प्रयागराज : अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरी (Mahant Narendra Giri) को आत्महत्या के लिए उकसाने के आरोपी आनंद गिरी ने जेल परिसर में पूजा पाठ करने की अनुमति मांगी है. उनका कहना है कि उन्हें एक कमरे में रखा गया है जहां उनकी तबीयत खराब हो रही है. उनका वहां दम घुट रहा है. कोर्ट में आनंद गिरी की तरफ से दाखिल की गयी इस अर्जी पर कोर्ट ने जेल प्रशासन से रिपोर्ट मांगी है. 29 अप्रैल की तारीख सुनवाई के लिए तय कर दी है. 22 सितंबर 2021 से आनंद गिरी नैनी सेंट्रल जेल में बंद हैं.
गुरु को आत्महत्या के लिए उकसाने के आरोप में जेल में बंद हैं आनंद गिरी
20 सितंबर 2021 को अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरी बाघंबरी मठ में अपने कमरे में मृत मिले थे. यहां से कई पन्ने का सुसाइड नोट भी मिला था जिसमें उन्होंने अपने शिष्य आनंद गिरी और मंदिर के दो पुजारियों को जिम्मेदार बताया था. इसके बाद पुलिस हरिद्वार से आनंद गिरी को गिरफ्तार करके लायी थी. इसके बाद 22 सितंबर से आंनद गिरी नैनी सेंट्रल जेल में बंद हैं.
जेल के मंदिर में पूजा पाठ सुंदर कांड हनुमान चालीसा करने की मांगी अनुमति
सितंबर से जेल में बंद आनंद गिरी ने कोर्ट में अर्जी देकर जेल के मुख्य परिसर में आम बंदियों की तरह पूजा पाठ करने की अनुमति मांगी है. उनकी तरफ से कहा गया कि उन्हें जेल में एक कोठरी के अंदर बंद रखा गया है. यहां उनकी तबियत बिगड़ने लगी है. घुटन महसूस होती है.
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इस वजह से उन्होंने कोर्ट में अर्जी देकर मांग की है कि उन्हें जेल के मुख्य परिसर से आम बंदियों के बीच ही पूजा-पाठ और योग करने दिया जाए. वो जेल परिसर स्थित मंदिर में जाकर पूजा-पाठ करना चाहते हैं. अर्जी में कहा गया कि वो योग और कथा प्रवचन करते थे. आनंद गिरी की तरफ से यह भी कहा गया कि वो रोजाना सुंदरकांड और हनुमान चालीसा का पाठ करते हैं. इसलिए उन्हें जेल परिसर में बने मंदिर में जाकर पूजा-पाठ करने दिया जाए. जेल के मंदिर में दूसरे बंदियों के बीच वो भी पूजा-पाठ करना चाहते हैं. साथ ही इस अर्जी में आनंद गिरी के स्वास्थ की जांच डॉक्टर से करवाने और इलाज की व्यवस्था करने की भी मांग की गई है.
जेल प्रशासन का कहना है कि अभी भी है पूरी छूट : इस मामले में नैनी सेंट्रल जेल के वरिष्ठ जेल अधीक्षक पीएन पांडेय (Senior Jail Superintendent PN Pandey) का कहना है कि आनंद गिरी को सुरक्षा कारणों से हाई सिक्योरिटी बैरक में रखा गया है. यहां उन्हें पूजा-पाठ और योग आसान सब कुछ करने की छूट है. हाई सिक्योरिटी बैरक (high security barracks) में उन पर किसी तरह की पाबंदी नहीं है. जेल मैनुअल के अनुसार जितनी सुविधा और छूट एक बंदी को मिलनी चाहिए, वो सभी दी जा रहीं हैं. जेल के बैरक के अंदर और बाहर जाने का नियम होता है. उसी दौरान हर बंदी को बाहर निकलने दिया जाता है. हाई सिक्योरिटी बैरक में भी वही नियम लागू रहता है. बस वहां की सुरक्षा और निगरानी ज्यादा कड़ी होती है. आनंद गिरी से जुड़ी जो भी जानकारी कोर्ट मांगेगा, उससे कोर्ट को अवगत कराया जाएगा.
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