प्रयागराज: भाजपा के वरिष्ठ नेता और मध्य प्रदेश के दिवंगत राज्यपाल लालजी टंडन की अस्थियां शुक्रवार को संगम में विसर्जित कर दी गईं. लालजी टंडन की अस्थियां उनके मझले बेटे सुबोध टंडन अपने परिवार सहित लेकर प्रयागराज पहुंचे थे. वीआईपी घाट से बोट के जरिए संगम जाकर उन्होंने अस्थियां संगम में प्रवाहित की. इस मौके पर तीर्थ पुरोहितों ने वैदिक मंत्रोच्चार के साथ विधिविधान से अस्थि विसर्जन सम्पन्न कराया.
प्रयागराज से था गहरा नाता
अस्थि विसर्जन के बाद स्वर्गीय लालजी टंडन के ओएसडी रहे संजय चौधरी ने बताया कि प्रयागराज से लालजी टंडन का काफी गहरा नाता रहा है. 2001 के कुम्भ में नगर विकास मंत्री रहते हुए उन्होंने कुम्भ के आयोजन को सम्पन्न कराया था. इसके साथ ही प्रयागराज के विकास से भी वे सीधे तौर पर जुड़े रहे. वह ऐसे राजनेता थे, जिन्हें 19वीं और 20वीं दोनों शताब्दियों में कुम्भ के आयोजन कराने का मौका मिला था. ओएसडी ने बताया कि अयोध्या में श्री राम जन्मभूमि आन्दोलन से भी उनके जुड़े रहने के चलते संगम के बाद उनकी अस्थियां अयोध्या स्थित सरयू नदी और हरिद्वार में गंगा नदी में भी विसर्जित की जाएंगी.
संगम में अस्थि विसर्जन का है खास महत्व
तीर्थ पुरोहित दीपू मिश्रा ने कहा कि संगम में अस्थि विसर्जन का खास महत्व है. भागीरथी ने अपने पूर्वजों को तारने के लिए मां गंगा को पृथ्वी पर अवतरित किया था. तभी से यह परम्परा चलती आ रही है. दीपू मिश्रा ने बताया कि स्वर्गीय लालजी टंडन को हजारों वर्षों तक मोक्ष और मुक्ति मिले, इसी कामना को लेकर वैदिक मंत्रोच्चार के साथ अस्थि विसर्जन सम्पन्न कराया गया है. अस्थि विसर्जन से पहले संगम के वीआईपी घाट पर श्रद्धांजलि सभा हुई. जिसमें स्वर्गीय लालजी टंडन के अभिन्न मित्र पश्चिम बंगाल के पूर्व गवर्नर पंडित केशरी नाथ त्रिपाठी ने भी श्रद्धांजलि दी.
इस मौके पर मेयर अभिलाषा गुप्ता नंदी, बीजेपी विधायक हर्ष वर्धन बाजपेयी, विधायक संजय गुप्ता और पूर्व मंत्री नरेन्द्र सिंह गौर ने भी श्रद्धासुमन अर्पित किए. बीजेपी के स्थानीय नेताओं ने भी स्वर्गीय लालजी टंडन को भावभीनी श्रद्धांजलि दी.