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मजार और अन्य धार्मिक स्थल हटाने के मामले में हाईकोर्ट ने सरकार से किया जवाब-तलब - इलाहाबाद हाईकोर्ट की सुनवाई

सार्वजनिक स्थानों से मजार व अन्य धार्मिक स्थल हटाने के मामले (Removal of religious places from public places) में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने केंद्र और राज्य सरकार को जवाब तलब किया है.

इलाहाबाद हाईकोर्ट
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Published : Dec 15, 2022, 10:10 PM IST

प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने रेलवे स्टेशनों, सड़कों, पार्कों और अन्य सार्वजनिक स्थानों से मजारों व अन्य धार्मिक स्थलों को हटाने (Removal of religious places from public places) की मांग में याचिका पर केंद्र और राज्य सरकार को मोहलत देते हुए सुनवाई के लिए 16 जनवरी की तारीख लगाई है. कोर्ट ने केंद्र व राज्य सरकार से अतिक्रमण हटाकर जानकारी देने को भी कहा है. यह आदेश मुख्य न्यायमूर्ति राजेश बिंदल एवं न्यायमूर्ति जेजे मुनीर की खंडपीठ ने दी है.

जन उद्घोष सेवा संस्थान एवं पांच अन्य की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता हरि शंकर जैन और विष्णु जैन को सुनकर दिया है. याचिका में कहा गया है कि कानपुर, लखनऊ समेत प्रदेश के अन्य रेलवे स्टेशनों व पटरियों के किनारे बीच में भी मजारें बनी हैं. सार्वजनिक स्थलों पर हुए इस प्रकार के निर्माणों से दुर्घटना की प्रबल संभावना रहती है. याचिका में मांग की गई है कि सार्वजनिक स्थान से ऐसे निर्माण हटाए जाएं.

प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने रेलवे स्टेशनों, सड़कों, पार्कों और अन्य सार्वजनिक स्थानों से मजारों व अन्य धार्मिक स्थलों को हटाने (Removal of religious places from public places) की मांग में याचिका पर केंद्र और राज्य सरकार को मोहलत देते हुए सुनवाई के लिए 16 जनवरी की तारीख लगाई है. कोर्ट ने केंद्र व राज्य सरकार से अतिक्रमण हटाकर जानकारी देने को भी कहा है. यह आदेश मुख्य न्यायमूर्ति राजेश बिंदल एवं न्यायमूर्ति जेजे मुनीर की खंडपीठ ने दी है.

जन उद्घोष सेवा संस्थान एवं पांच अन्य की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता हरि शंकर जैन और विष्णु जैन को सुनकर दिया है. याचिका में कहा गया है कि कानपुर, लखनऊ समेत प्रदेश के अन्य रेलवे स्टेशनों व पटरियों के किनारे बीच में भी मजारें बनी हैं. सार्वजनिक स्थलों पर हुए इस प्रकार के निर्माणों से दुर्घटना की प्रबल संभावना रहती है. याचिका में मांग की गई है कि सार्वजनिक स्थान से ऐसे निर्माण हटाए जाएं.

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