प्रयागराज: सोमवार को हापुड़ में वकीलों पर लाठीचार्ज (Lathi charge on lawyers in Hapur) पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने घटना की जांच के लिए गठित एसआईटी की रिपोर्ट पर असंतोष व्यक्त किया. सील बंद लिफाफे में पेश की गई रिपोर्ट को देखने के बाद कोर्ट ने कहा कि इसमें कुछ नहीं है. कोर्ट ने जानना चाहा कि वकीलों की ओर से कितने मुकदमे दर्ज कराए गए. कितने लोगों का बयान लिया गया. मुख्य न्याय मूर्ति प्रीतिंकर दिवाकर और न्याय मूर्ति एम सी त्रिपाठी की खंडपीठ ने मामले की अगली सुनवाई 10 अक्टूबर को करने का निर्देश दिया.
प्रदेश सरकार की ओर से बताया गया कि जांच अभी चल रही है. ज़िम्मेदार आधिकारी को निलंबित कर दिया गया है. हापुड़ बार एसोशिएशन और हाई कोर्ट बार एसोसिएशन ने भी पक्ष रखा. कहा कि वकीलों के बयान नहीं लिए गए हैं. घटना के ज़िम्मेदार पुलिस आधिकारी को हापुड़ पुलिस लाइन में ही अटैच किया गया है. कोर्ट ने पूछा कि लाठी चार्ज किसके आदेश से किया गया. क्या कोई लिखित आदेश है?
उल्लेखनीय है कि गत दिनों हापुड़ में वकीलों पर लाठीचार्ज को लेकर बार काउंसिल आफ उत्तर प्रदेश के आह्वान पर प्रदेश के सभी अधिवक्ता संगठनों ने हड़ताल कर दी थी . जिस पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मामले का स्वत संज्ञान लेकर हड़ताल वापस लेने का निर्देश (Allahabad High Court unhappy with Hapur lathi charge case investigation report) दिया था. साथ ही राज्य सरकार द्धारा गठित एसआईटी में एक सेवा निवृत्त न्यायिक अधिकारी को शामिल करने का आदेश दिया था.
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