ETV Bharat / state

हाईकोर्ट ने स्टाम्प वेंडर का लाइसेंस निरस्त करने का एडीएम का आदेश किया रद्द

author img

By

Published : Nov 21, 2020, 10:06 PM IST

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने स्टाम्प वेंडर का लाइसेंस निरस्त करने का एडीएम वित्त मुजफ्फरनगर का आदेश रद्द कर दिया है. यह आदेश न्यायमूर्ति एसपी केसरवानी तथा न्यायमूर्ति डा. वाई के श्रीवास्तव की खंडपीठ ने दिया है. हाईकोर्ट ने कहा है कि यह नैसर्गिक न्याय के मौलिक सिद्धांत का हनन है.

स्टाम्प वेंडर का लाइसेंस निरस्त करने का एडीएम का आदेश किया रद्द
स्टाम्प वेंडर का लाइसेंस निरस्त करने का एडीएम का आदेश किया रद्द

प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने स्टाम्प वेंडर का लाइसेंस निरस्त करने का एडीएम वित्त मुजफ्फरनगर का आदेश रद्द कर दिया है. कोर्ट ने कहा कि बिना दूसरे पक्ष को नोटिस दिए और बिना यह बताए कि उसके विरुद्ध क्या कार्रवाई प्रस्तावित है. आदेश पारित करना विधि सम्मत आदेश नहीं माना जा सकता है. यह नैसर्गिक न्याय के मौलिक सिद्धांत का हनन है. हाईकोर्ट ने मुजफ्फरनगर तहसील के स्टाम्प वेंडर रविशंकर का लाइसेंस निरस्त करने का एडीएम वित्त मुजफ्फरनगर का आदेश इस सिद्धांत के विपरीत होने के आधार पर रद्द कर दिया है. स्टाम्प वेंडर के खिलाफ तहसील बार एसोसिएशन ने दुर्व्यहार करने की शिकायत की थी, जिसके आधार पर एडीएम ने उसका लाइसेंस निरस्त कर दिया था.

यह आदेश न्यायमूर्ति एसपी केसरवानी तथा न्यायमूर्ति डा. वाई के श्रीवास्तव की खंडपीठ ने दिया है. याची का कहना था कि मात्र एक शिकायत के आधार पर उसे सुनवाई का मौका दिए बिना लाइसेंस निरस्त कर दिया गया. याची को कारण बताओ नो‌टिस दिया गया था, किन्तु यह नहीं बताया गया कि उसके खिलाफ कार्रवाई करने की आवश्यकता क्यों पड़ी और क्या कार्रवाई किया जाना प्रस्तावित है.

कोर्ट ने कहा कि निर्णय से प्रभावित होने वाले व्यक्ति को आरोपों की नोटिस देकर सफाई का मौका देना चाहिए. आरोप और प्रस्तावित कार्रवाई का नोटिस प्राप्त करना प्रभावित होने वाले व्यक्ति का मौलिक अधिकार है. इसका उल्लंघन करना प्रभावित व्यक्ति को सुनवाई का मौका न देने के समान है. कोर्ट ने कहा कि एडीएम के आदेश में यह नहीं बताया गया है कि याची ने लाइसेंस की किस शर्त का उल्लंघन किया है. इसलिए आदेश अवैध करार देते हुए रद्द कर दिया है.

प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने स्टाम्प वेंडर का लाइसेंस निरस्त करने का एडीएम वित्त मुजफ्फरनगर का आदेश रद्द कर दिया है. कोर्ट ने कहा कि बिना दूसरे पक्ष को नोटिस दिए और बिना यह बताए कि उसके विरुद्ध क्या कार्रवाई प्रस्तावित है. आदेश पारित करना विधि सम्मत आदेश नहीं माना जा सकता है. यह नैसर्गिक न्याय के मौलिक सिद्धांत का हनन है. हाईकोर्ट ने मुजफ्फरनगर तहसील के स्टाम्प वेंडर रविशंकर का लाइसेंस निरस्त करने का एडीएम वित्त मुजफ्फरनगर का आदेश इस सिद्धांत के विपरीत होने के आधार पर रद्द कर दिया है. स्टाम्प वेंडर के खिलाफ तहसील बार एसोसिएशन ने दुर्व्यहार करने की शिकायत की थी, जिसके आधार पर एडीएम ने उसका लाइसेंस निरस्त कर दिया था.

यह आदेश न्यायमूर्ति एसपी केसरवानी तथा न्यायमूर्ति डा. वाई के श्रीवास्तव की खंडपीठ ने दिया है. याची का कहना था कि मात्र एक शिकायत के आधार पर उसे सुनवाई का मौका दिए बिना लाइसेंस निरस्त कर दिया गया. याची को कारण बताओ नो‌टिस दिया गया था, किन्तु यह नहीं बताया गया कि उसके खिलाफ कार्रवाई करने की आवश्यकता क्यों पड़ी और क्या कार्रवाई किया जाना प्रस्तावित है.

कोर्ट ने कहा कि निर्णय से प्रभावित होने वाले व्यक्ति को आरोपों की नोटिस देकर सफाई का मौका देना चाहिए. आरोप और प्रस्तावित कार्रवाई का नोटिस प्राप्त करना प्रभावित होने वाले व्यक्ति का मौलिक अधिकार है. इसका उल्लंघन करना प्रभावित व्यक्ति को सुनवाई का मौका न देने के समान है. कोर्ट ने कहा कि एडीएम के आदेश में यह नहीं बताया गया है कि याची ने लाइसेंस की किस शर्त का उल्लंघन किया है. इसलिए आदेश अवैध करार देते हुए रद्द कर दिया है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.