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अतीक का बेटा अली जहां बनाना चाहता था ऑफिस वहां गरजा बुलडोजर - अतीक अहमद की ताजी न्यूज

प्रयागराज में अतीक अहमद का बेटा अली जिस जगह ऑफिस बनाना चाहता था वहां बुलडोजर गरजा. यह कार्रवाई नगर निगम की ओर से की गई. चलिए जानते हैं पूरी खबर के बारे में.

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Published : Aug 4, 2023, 3:43 PM IST

पीड़ित पक्ष की महिला ने दी यह जानकारी.

प्रयागराजः बाहुबली माफिया अतीक अहमद के बेटे अली की निगाह जिस जमीन पर थी शुक्रवार को उस जमीन को उसके कब्जे से मुक्त कराया गया. पीडीए की टीम ने यहां कब्जाई गईं दो दुकानों को बुलडोजर से ढहवा दिया. पीड़ित महिला ने बताया कि 1997 से उसकी जमीन पर माफिया की शह पर कब्जा किया गया था. साल भर पहले इसी जमीन पर अतीक अहमद का बेटा अली अहमद अपना कार्यालय बनाना चाहता था. महिला ने कहाकि अब उसे 25 साल के बाद माफिया के कब्जे से मुक्ति मिली है. आखिर उसके साथ इंसाफ हो ही गया.

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इसी जगह पर अली खोलना चाहता था ऑफिस.

करेली के जीटीबी नगर में माफिया अतीक के गुर्गों ने 300 वर्गगज के प्लाट के फ्रंट पर बनी दो बड़ी दुकानों पर कब्जा कर रहा था. जमीन के मालिक को अंदर भी नहीं जाने दिया जाता था, जिससे 25 साल पहले ली गई जमीन पर मकान भी नहीं बन सका था.

25 सालों से महिला और उसका पति इंसाफ की गुहार लगा रहे थे लेकिन कहीं सुनवाई नहीं हो रही थी. इसी बीच 11 जुलाई को गजाला बेगम की तरफ से दानिश शकील ने करेली थाने में अतीक अहमद के बेटे अली समेत 6 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करवाया. पीड़ित ने अली अहमद, परवेज अख्तर अंसारी, मो. सैफ, मो. फैज, शमीम मौलाना, महफूज मंसूर के खिलाफ केस दर्ज कराया.


महिला ने बताया कि अतीक का बेटा अली इस जगह अपना ऑफिस खोलना चाहता था. दो साल पहले अतीक के बेटे अली अहमद ने इस प्लाट पर अपना ऑफिस खोलने की बात कही थी. इस बीच अली अहमद जेल चला गया और उसका ऑफिस खुलने का काम शुरू नहीं हो सका. 15 अप्रैल को अतीक अशरफ की हत्या के बाद गजाला की तरफ से हिम्मत करके पुलिस में शिकायत की गयी. इसके बाद पुलिस ने छह लोगों के खिलाफ केस दर्ज कर मामले की जांच शुरू कर दी. इसी बीच आवास विकास परिषद की तरफ से गजाला बेगम के केस में कार्रवाई शुरू हुई.

अवैध कब्जे को हटाने के लिए पीडीए को पत्र लिखा गया. इसके बाद पीडीए की टीम ने पुलिस की कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच गजाला बेगम के प्लॉट पर बनायी गईं दोनों अवैध दुकानों को ध्वस्त कर दिया. इस मौके पर गजाला बेगम की तरफ से मौके पर मौजूद महिलाओं ने कहाकि 25 साल से ज्यादा समय के बाद उन्हें इंसाफ मिला है. उन्होंने जब से प्लॉट खरीदा था तब से उस पर अतीक अहमद के गुर्गों ने कब्जा कर रखा था. अब योगी सरकार के राज में उन्हें इंसाफ मिला है. 25 सालों तक उनकी सुनवाई कहीं नहीं हो रही थी. योगी राज में जिस तरह से माफियाओं पर कार्यवाई की जा रही है उसको देखकर उनके मन मे हिम्मत आई और उन्होंने पुलिस से शिकायत की. इसके बाद अब उन्हें माफिया के गुर्गों के कब्जे से खाली करवाकर दुकान को वापस दिलवाया गया.



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पीड़ित पक्ष की महिला ने दी यह जानकारी.

प्रयागराजः बाहुबली माफिया अतीक अहमद के बेटे अली की निगाह जिस जमीन पर थी शुक्रवार को उस जमीन को उसके कब्जे से मुक्त कराया गया. पीडीए की टीम ने यहां कब्जाई गईं दो दुकानों को बुलडोजर से ढहवा दिया. पीड़ित महिला ने बताया कि 1997 से उसकी जमीन पर माफिया की शह पर कब्जा किया गया था. साल भर पहले इसी जमीन पर अतीक अहमद का बेटा अली अहमद अपना कार्यालय बनाना चाहता था. महिला ने कहाकि अब उसे 25 साल के बाद माफिया के कब्जे से मुक्ति मिली है. आखिर उसके साथ इंसाफ हो ही गया.

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इसी जगह पर अली खोलना चाहता था ऑफिस.

करेली के जीटीबी नगर में माफिया अतीक के गुर्गों ने 300 वर्गगज के प्लाट के फ्रंट पर बनी दो बड़ी दुकानों पर कब्जा कर रहा था. जमीन के मालिक को अंदर भी नहीं जाने दिया जाता था, जिससे 25 साल पहले ली गई जमीन पर मकान भी नहीं बन सका था.

25 सालों से महिला और उसका पति इंसाफ की गुहार लगा रहे थे लेकिन कहीं सुनवाई नहीं हो रही थी. इसी बीच 11 जुलाई को गजाला बेगम की तरफ से दानिश शकील ने करेली थाने में अतीक अहमद के बेटे अली समेत 6 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करवाया. पीड़ित ने अली अहमद, परवेज अख्तर अंसारी, मो. सैफ, मो. फैज, शमीम मौलाना, महफूज मंसूर के खिलाफ केस दर्ज कराया.


महिला ने बताया कि अतीक का बेटा अली इस जगह अपना ऑफिस खोलना चाहता था. दो साल पहले अतीक के बेटे अली अहमद ने इस प्लाट पर अपना ऑफिस खोलने की बात कही थी. इस बीच अली अहमद जेल चला गया और उसका ऑफिस खुलने का काम शुरू नहीं हो सका. 15 अप्रैल को अतीक अशरफ की हत्या के बाद गजाला की तरफ से हिम्मत करके पुलिस में शिकायत की गयी. इसके बाद पुलिस ने छह लोगों के खिलाफ केस दर्ज कर मामले की जांच शुरू कर दी. इसी बीच आवास विकास परिषद की तरफ से गजाला बेगम के केस में कार्रवाई शुरू हुई.

अवैध कब्जे को हटाने के लिए पीडीए को पत्र लिखा गया. इसके बाद पीडीए की टीम ने पुलिस की कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच गजाला बेगम के प्लॉट पर बनायी गईं दोनों अवैध दुकानों को ध्वस्त कर दिया. इस मौके पर गजाला बेगम की तरफ से मौके पर मौजूद महिलाओं ने कहाकि 25 साल से ज्यादा समय के बाद उन्हें इंसाफ मिला है. उन्होंने जब से प्लॉट खरीदा था तब से उस पर अतीक अहमद के गुर्गों ने कब्जा कर रखा था. अब योगी सरकार के राज में उन्हें इंसाफ मिला है. 25 सालों तक उनकी सुनवाई कहीं नहीं हो रही थी. योगी राज में जिस तरह से माफियाओं पर कार्यवाई की जा रही है उसको देखकर उनके मन मे हिम्मत आई और उन्होंने पुलिस से शिकायत की. इसके बाद अब उन्हें माफिया के गुर्गों के कब्जे से खाली करवाकर दुकान को वापस दिलवाया गया.



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