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आजम खां को बड़ा झटका, राजस्व परिषद ने विवि ट्रस्ट को जमीन देने का आदेश किया निरस्त

राजस्व परिषद के आदेश से आजम खां को बड़ा झटका लगा है. परिषद ने जौहर विश्वविद्यालय मामले को मुरादाबाद के मंडालायुक्त के समक्ष भेज दिया. साथ ही परिषद ने इस प्रकरण को चार माह में निस्तारित करने को कहा है.

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आजम खां
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Published : Jan 29, 2020, 9:26 PM IST

प्रयागराज: सपा सांसद और पूर्व कैबिनेट मंत्री आजम खां को जौहर विश्विवद्यालय ट्रस्ट की जमीनों के मामले में राजस्व परिषद से बड़ा झटका लगा है. परिषद ने ट्रस्ट को नदी, चकरोड व रास्ते की जमीन देने को लेकर एसडीएम टांडा के आदेशों को निरस्त कर दिया है. वहीं प्रकरण को मुरादाबाद के मंडलायुक्त के समक्ष भेजते हुए उनसे चार माह में निस्तारित करने को कहा है.

ट्रस्ट के अध्यक्ष आजम खां की ओर से प्रस्तुत प्रार्थना पत्रों के आधार पर वाद दाखिल करके गांवसभा की 2.13 एकड़ जमीन जौहर विवि व कॉलेज की चारदीवारी के लिए और 14.95 एकड़ जमीन एक ही स्थान पर विश्वविद्यालय के लिए मांगी गई थी. एसडीएम टांडा ने सात जून 2012 व 13 सितंबर 2012 के आदेशों से विनिमय स्वीकार करते हुए इंदराज दुरुस्त करने का आदेश दिया. इन आदेशों के विरुद्ध सिंगनखेड़ा गांवसभा व राज्य सरकार की ओर से आयुक्त के समक्ष अपील दाखिल हुई.

इसे भी पढ़ें- गंगा यात्रा आज पहुंचेगी प्रयागराज, सीएम योगी त्रिवेणी घाट पर करेंगे पूजा-अर्चना

आयुक्त के आदेश के खिलाफ वर्ष 2017 में ये दोनों निगरानी दाखिल हुई थीं. शासकीय अधिवक्ता रेवेन्यू एवं गांवसभा के वकील ने तर्क दिया कि अवर न्यायालय के आदेश से चकरोड/रास्ते की जमीन का विनिमय कर दिया गया जो प्रावधान के विपरीत है. विनिमय के लिए सक्षम अधिकारी की अनुमति भी नहीं ली गई. परिषद के सदस्य न्यायिक श्याम सुंदर शर्मा ने निगरानियों पर मौखिक सुनवाई के बाद दोनों पक्षों से लिखित बहस पेश करने को कहा, लेकिन किसी भी पक्ष ने लिखित बहस नहीं दाखिल की.

सदस्य न्यायिक श्याम सुंदर शर्मा ने दोनों निगरानियां स्वीकार करते हुए दोनों अपीलें पुनर्जीवित करते हुए मंडलायुक्त मुरादाबाद को हिंचलाल तिवारी बनाम कमला देवी में सुप्रीम कोर्ट के फैसले और खचेड़ू बनाम बोर्ड ऑफ रेवेन्यू में इलाहाबाद हाईकोर्ट के निर्णय के अनुक्रम में मामले का निस्तारण करने का निर्देश दिया.

प्रयागराज: सपा सांसद और पूर्व कैबिनेट मंत्री आजम खां को जौहर विश्विवद्यालय ट्रस्ट की जमीनों के मामले में राजस्व परिषद से बड़ा झटका लगा है. परिषद ने ट्रस्ट को नदी, चकरोड व रास्ते की जमीन देने को लेकर एसडीएम टांडा के आदेशों को निरस्त कर दिया है. वहीं प्रकरण को मुरादाबाद के मंडलायुक्त के समक्ष भेजते हुए उनसे चार माह में निस्तारित करने को कहा है.

ट्रस्ट के अध्यक्ष आजम खां की ओर से प्रस्तुत प्रार्थना पत्रों के आधार पर वाद दाखिल करके गांवसभा की 2.13 एकड़ जमीन जौहर विवि व कॉलेज की चारदीवारी के लिए और 14.95 एकड़ जमीन एक ही स्थान पर विश्वविद्यालय के लिए मांगी गई थी. एसडीएम टांडा ने सात जून 2012 व 13 सितंबर 2012 के आदेशों से विनिमय स्वीकार करते हुए इंदराज दुरुस्त करने का आदेश दिया. इन आदेशों के विरुद्ध सिंगनखेड़ा गांवसभा व राज्य सरकार की ओर से आयुक्त के समक्ष अपील दाखिल हुई.

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आयुक्त के आदेश के खिलाफ वर्ष 2017 में ये दोनों निगरानी दाखिल हुई थीं. शासकीय अधिवक्ता रेवेन्यू एवं गांवसभा के वकील ने तर्क दिया कि अवर न्यायालय के आदेश से चकरोड/रास्ते की जमीन का विनिमय कर दिया गया जो प्रावधान के विपरीत है. विनिमय के लिए सक्षम अधिकारी की अनुमति भी नहीं ली गई. परिषद के सदस्य न्यायिक श्याम सुंदर शर्मा ने निगरानियों पर मौखिक सुनवाई के बाद दोनों पक्षों से लिखित बहस पेश करने को कहा, लेकिन किसी भी पक्ष ने लिखित बहस नहीं दाखिल की.

सदस्य न्यायिक श्याम सुंदर शर्मा ने दोनों निगरानियां स्वीकार करते हुए दोनों अपीलें पुनर्जीवित करते हुए मंडलायुक्त मुरादाबाद को हिंचलाल तिवारी बनाम कमला देवी में सुप्रीम कोर्ट के फैसले और खचेड़ू बनाम बोर्ड ऑफ रेवेन्यू में इलाहाबाद हाईकोर्ट के निर्णय के अनुक्रम में मामले का निस्तारण करने का निर्देश दिया.

प्रयागराज। विधि संवाददाता
सांसद व पूर्व कैबिनेट मंत्री मो. आजम खां को जौहर विश्विवद्यालय ट्रस्ट की जमीनों के मामले में राजस्व परिषद से बड़ा झटका लगा है। परिषद ने ट्रस्ट को नदी, चकरोड व रास्ते की जमीन देने को लेकर एसडीएम टांडा के आदेशों को निरस्त करते हुए प्रकरण मुरादाबाद के मंडलायुक्त के समक्ष भेजते हुए उनसे यह प्रकरण चार माह में निस्तारित करने को कहा है।
ट्रस्ट के अध्यक्ष आजम खां की ओर से प्रस्तुत प्रार्थना पत्रों के आधार पर वाद दाखिल करके गांवसभा की 2.13 एकड़ जमीन जौहर विवि व कॉलेज की चहारदीवारी के लिए और 14.95 एकड़ जमीन एक ही स्थान पर विश्वविद्यालय के लिए मांग की गई। एसडीएम टांडा ने सात जून 2012 व 13 सितंबर 2012 के आदेशों से विनिमय स्वीकार करते हुए इंद्राज दुरुस्त करने का आदेश दिया। इन आदेशों के विरुद्ध सिंगनखेड़ा गांवसभा व राज्य सरकार की और से आयुक्त के समक्ष अपील दाखिल हुईं।आयुक्त के आदेश के खिलाफ वर्ष 2017 में ये दोनों निगरानी दाखिल हुई थीं। शासकीय अधिवक्ता रेवेन्यू एवं गांवसभा के वकील ने तर्क दिया कि अवर न्यायालय के आदेश से चकरोड/रास्ते की जमीन का विनिमय कर दिया गया जो प्रावधान के विपरीत है। विनिमय के लिए सक्षम अधिकारी की अनुमति भी नहीं ली गई। परिषद के सदस्य न्यायिक श्याम सुंदर शर्मा ने निगरानियों पर मौखिक सुनवाई के बाद दोनों पक्षों से लिखित बहस पेश करने को कहा लेकिन किसी भी पक्ष ने लिखित बहस नहीं दाखिल की।
सदस्य न्यायिक श्री शर्मा ने दोनों निगरानियां स्वीकार करते हुए दोनों अपीलें पुनर्जीवित करते हुए मंडलायुक्त मुरादाबाद को हिंचलाल तिवारी बनाम कमला देवी में सुप्रीम कोर्ट के फैसले और खचेड़ू बनाम बोर्ड ऑफ रेवेन्यू में इलाहाबाद हाईकोर्ट के निर्णय के अनुक्रम में मामले का निस्तारण करने का निर्देश दिया।
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