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संगम नगरी में ऐसे मन रहा भैया दूज, गंगा नहीं यमुना में लग रही डुबकी

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Published : Nov 16, 2020, 2:11 PM IST

भाई-बहनों के आपसी प्यार और स्नेह के प्रतीक का त्योहार भैया दूज संगम नगरी प्रयागराज में भी पूरी आस्था के साथ मनाया जा रहा है. संगम नगरी में इस मौके पर बहनें टीका और अक्षत लगाकर भाइयों की आरती उतार रही हैं.

भाई-बहनों के प्यार का त्यौहार आज
भाई-बहनों के प्यार का त्यौहार आज

प्रयागराज: भाई-बहनों के आपसी प्यार और स्नेह के प्रतीक का त्योहार भैया दूज संगम नगरी प्रयागराज में भी पूरी आस्था के साथ मनाया जा रहा है. संगम नगरी में इस मौके पर बहनें टीका और अक्षत लगाकर भाइयों की आरती उतार रही हैं और उन्हें अपने हाथों से मिठाई और खीर खिलाकर उनकी लम्बी उम्र और सलामती की कामना कर रही हैं. साथ में भाई भी उन्हें खुश करने का कोई मौका नहीं छोड़ रहे हैं. बहनों को स्नेह और आशीर्वाद के साथ ही तोहफे भी दे रहे हैं.

यमराज से जुड़ी है भाईदूज की कहानी
परम्पराओं के मुताबिक़, भाई-बहन इस ख़ास मौके पर एक साथ मिलकर यमुना नदी में आस्था की डुबकी भी लगा रहे हैं. मान्यता है कि भैया दूज पर जो भी भाई यमुना में डुबकी लगाने के बाद अपनी बहन के घर जाकर उसे टीका लगवाता है, उसे न तो अकाल मौत का सामना करना पड़ता है और न ही नरक की यातना भुगतनी पड़ती है. यमुना और यमराज की कथा जुड़ी होने से भैया दूज को यम द्वितीया के नाम से भी मनाया जाता है. संगम नगरी प्रयागराज में यमुना नदी के साथ ही पूरे यम परिवार की मौजूदगी की वजह से यहां भैया दूज का विशेष महत्व है. इस मौके पर यहां यमुना के घाटों पर स्नान करने वालों की काफी भीड़ होती है और भव्य मेला भी लगता है. आज के दिन गंगा की बजाय यमुना में डुबकी लगाते हैं लोग. भाई दूज के मौके पर सुबह से ही यमुना के विभिन्न घाटों पर हज़ारों श्रद्धालु आस्था की डुबकी लगा रहे हैं. हालांकि कोविड की वजह से इस बार घाटों पर पहले जैसी चहल-पहल और भीड़-भाड़ नहीं है.

प्रयागराज: भाई-बहनों के आपसी प्यार और स्नेह के प्रतीक का त्योहार भैया दूज संगम नगरी प्रयागराज में भी पूरी आस्था के साथ मनाया जा रहा है. संगम नगरी में इस मौके पर बहनें टीका और अक्षत लगाकर भाइयों की आरती उतार रही हैं और उन्हें अपने हाथों से मिठाई और खीर खिलाकर उनकी लम्बी उम्र और सलामती की कामना कर रही हैं. साथ में भाई भी उन्हें खुश करने का कोई मौका नहीं छोड़ रहे हैं. बहनों को स्नेह और आशीर्वाद के साथ ही तोहफे भी दे रहे हैं.

यमराज से जुड़ी है भाईदूज की कहानी
परम्पराओं के मुताबिक़, भाई-बहन इस ख़ास मौके पर एक साथ मिलकर यमुना नदी में आस्था की डुबकी भी लगा रहे हैं. मान्यता है कि भैया दूज पर जो भी भाई यमुना में डुबकी लगाने के बाद अपनी बहन के घर जाकर उसे टीका लगवाता है, उसे न तो अकाल मौत का सामना करना पड़ता है और न ही नरक की यातना भुगतनी पड़ती है. यमुना और यमराज की कथा जुड़ी होने से भैया दूज को यम द्वितीया के नाम से भी मनाया जाता है. संगम नगरी प्रयागराज में यमुना नदी के साथ ही पूरे यम परिवार की मौजूदगी की वजह से यहां भैया दूज का विशेष महत्व है. इस मौके पर यहां यमुना के घाटों पर स्नान करने वालों की काफी भीड़ होती है और भव्य मेला भी लगता है. आज के दिन गंगा की बजाय यमुना में डुबकी लगाते हैं लोग. भाई दूज के मौके पर सुबह से ही यमुना के विभिन्न घाटों पर हज़ारों श्रद्धालु आस्था की डुबकी लगा रहे हैं. हालांकि कोविड की वजह से इस बार घाटों पर पहले जैसी चहल-पहल और भीड़-भाड़ नहीं है.

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