प्रयागराजः संगम नगरी प्रयागराज (Sangam city Prayagraj) में इन दिनों माघ मेला चल रहा है. इस वजह से प्रयागराज जंक्शन (Prayagraj Junction) पर सुरक्षा और एहतियात के लिए आने जाने के सिस्टम में बदलाव किया गया है. जिसके बाद से जंक्शन के सिटी साइड और सिविल लाइंस से आने जाने के लिए अलग अलग रूट निर्धारित कर दिया गया है. जिस वजह से सिविल लाइंस साइड से जंक्शन जाने वाले यात्रियों को लंबी दूरी तय करनी पड़ रही है. लेकिन रेलवे के अफसरों का कहना है सुरक्षा की दृष्टि आने जाने के रूट तय किये गए हैं.
गौरतलब है कि प्रयागराज में 2013 में कुंभ मेले के दौरान भगदड़ हो गयी थी. जिसमें दबकर कई यात्रियों की जान चली गयी थी. जिसके बाद से रेलवे प्रयागराज जंक्शन पर माघ मेले के दौरान आने जाने के रूट निर्धारित करने के साथ सिविल लाइंस साइड से स्टेशन परिसर में आने वाले कई रास्तों को टीन लगाकर बंद कर देता है. जिस वजह से उन रास्तों से स्टेशन परिसर में एंट्री नहीं होती है. इसके साथ ही मुख्य स्नान पर्वों के दिन एक साइड से आना और दूसरे साइड से जाने का रास्ता बना दिया जाता है. जिस वजह से यात्रियों को प्लेटफॉर्म और ट्रेन तक पहुंचने में दिक्कतों का सामना करना पड़ता है.
सुरक्षा के लिए उठाया है कदम
उत्तर मध्य रेलवे (North Central Railway) के वरिष्ठ जनसंपर्क अधिकारी डॉ. अमित मालवीय ( Public Relations Officer Dr Amit Malviya) का कहना है कि प्रयागराज जंक्शन पर यात्रियों की सुरक्षा के लिए कई कदम उठाए जाते हैं. जिससे कि माघ मेला के दौरान किसी स्नान पर्व पर भीड़ बढ़े तो किसी तरह की घटना दुर्घटना न हो. जंक्शन पर ट्रेन पकड़ने के लिए आने वाले सभी यात्रियों को सुरक्षित यात्रा करवाना उनकी प्राथमिकता रहती है. जिस कारण माघ मेले के दौरान सुरक्षा के लिए अतिरिक्त व्यवस्था कुछ सालों से हर बार की जाती है. जंक्शन पर यात्रियों के आने जाने के लिए रुट तय करने का मकसद सिर्फ इतना है कि किसी भी परिस्थिति में यात्रियों की सुरक्षा में कोई चूक न हो सके.
45 हजार से अधिक लोग आते हैं प्रतिदिन
मीडिया से बात करते हुए उत्तर मध्य रेलवे के वरिष्ठ जनसंपर्क अधिकारी डॉ अमित मालवीय के अनुसार इस वक्त प्रयागराज जंक्शन पर 92 ट्रेनों की आवाजाही हो रही है. जबकि 8 ट्रेनें निरस्त चल रही है. इस तरह से इन दिनों प्रयागराज जंक्शन पर 45 हजार के करीब लोगों का आना जाना होता है. जबकि आम दिनों में यह संख्या 45 हजार के करीब होती है. प्रयागराज जंक्शन पर आम दिनों में प्रतिदिन 45 हजार के लगभग लोगों का आना जाना होता है. जबकि माघ मेले में मुख्य स्नान पर्वों पर यह संख्या और अधिक बढ़ जाती है. मुख्य स्नान पर्वों के दौरान जंक्शन पर आने जाने वाले यात्रियों की संख्या में 5 हजार या उससे अधिक की भी बढ़ोत्तरी हो सकती है. इसके साथ ही मौनी अमावस्या के स्नान पर यह आंकड़ा और भी बढ़ सकता है. जिसको देखते हुए रेलवे अतिरिक्त ट्रेनों का संचालन करता है. भीड़ के अनुमान को देखते हुए रेलवे हर साल जंक्शन पर आने जाने की ट्रैफिक प्लानिंग करता है. जिससे कि जंक्शन पर आने जाने वाले यात्रियों के रूट तय कर दिए जाते हैं. जिससे कि किसी भी परिस्थिती में भीड़ बढ़ने पर कोई अनहोनी न हो सके. हालांकि यह व्यवस्था भीड़ न होने के बावजूद लागू रहने के सवाल पर उन्होंने कहा कि यात्रियों की सुरक्षा के लिए सारे इंतज़ाम किये जाते हैं.
यात्रियों को हो रही है परेशानी
प्रयागराज जंक्शन पर ट्रेन पकड़ने जा रहे मुसाफिर रवि ने बताया कि उन्हें जंक्शन तक जाने के लिए ज्यादा पैदल चलना पड़ रहा है. रवि ने मांग की है कि जब भीड़ हो तो रास्तों पर आने जाने का प्रतिबंध होना चाहिए. लेकिन जब भीड़ न रहे कम से कम उस वक्त तो सारे रास्तों को खोल देना चाहिए. प्रयागराज जंक्शन पर सिविल लाइंस साइड से जाने वाले यात्रियों को परेशानी होती है. जंक्शन पर जाने वाले कई रास्ते बंद होने की वजह से यात्रियों को घूमकर जाना पड़ता है. जिससे उन्हें ज्यादा पैदल चलना पड़ता है. इस कारण अधिक दूरी तय करने की वजह से ट्रेन तक पहुंचने में ज्यादा समय लगता है. जंक्शन पर जाने वाले बंद किये गए सभी रास्तों को खोले जाने की मांग कर रहे हैं.
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