मैनपुरी: यूपी के मैनपुरी की साइबर पुलिस ने एक ऐसे गिरोह का पर्दाफाश किया है, जो डिजिटल अरेस्ट के माध्यम से लोगों से धोखाधड़ी कर बंटी और बावली के अंदाज में मोटी रकम वसूलते थे.
थाना कोतवाली शहर क्षेत्र के प्रजापति कॉलोनी के रहने वाले तेजपाल सिंह के साथ डिजिटल अरेस्ट कर धोखाधड़ी की गई थी. शिकायत के बाद मैनपुरी की साइबर पुलिस ने मामले में कार्रवाई करते हुए मंगलवार को एक महिला और एक पुरुष को गिरफ्तार किया है. पकड़े गए अभियुक्तों के पास से साढ़े पंद्रह हजार रुपये और तीन मोबाइल बरामद किए गए हैं.
पुलिस अधीक्षक मैनपुरी गणेश प्रसाद शाह ने बताया कि पकड़े गए अभियुक्त आकाश गुप्ता और तनु कश्यप का आपराधिक इतिहास है. पकड़े गए दोनों अभियुक्त ने डिजिटल अरेस्ट के माध्यम से खुद को क्राइम ब्रांच पुलिस अधिकारी दिल्ली का बताकर मैनपुरी के व्यक्ति को दहशत में लेकर 38 हजार रुपये की ठगी की थी. जिसका मैनपुरी की साइबर पुलिस ने खुलासा करते हुए बंटी और बबली को गिरफ्त में लिया है. गिरोह के फरार अभियुक्त विवेक कुशवाह की गिरफ्तारी के प्रयास किए जा रहे हैं.
उन्होंने बताया कि पकड़े गए अभियुक्तों में आकाश गुप्ता लुधियाना पंजाब और तनु कश्यप लखनऊ की रहने वाली है. जबकि फरार अभियुक्त विवेक कुशवाह जनपद कुशीनगर का रहने वाला है. वहीं पीड़ित ने बताया कि उसे फोन करके आरोपियों ने खुद को क्राइम ब्रांच दिल्ली का इंस्पेक्टर बताया और रेप के मामले में उसके बेटे और पांच अन्य साथियों के साथ पकड़ा है.
उन्होंने बताया कि ठगों ने पीड़ित को धमकी देकर कहा कि अगर वह अपने बेटे की बचाना चाहता हे तो पांच लाख रुपये दे और खाते में डाल दे. पीड़ित ने डर की वजह से 35 हजार रुपये आरोपियों के खाते में डाल दिए. उसके बाद पीड़ित को शक हुआ तो उसने पुलिस में पूरे मामले की शिकायत की. उसके बाद सायबर सेल जांच में जुटी.
आरोपियों ने पूंछताछ में बताया कि उसका दोस्त विवेक उन लोगों को नंबर लाकर देता था. इसके बाद दोनों आरोपी लोगों को फंसाते थे और बैंकों में फर्जी खाते खुलवाते थे, जिनसे यह पैसे निकालते थे.
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