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आजम खान के मौलाना जौहर अली ट्रस्ट रजिस्ट्रार को मिली इलाहाबाद हाईकोर्ट से राहत - Rotomac Global company owner Rahul Kothari gets bail

मौलाना जौहर अली ट्रस्ट के रजिस्ट्रार अदीब आजम व निफत अफलाख के खिलाफ रामपुर की विशेष अदालत में चल रहे आपराधिक मामलों की सुनवाई पर रोक जारी रखते इलाहाबाद हाईकोर्ट ने राहत दिया है. वहीं, रोटोमैक ग्लोबल कंपनी मालिक राहुल कोठारी को सशर्त अंतरिम जमानत मिल गई है.

इलाहाबाद हाईकोर्ट.
इलाहाबाद हाईकोर्ट.
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Published : Mar 9, 2022, 7:39 PM IST

प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मौलाना जौहर अली ट्रस्ट के रजिस्ट्रार अदीब आजम व निफत अफलाख के खिलाफ रामपुर की विशेष अदालत में चल रहे आपराधिक मामलों की सुनवाई पर रोक जारी रखते हुए राहत दिया है. राज्य सरकार की तरफ से याचिका पर जवाबी हलफनामा दाखिल किया गया. कोर्ट ने याची को 3 हफ्ते में जवाब दाखिल करने का समय दिया है. याचिका की अगली सुनवाई 4 अप्रैल को होगी. यह आदेश न्यायमूर्ति राजीव गुप्ता ने अदीब आजम की याचिका पर दिया है. उल्लेखनीय है कि मंगलवार को हाई कोर्ट ने एक मामले में आजम खां की जमानत मंजूर की थी.

हाईकोर्ट में दायर की गई याचिका में कानून का उल्लंघन करके जबरन बैनामा कराने के आरोप में चल रहे 27 आपराधिक केसों व चार्जशीट की वैधता को चुनौती दी गई है. याची का कहना है कि अजीमनगर थाने में पूर्व कैबिनेट मंत्री आजम खां के खिलाफ पुलिस क्षेत्राधिकारी द्वारा एफआइआर दर्ज कराई गई है. इन बैनामों से याची का कोई सरोकार नहीं है. ट्रस्ट का रजिस्ट्रार होने के कारण उसे फंसाया गया है.

कोर्ट ने पुलिस चार्जशीट पर बिना विवेक का इस्तेमाल किए संज्ञान लिया है. मुख्य आरोप आजम खां व आले हसन पर लगाया गया है. याची का नाम एफआईआर में नहीं है. उसने न कोई बैनामा कराया और न ही किसी को धमकी दी है. सरकार का कहना है कि ट्रस्ट के नाम जमीन का बैनामा कराया गया है. याची रजिस्ट्रार है, इसकी पूरी भूमिका है.

रोटोमैक ग्लोबल कंपनी मालिक राहुल कोठारी को मिली सशर्त अंतरिम जमानत
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कानपुर की रोटोमैक ग्लोबल कंपनी के मालिक राहुल कोठारी को सशर्त अंतरिम जमानत पर रिहा करने का निर्देश दिया है और सीरियस फ्राड विवेचना अधिकारी से अर्जी पर चार हफ्ते में जवाब मांगा है. अर्जी की सुनवाई 16 अप्रैल को होगी.

यह आदेश न्यायमूर्ति ओम प्रकाश सप्तम ने दिया है. कोर्ट ने कहा कि जमानत अर्जी खारिज होने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने मानवीय आधार पर याची को अंतरिम जमानत दी थी. जिसे 02 मार्च 2022 तक बढ़ाया गया. याची ने द्वितीय जमानत अर्जी दाखिल की है. उसने अंतरिम जमानत आदेश समाप्त होने के बाद 03 मार्च 2022 को अदालत में समर्पण किया. जिसे जेल भेज दिया गया है.

सुप्रीम कोर्ट ने पिता की मौत व मां के गंभीर रूप से बीमार होने और याची के एकलौते पुत्र होने के आधार पर अंतरिम जमानत दी थी. इसलिए याची जमानत अर्जी तय होने तक अंतरिम जमानत पाने का हकदार हैं. कोर्ट ने पासपोर्ट जमा करने सहित तमाम शर्तों का पालन करने का आदेश दिया है. कंपनी पर करोड़ों रुपये की धोखाधड़ी करने का आरोप है. जिसको लेकर अपर सत्र न्यायाधीश कानपुर में केस चल रहा है.

इसे भी पढे़ं- किशोरी से दुष्कर्म और हत्या के आरोपी की फांसी की सजा रद्द, तत्काल रिहा करने का निर्देश

प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मौलाना जौहर अली ट्रस्ट के रजिस्ट्रार अदीब आजम व निफत अफलाख के खिलाफ रामपुर की विशेष अदालत में चल रहे आपराधिक मामलों की सुनवाई पर रोक जारी रखते हुए राहत दिया है. राज्य सरकार की तरफ से याचिका पर जवाबी हलफनामा दाखिल किया गया. कोर्ट ने याची को 3 हफ्ते में जवाब दाखिल करने का समय दिया है. याचिका की अगली सुनवाई 4 अप्रैल को होगी. यह आदेश न्यायमूर्ति राजीव गुप्ता ने अदीब आजम की याचिका पर दिया है. उल्लेखनीय है कि मंगलवार को हाई कोर्ट ने एक मामले में आजम खां की जमानत मंजूर की थी.

हाईकोर्ट में दायर की गई याचिका में कानून का उल्लंघन करके जबरन बैनामा कराने के आरोप में चल रहे 27 आपराधिक केसों व चार्जशीट की वैधता को चुनौती दी गई है. याची का कहना है कि अजीमनगर थाने में पूर्व कैबिनेट मंत्री आजम खां के खिलाफ पुलिस क्षेत्राधिकारी द्वारा एफआइआर दर्ज कराई गई है. इन बैनामों से याची का कोई सरोकार नहीं है. ट्रस्ट का रजिस्ट्रार होने के कारण उसे फंसाया गया है.

कोर्ट ने पुलिस चार्जशीट पर बिना विवेक का इस्तेमाल किए संज्ञान लिया है. मुख्य आरोप आजम खां व आले हसन पर लगाया गया है. याची का नाम एफआईआर में नहीं है. उसने न कोई बैनामा कराया और न ही किसी को धमकी दी है. सरकार का कहना है कि ट्रस्ट के नाम जमीन का बैनामा कराया गया है. याची रजिस्ट्रार है, इसकी पूरी भूमिका है.

रोटोमैक ग्लोबल कंपनी मालिक राहुल कोठारी को मिली सशर्त अंतरिम जमानत
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कानपुर की रोटोमैक ग्लोबल कंपनी के मालिक राहुल कोठारी को सशर्त अंतरिम जमानत पर रिहा करने का निर्देश दिया है और सीरियस फ्राड विवेचना अधिकारी से अर्जी पर चार हफ्ते में जवाब मांगा है. अर्जी की सुनवाई 16 अप्रैल को होगी.

यह आदेश न्यायमूर्ति ओम प्रकाश सप्तम ने दिया है. कोर्ट ने कहा कि जमानत अर्जी खारिज होने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने मानवीय आधार पर याची को अंतरिम जमानत दी थी. जिसे 02 मार्च 2022 तक बढ़ाया गया. याची ने द्वितीय जमानत अर्जी दाखिल की है. उसने अंतरिम जमानत आदेश समाप्त होने के बाद 03 मार्च 2022 को अदालत में समर्पण किया. जिसे जेल भेज दिया गया है.

सुप्रीम कोर्ट ने पिता की मौत व मां के गंभीर रूप से बीमार होने और याची के एकलौते पुत्र होने के आधार पर अंतरिम जमानत दी थी. इसलिए याची जमानत अर्जी तय होने तक अंतरिम जमानत पाने का हकदार हैं. कोर्ट ने पासपोर्ट जमा करने सहित तमाम शर्तों का पालन करने का आदेश दिया है. कंपनी पर करोड़ों रुपये की धोखाधड़ी करने का आरोप है. जिसको लेकर अपर सत्र न्यायाधीश कानपुर में केस चल रहा है.

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