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उमा भारती के खिलाफ महोबा कोर्ट में आपराधिक मुकदमे की सुनवाई पर रोक हटी

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने उमा भारती के खिलाफ महोबा कोर्ट में आपराधिक मुकदमे की सुनवाई पर रोक हटा दी है. हाईकोर्ट ने लंबे समय से विचाराधीन याचिका को अंतिम निस्तारण के लिए 6 जनवरी को पेश करने का निर्देश दिया है.

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Published : Dec 19, 2020, 1:21 PM IST

उमा भारती के खिलाफ महोबा कोर्ट में आपराधिक मुकदमे की सुनवाई पर रोक हटी
उमा भारती के खिलाफ महोबा कोर्ट में आपराधिक मुकदमे की सुनवाई पर रोक हटी

प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने पूर्व केन्द्रीय मंत्री उमा भारती व अन्य के खिलाफ महोबा की अदालत में चल रही आपराधिक मुकदमे की कार्रवाई पर लगी रोक हटा ली है. लंबे समय से विचाराधीन याचिका को अंतिम निस्तारण के लिए 6 जनवरी को पेश करने का निर्देश दिया है. यह आदेश न्यायमूर्ति सुनीत कुमार ने उमा भारती व 6 अन्य की मुकदमे की वैधता की चुनौती याचिका पर दिया है.

मालूम हो कि जिला प्रशासन ने उमा भारती व उनके समर्थकों के खिलाफ सरकारी काम में बाधा डालने व निषेधाज्ञा का उल्लंघन करने के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई थी. घटना थाना चरखारी महोबा के अंतर्गत वर्ष 2012 की है. याची का कहना है कि यह केस राजनीति कारणों से दर्ज कराया गया है. वह विधान सभा चुनाव लड़ रही थी. झूठे आरोपों पर केस दर्ज कराया गया है.

कोर्ट ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने अधीनस्थ न्यायालय के मुकदमों पर रोक के सभी आदेशों को 6 माह तक सीमित कर दिया है. इसलिए अंतरिम आदेश विखंडित किया जा रहा है. अदालत मुकदमे की सुनवाई करने के लिए स्वतंत्र है. याची अधिवक्ता ने कोर्ट से समय मांगा, जिसपर कोर्ट ने यह कहते हुए 6 जनवरी की तिथि तय की है कि सुनवाई स्थगित नहीं होगी.

प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने पूर्व केन्द्रीय मंत्री उमा भारती व अन्य के खिलाफ महोबा की अदालत में चल रही आपराधिक मुकदमे की कार्रवाई पर लगी रोक हटा ली है. लंबे समय से विचाराधीन याचिका को अंतिम निस्तारण के लिए 6 जनवरी को पेश करने का निर्देश दिया है. यह आदेश न्यायमूर्ति सुनीत कुमार ने उमा भारती व 6 अन्य की मुकदमे की वैधता की चुनौती याचिका पर दिया है.

मालूम हो कि जिला प्रशासन ने उमा भारती व उनके समर्थकों के खिलाफ सरकारी काम में बाधा डालने व निषेधाज्ञा का उल्लंघन करने के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई थी. घटना थाना चरखारी महोबा के अंतर्गत वर्ष 2012 की है. याची का कहना है कि यह केस राजनीति कारणों से दर्ज कराया गया है. वह विधान सभा चुनाव लड़ रही थी. झूठे आरोपों पर केस दर्ज कराया गया है.

कोर्ट ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने अधीनस्थ न्यायालय के मुकदमों पर रोक के सभी आदेशों को 6 माह तक सीमित कर दिया है. इसलिए अंतरिम आदेश विखंडित किया जा रहा है. अदालत मुकदमे की सुनवाई करने के लिए स्वतंत्र है. याची अधिवक्ता ने कोर्ट से समय मांगा, जिसपर कोर्ट ने यह कहते हुए 6 जनवरी की तिथि तय की है कि सुनवाई स्थगित नहीं होगी.

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