मचाया था. इस वजह से पीस ज़ोन में शोर मचाना विरोध प्रदर्शन करना विश्वविद्यालय की अनुशासन संहिता का उल्लंघन है. इस कारण वहां विरोध प्रदर्शन करते हुए हल्ला मचाने वालों के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की गई है, जबकि इससे पहले भी इस पीस ज़ोन में अक्सर छात्र विरोध प्रदर्शन करते रहे हैं.
छात्रों ने बताया यूनिवर्सिटी प्रशासन की तानाशाही : छात्रों पर दर्ज किए गए इस केस के बाद नामजद छात्रों ने इस केस को विश्वविद्यालय प्रशासन की तानाशाही करार दिया है. छात्रनेता अजय यादव सम्राट का कहना है कि 'उन लोगों पर दर्ज किया गया केस तानाशाही का परिणाम है. छात्र अपनी मांगों को लेकर शांतिपूर्ण तरीके से विरोध प्रदर्शन करते रहे हैं, लेकिन विश्वविद्यालय प्रशासन ने छात्रों की आवाज़ दबाने के लिए इस तरह का केस दर्ज करवाया है. पुलिस द्वारा छात्रों पर दर्ज किए गए इस केस का भी अब छात्र विरोध करेंगे.'
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