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विवादित प्रश्नों की उत्तर कुंजी पर अभ्यर्थियों ने किया प्रदर्शन

यूपी के प्रयागराज में 69,000 शिक्षक भर्ती मामले में शनिवार को अभ्यर्थियों ने परीक्षा नियामक प्राधिकारी कार्यालय पर प्रदर्शन किया. इस दौरान अभ्यर्थियों ने विवादित प्रश्नों की उत्तर कुंजी मामले में निस्तारण के बाद ही तीसरी काउंसलिंग की गुहार लगाई.

अभ्यर्थियों ने किया प्रदर्शन
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Published : Jan 3, 2021, 1:53 AM IST

प्रयागराज: 69 हजार शिक्षक भर्ती की उत्तर कुंजी में विवादित प्रश्नों को लेकर अभ्यर्थियों ने परीक्षा नियामक प्राधिकारी(पीएनपी) कार्यालय पर प्रर्दशन किया. इस दौरान अभ्यर्थियों ने ज्ञापन सौंपकर जल्द मामले के निस्तारण की मांग की है. अभ्यर्थियों का कहना है कि उत्तर कुंजी मामले के निस्तारण के बाद ही तीसरी काउंसलिंग कराई जाए.

तीन से चार प्रश्न हैं विवादित
प्रदर्शन कर रहे अभ्यर्थियों का कहना है कि जारी अंतिम उत्तर कुंजी में लगभग तीन से चार प्रश्न विवादित हैं. इन विवादित प्रश्नों को दो से अधिक उत्तर हैं. जिसे लेकर उच्च न्यायालय इलाहाबाद और लखनऊ बेंच में याचिका भी दाखिल की गई थी. विवादित प्रश्नों को लेकर लखनऊ खंडपीठ ने गत वर्ष तीन जून, 2020 को भर्ती प्रक्रिया पर रोक लगा दी थी. हालांकि लखनऊ की डबल बेंच ने भर्ती पर लगी रोक को हटा लिया था.

सर्वोच्च न्यायालय में दाखिल की थी याचिका
विवादित प्रश्न से संबंधित मामले को लेकर सभी अभ्यर्थियों ने सर्वोच्च न्यायालय में याचिका दाखिल की. याचिका पर सर्वोच्च न्यायालय ने उत्तर कुंजी से संबंधित सभी याचिकाओं को टैग कर सात जुलाई, 2020 को लखनऊ डबल बेंच को निर्देश दिया. सर्वोच्च न्यायालय ने अपने निर्देश में कहा कि विवादित प्रश्नों की जांच कर दो माह के भीतर उत्तर कुंजी मामले को जल्द से जल्द निस्तारित करें.

10,000 सीटें हैं अभी भी रिक्त
सुप्रीम कोर्ट के आदेश को लगभग पांच माह बीत चुके हैं लेकिन न्यायालय से आज तक कोई फैसला नहीं आया है. पीड़ित अभ्यर्थियों का कहना है कि 69 हजार शिक्षक भर्ती अंतिम दौर में है देखा जाए तो शिक्षक भर्ती में अभी भी 8,000 से 10,000 सीटें रिक्त हैं. अभ्यर्थियों की मांग है कि उत्तर कुंजी में विवादित प्रश्नों पर न्यायालय से फैसला आने के बाद ही तीसरी काउंसलिंग कराई जाए. इन प्रश्नों के एनसीईआरटी की पुस्तकों में भी प्रश्नों के उत्तर सही लिखे हैं, सभी साक्ष्यों को न्यायालय में संलग्न भी किया गया है.

अभ्यर्थियों ने लगाई गुहार
बता दें कि इसमें बहुत से ऐसे अभ्यर्थी हैं, जिनके गुणांक काफी अधिक हैं लेकिन परीक्षा नियामक प्राधिकारी प्रयागराज द्वारा प्रश्नों के उत्तर सही न मानने के कारण हजारों छात्रों का भविष्य अधर में लटक गया है. इसी के चलते शनिवार को प्रदेश के अलग-अलग जिलों से आए अभ्यर्थियों ने शांतिपूर्वक ढंग से प्रदर्शन किया. अभ्यर्थियों ने न्यायालय से मांग की है कि उत्तर कुंजी में विवादित प्रश्नों का मामला न्यायालय से निस्तारित होने के बाद ही शिक्षक भर्ती के रिक्त पद भरे जाएं.

प्रयागराज: 69 हजार शिक्षक भर्ती की उत्तर कुंजी में विवादित प्रश्नों को लेकर अभ्यर्थियों ने परीक्षा नियामक प्राधिकारी(पीएनपी) कार्यालय पर प्रर्दशन किया. इस दौरान अभ्यर्थियों ने ज्ञापन सौंपकर जल्द मामले के निस्तारण की मांग की है. अभ्यर्थियों का कहना है कि उत्तर कुंजी मामले के निस्तारण के बाद ही तीसरी काउंसलिंग कराई जाए.

तीन से चार प्रश्न हैं विवादित
प्रदर्शन कर रहे अभ्यर्थियों का कहना है कि जारी अंतिम उत्तर कुंजी में लगभग तीन से चार प्रश्न विवादित हैं. इन विवादित प्रश्नों को दो से अधिक उत्तर हैं. जिसे लेकर उच्च न्यायालय इलाहाबाद और लखनऊ बेंच में याचिका भी दाखिल की गई थी. विवादित प्रश्नों को लेकर लखनऊ खंडपीठ ने गत वर्ष तीन जून, 2020 को भर्ती प्रक्रिया पर रोक लगा दी थी. हालांकि लखनऊ की डबल बेंच ने भर्ती पर लगी रोक को हटा लिया था.

सर्वोच्च न्यायालय में दाखिल की थी याचिका
विवादित प्रश्न से संबंधित मामले को लेकर सभी अभ्यर्थियों ने सर्वोच्च न्यायालय में याचिका दाखिल की. याचिका पर सर्वोच्च न्यायालय ने उत्तर कुंजी से संबंधित सभी याचिकाओं को टैग कर सात जुलाई, 2020 को लखनऊ डबल बेंच को निर्देश दिया. सर्वोच्च न्यायालय ने अपने निर्देश में कहा कि विवादित प्रश्नों की जांच कर दो माह के भीतर उत्तर कुंजी मामले को जल्द से जल्द निस्तारित करें.

10,000 सीटें हैं अभी भी रिक्त
सुप्रीम कोर्ट के आदेश को लगभग पांच माह बीत चुके हैं लेकिन न्यायालय से आज तक कोई फैसला नहीं आया है. पीड़ित अभ्यर्थियों का कहना है कि 69 हजार शिक्षक भर्ती अंतिम दौर में है देखा जाए तो शिक्षक भर्ती में अभी भी 8,000 से 10,000 सीटें रिक्त हैं. अभ्यर्थियों की मांग है कि उत्तर कुंजी में विवादित प्रश्नों पर न्यायालय से फैसला आने के बाद ही तीसरी काउंसलिंग कराई जाए. इन प्रश्नों के एनसीईआरटी की पुस्तकों में भी प्रश्नों के उत्तर सही लिखे हैं, सभी साक्ष्यों को न्यायालय में संलग्न भी किया गया है.

अभ्यर्थियों ने लगाई गुहार
बता दें कि इसमें बहुत से ऐसे अभ्यर्थी हैं, जिनके गुणांक काफी अधिक हैं लेकिन परीक्षा नियामक प्राधिकारी प्रयागराज द्वारा प्रश्नों के उत्तर सही न मानने के कारण हजारों छात्रों का भविष्य अधर में लटक गया है. इसी के चलते शनिवार को प्रदेश के अलग-अलग जिलों से आए अभ्यर्थियों ने शांतिपूर्वक ढंग से प्रदर्शन किया. अभ्यर्थियों ने न्यायालय से मांग की है कि उत्तर कुंजी में विवादित प्रश्नों का मामला न्यायालय से निस्तारित होने के बाद ही शिक्षक भर्ती के रिक्त पद भरे जाएं.

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