वाराणसी : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र बनारस की सीमा विस्तार का पूरा स्ट्रक्चर अब तेजी से आगे बढ़ाने और नए शामिल क्षेत्र के विकास की प्लानिंग तैयार हो चुकी है. बड़े मास्टर प्लान के रूप में शहर के पहले 82 वर्ग मीटर में पहले 90 वार्ड को अब 186 वर्ग मीटर में फैल चुके 100 वार्ड में डिवाइड किया जा चुका है. 10 नए वार्डों के बनने के बाद नगर निकाय चुनाव भी हुए और इन क्षेत्रों में प्रधान की जगह पार्षद चुने जाने लगे लंबे वक्त से लाखों लोग तमाम दुश्वारियों को झेल रहे हैं. अब ऐसे नवीन क्षेत्र के लिए नगर निगम का मास्टर प्लान तैयार है. प्रस्ताव शासन स्तर से मंजूर हो गया है और वाराणसी नगर निगम के मिनी सदन की बैठक में भी मुहर लग चुकी है.
दरअसल लगभग 5 साल पहले वाराणसी की नगर सीमा का विस्तार नगर निगम के अभिलेखों में शुरू हो गया था. वाराणसी से सटे लगभग 86 गांवों को नगर निगम सीमा में शामिल करते हुए नगर निगम की परिधि को बढ़ाने का काम किया गया था. 2023 में राज्य सरकार की तरफ से 17 करोड़ रुपये रिलीज होने के बाद इन क्षेत्रों में कुछ काम हुए थे, लेकिन बहुत से ऐसे क्षेत्र हैं जिन पर अब तक किसी की नजर ही नहीं पड़ी है. खास तौर पर बनारस लोकोमोटिव वर्कशॉप के पीछे कंचनपुर महड़ौली, गोकुल नगर समेत कई इलाकों में अभी स्थिति बदतर है.
नगर निगम के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी संदीप श्रीवास्तव का कहना है कि इन इलाकों में बहुत से चैलेंज अभी सामने आ रहे हैं. सबसे बड़ी दिक्कत सीवर व्यवस्था न होने की वजह से जल निकासी की है. इसे लेकर 40 करोड़ रुपये की लागत से प्लान तैयार करके शासन को भेजा गया है. इस पर अनुमति का इंतजार है, लेकिन 27 करोड़ रुपये की लागत से इन इलाकों में एक बड़ी ट्रंक लाइन डालने का प्रस्ताव शासन को भेजा गया था. जिसे मंजूरी मिल गई है. हालांकि शासन ने कुछ बदलाव के लिए कहा है. 14 नवंबर को मिनी सदन की नगर निगम में हुई बैठक में भी प्लान पर फाइनल मुहर लगा दी गई है. साथ ही कुछ बदलाव के साथ जल्द लागू करने पर सहमति भी बन गई है. लगभग डेढ़ वर्ष में यह काम पूरा हो जाएगा.