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41520 सिपाही भर्ती पर हाईकोर्ट ने सरकार से किया जवाब तलब

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने वर्ष 2018 की 41520 सिपाही भर्ती में रिक्त रह गए पदों से संबंधित जवाब तलब किया है. कोर्ट ने रिक्त रह गए 7000 से अधिक पदों को सफल अभ्यर्थियों से भरने की मांग और इन पदों को कैरी फॉरवर्ड करने के खिलाफ दाखिल याचिका पर राज्य सरकार और पुलिस भर्ती बोर्ड से जवाब मांगा है.

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41520 सिपाही भर्ती पर हाईकोर्ट ने सरकार से किया जवाब तलब.
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Published : Dec 1, 2019, 12:06 PM IST

प्रयागराजः उत्तर प्रदेश पुलिस भर्ती बोर्ड द्वारा 41520 सिपाही पदों पर 2018 में की गई भर्ती में रह गए पदों के लिए उच्च न्यायालय इलाहाबाद ने जवाब मांगा है. यह आदेश न्यायमूर्ति सुधीर अग्रवाल एवं राजीव मिश्र की खंडपीठ ने अजीत यादव, रूपेश कुमार और 114 अन्य की याचिका पर वरिष्ठ अधिवक्ता राधाकांत ओझा, अधिवक्ता तरुण अग्रवाल और प्रशांत मिश्र को सुनकर दिया है.

याचिका के अनुसार पुलिस भर्ती बोर्ड ने जनवरी 2018 में 41,520 पद विज्ञापित किये. इनमें 23,520 पद कान्स्टेबल और 18,000 पद पीएसी जवानों के थे. इसकी लिखित परीक्षा में याची सफल घोषित हुए. दस्तावेज सत्यापन, शारीरिक मानक परीक्षण और शारीरिक दक्षता परीक्षा (दौड़) हुई. उसमें भी याची सफल हुए. उसके बाद मेडिकल परीक्षण होने से पहले ही अंतिम चयन सूची घोषित कर दी गई और 23,520 सिपाही अभ्यर्थियों का मेडिकल कराया गया.

पढ़ेंः-प्रयागराज: महिला लेखपाल को ऑनर किलिंग का खतरा, सुरक्षा की लगाई गुहार

23,520 में से 20,349 अभ्यर्थी ही सफल हुए और उनको ही प्रशिक्षण पर भेजा गया, जिससे सिपाही कोटे में ही कई पद रिक्त रह गए. इसी प्रकार 18,000 पीएसी वाले अभ्यर्थियों का भी मेडिकल कराया गया, जिसमें कई अभ्यर्थी अनफिट और अनुपस्थित हुए. इस प्रकार कुल 7000 से अधिक पद रिक्त रह गए. पद रिक्त रहने के बावजूद पुलिस भर्ती बोर्ड पात्र अभ्यर्थियों का मेडिकल परीक्षण कराकर उन्हें ट्रेनिंग पर नहीं भेज रहा है. इस कारण अभ्यर्थियों ने याचिका दाखिल की है.

प्रयागराजः उत्तर प्रदेश पुलिस भर्ती बोर्ड द्वारा 41520 सिपाही पदों पर 2018 में की गई भर्ती में रह गए पदों के लिए उच्च न्यायालय इलाहाबाद ने जवाब मांगा है. यह आदेश न्यायमूर्ति सुधीर अग्रवाल एवं राजीव मिश्र की खंडपीठ ने अजीत यादव, रूपेश कुमार और 114 अन्य की याचिका पर वरिष्ठ अधिवक्ता राधाकांत ओझा, अधिवक्ता तरुण अग्रवाल और प्रशांत मिश्र को सुनकर दिया है.

याचिका के अनुसार पुलिस भर्ती बोर्ड ने जनवरी 2018 में 41,520 पद विज्ञापित किये. इनमें 23,520 पद कान्स्टेबल और 18,000 पद पीएसी जवानों के थे. इसकी लिखित परीक्षा में याची सफल घोषित हुए. दस्तावेज सत्यापन, शारीरिक मानक परीक्षण और शारीरिक दक्षता परीक्षा (दौड़) हुई. उसमें भी याची सफल हुए. उसके बाद मेडिकल परीक्षण होने से पहले ही अंतिम चयन सूची घोषित कर दी गई और 23,520 सिपाही अभ्यर्थियों का मेडिकल कराया गया.

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23,520 में से 20,349 अभ्यर्थी ही सफल हुए और उनको ही प्रशिक्षण पर भेजा गया, जिससे सिपाही कोटे में ही कई पद रिक्त रह गए. इसी प्रकार 18,000 पीएसी वाले अभ्यर्थियों का भी मेडिकल कराया गया, जिसमें कई अभ्यर्थी अनफिट और अनुपस्थित हुए. इस प्रकार कुल 7000 से अधिक पद रिक्त रह गए. पद रिक्त रहने के बावजूद पुलिस भर्ती बोर्ड पात्र अभ्यर्थियों का मेडिकल परीक्षण कराकर उन्हें ट्रेनिंग पर नहीं भेज रहा है. इस कारण अभ्यर्थियों ने याचिका दाखिल की है.

सिपाही भर्ती के रिक्त पदों को कैरी फॉरवर्ड करने के मामले में जवाब तलब
प्रयागराज। विधि संवाददाता
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने वर्ष 2018 की 41520 सिपाही भर्ती में रिक्त रह गए 7000 से अधिक पदों को सफल अभ्यर्थियों से भरने की मांग और इन पदों को कैरी फॉरवर्ड करने के खिलाफ दाखिल याचिका पर राज्य सरकार व पुलिस भर्ती बोर्ड से जवाब मांगा है। 
यह आदेश न्यायमूर्ति सुधीर अग्रवाल एवं राजीव मिश्र की खंडपीठ ने अजीत यादव, रूपेश कुमार व 114 अन्य की याचिका पर वरिष्ठ अधिवक्ता राधाकांत ओझा, अधिवक्ता तरुण अग्रवाल व प्रशांत मिश्र को सुनकर दिया है। 
    याचिका के अनुसार पुलिस भर्ती बोर्ड ने जनवरी 2018 में 41520 पद विज्ञापित किये। इनमें 23520 पद कान्स्टेबल व 18000 पद पीएसी जवानों के थे। इसकी लिखित परीक्षा में याची सफल घोषित हुए। दस्तावेज सत्यापन, शारीरिक मानक परीक्षण व शारीरिक दक्षता परीक्षा (दौड़) हुई। उसमें भी याची सफल हुए। उसके बाद मेडिकल परीक्षण होने से पहले ही अंतिम चयन सूची घोषित कर दी गई और 23520 सिपाही अभ्यर्थियों का मेडिकल कराया गया। उनमें से 20349 अभ्यर्थी को ही प्रशिक्षण पर भेजा गया, जिससे सिपाही कोटे में ही कई पद रिक्त रह गए। इसी प्रकार 18000 पीएसी वाले अभ्यर्थियों का भी मेडिकल कराया गया, जिसमें कई  अभ्यर्थी अनफिट व अनुपस्थित हुए। इस प्रकार कुल 7000 से अधिक पद रिक्त रह गए। पद रिक्त रहने के बावजूद पुलिस भर्ती बोर्ड पात्र अभ्यर्थियों का मेडिकल परीक्षण कराकर उन्हें ट्रेनिंग पर नहीं भेज रहा है। इस कारण अभ्यर्थियों ने याचिका दाखिल की है।
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