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विश्वविद्यालय के सुरक्षा अधिकारी परीक्षा का परिणाम जारी करने पर रोक - इलाहाबाद हाईकोर्ट की सुनवाई

विश्वविद्यालय के सुरक्षा अधिकारी परीक्षा का परिणाम (University Security Officer Exam Result) जारी करने पर रोक इलाहाबाद हाईकोर्ट ने रोक लगा दी है. साथ ही कोर्ट में बिना सूचना के परीक्षा का पैटर्न बदले जाने की चुनौती है.

इलाहाबाद हाईकोर्ट
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Published : Dec 25, 2022, 10:54 PM IST

प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने इलाहाबाद विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित सुरक्षा अधिकारियों की परीक्षा का परिणाम (University Security Officer Exam Result) जारी करने पर रोक लगा दी है और विश्वविद्यालय प्रशासन को इस मामले में अपना जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है. परीक्षा के आयोजन को अंबुज कुमार मिश्रा व अन्य ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल कर चुनौती दी है. याचिका पर न्यायमूर्ति एसडी सिंह ने सुनवाई की .

याची के अधिवक्ता राजीव शुक्ला का कहना था कि विश्वविद्यालय प्रशासन ने बिना किसी सूचना के परीक्षा का पैटर्न बदलकर ऑब्जेक्टिव (वस्तुनिष्ठ) से सब्जेक्टिव (विषयनिष्ठ ) कर दिया. जबकि विज्ञापन में यह स्पष्ट तौर से कहा गया था कि परीक्षा का पैटर्न वस्तुनिष्ठ होगा. अभ्यर्थियों को परीक्षा का पैटर्न बदले जाने की सूचना परीक्षा से मात्र 7 दिन पूर्व दी गई.

अधिवक्ता का कहना था कि बिना किसी नियम कानून के विश्वविद्यालय को विज्ञापन के बाद परीक्षा का पैटर्न बदलने का अधिकार नहीं है. कोर्ट ने प्रकरण को विचारणीय मानते हुए विश्वविद्यालय को इस मामले में अपना जवाब दाखिल करने के लिए कहा है. अगली सुनवाई तक के लिए सुरक्षा अधिकारी परीक्षा का परिणाम जारी करने पर रोक लगा दी है. मामले की सुनवाई 10 जनवरी को होगी.

यह भी पढ़ें: माध्यमिक विद्यालय में प्रधानाचार्य की नियुक्ति पर विवाद, कार्यवाहक को पद पर बने रहने का निर्देश

प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने इलाहाबाद विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित सुरक्षा अधिकारियों की परीक्षा का परिणाम (University Security Officer Exam Result) जारी करने पर रोक लगा दी है और विश्वविद्यालय प्रशासन को इस मामले में अपना जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है. परीक्षा के आयोजन को अंबुज कुमार मिश्रा व अन्य ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल कर चुनौती दी है. याचिका पर न्यायमूर्ति एसडी सिंह ने सुनवाई की .

याची के अधिवक्ता राजीव शुक्ला का कहना था कि विश्वविद्यालय प्रशासन ने बिना किसी सूचना के परीक्षा का पैटर्न बदलकर ऑब्जेक्टिव (वस्तुनिष्ठ) से सब्जेक्टिव (विषयनिष्ठ ) कर दिया. जबकि विज्ञापन में यह स्पष्ट तौर से कहा गया था कि परीक्षा का पैटर्न वस्तुनिष्ठ होगा. अभ्यर्थियों को परीक्षा का पैटर्न बदले जाने की सूचना परीक्षा से मात्र 7 दिन पूर्व दी गई.

अधिवक्ता का कहना था कि बिना किसी नियम कानून के विश्वविद्यालय को विज्ञापन के बाद परीक्षा का पैटर्न बदलने का अधिकार नहीं है. कोर्ट ने प्रकरण को विचारणीय मानते हुए विश्वविद्यालय को इस मामले में अपना जवाब दाखिल करने के लिए कहा है. अगली सुनवाई तक के लिए सुरक्षा अधिकारी परीक्षा का परिणाम जारी करने पर रोक लगा दी है. मामले की सुनवाई 10 जनवरी को होगी.

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