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घटना से दो साल पहले मर चुके चश्मदीद गवाह की तलाश में पुलिस, हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से मांगा जवाब

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Published : Jul 29, 2022, 9:11 PM IST

प्रयागराज पुलिस एक मामले में घटना से दो साल पहले मर चुके चश्मदीद गवाह की तलाश कर रही है. पुलिस उसके मिलने पर बयान दर्ज करने का इंतजार कर रही है. इसके लिए पुलिस ने याची के घर का निरीक्षण कर हाईकोर्ट में रिपोर्ट पेश की है.

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हाईकोर्ट

प्रयागराज: पुलिस ने एक आपराधिक मामले में मृतक चश्मदीद गौरव वैश्य के पिता विजय वैश्य के घर पर घटनास्थल का निरीक्षण कर हाईकोर्ट में रिपोर्ट पेश की है. इसके बाद कोर्ट ने विपक्षी शिकायतकर्ता विजय वैश्य को नोटिस जारी किया है और राज्य सरकार से 3 हफ्ते में जवाब मांगा है. साथ ही कोर्ट ने 6 मार्च 2021 को धारा 506 और 448 के अंतर्गत दाखिल पुलिस चार्जशीट और आपराधिक केस की सुनवाई पर रोक लगा दी है. यह आदेश न्यायमूर्ति श्रीप्रकाश सिंह ने बहादुर गंज निवासी अमर नाथ वैश्य और दो अन्य की याचिका पर दिया है.

याची का कहना है कि याची और विपक्षी के बीच मकान नं 159/101 बहादुरगंज के बंटवारे का साल 2008 में वाद दायर किया गया था. इससे पहले दोनों पक्षों के बीच 2006 में पारिवारिक समझौता हो चुका था. याची का कहना है कि मकान का आधा हिस्सा उसने बैनामा ले लिया है और आधा हिस्सा भी समझौते के आधार पर उसे मिला है. विपक्षी का निवास 236/237 लोहिया पांडेय का हाता, मुट्ठीगंज में है. इसके बावजूद वो बहादुर गंज स्थित पुश्तैनी मकान को हथियाना चाहता है और याची को परेशान करने के लिए झूठा केस दर्ज कराया है.

यह भी पढ़ें- एमपी एमएलए कोर्ट में मुख्तार अंसारी की वर्चुअल पेशी, गैंगस्टर एक्ट में आरोप तय

एफआईआर में भी लिखा है कि शोर सुनकर शिकायतकर्ता का बेटा गौरव वैश्य भी पहुंचा. उसके सामने गाली गलौज की घटना हुई. याची ने मृत्यु प्रमाणपत्र पेश किया कि गौरव वैश्य की मौत घटना से लगभग दो साल पहले 2 फरवरी 2019 को हो चुकी है. घटना 10 नवंबर 20 की बताई गई है. याची का कहना है कि केस फर्जी है, जिसे रद्द किया जाए. याचिका की अगली सुनवाई 18 अगस्त को होगी.

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प्रयागराज: पुलिस ने एक आपराधिक मामले में मृतक चश्मदीद गौरव वैश्य के पिता विजय वैश्य के घर पर घटनास्थल का निरीक्षण कर हाईकोर्ट में रिपोर्ट पेश की है. इसके बाद कोर्ट ने विपक्षी शिकायतकर्ता विजय वैश्य को नोटिस जारी किया है और राज्य सरकार से 3 हफ्ते में जवाब मांगा है. साथ ही कोर्ट ने 6 मार्च 2021 को धारा 506 और 448 के अंतर्गत दाखिल पुलिस चार्जशीट और आपराधिक केस की सुनवाई पर रोक लगा दी है. यह आदेश न्यायमूर्ति श्रीप्रकाश सिंह ने बहादुर गंज निवासी अमर नाथ वैश्य और दो अन्य की याचिका पर दिया है.

याची का कहना है कि याची और विपक्षी के बीच मकान नं 159/101 बहादुरगंज के बंटवारे का साल 2008 में वाद दायर किया गया था. इससे पहले दोनों पक्षों के बीच 2006 में पारिवारिक समझौता हो चुका था. याची का कहना है कि मकान का आधा हिस्सा उसने बैनामा ले लिया है और आधा हिस्सा भी समझौते के आधार पर उसे मिला है. विपक्षी का निवास 236/237 लोहिया पांडेय का हाता, मुट्ठीगंज में है. इसके बावजूद वो बहादुर गंज स्थित पुश्तैनी मकान को हथियाना चाहता है और याची को परेशान करने के लिए झूठा केस दर्ज कराया है.

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एफआईआर में भी लिखा है कि शोर सुनकर शिकायतकर्ता का बेटा गौरव वैश्य भी पहुंचा. उसके सामने गाली गलौज की घटना हुई. याची ने मृत्यु प्रमाणपत्र पेश किया कि गौरव वैश्य की मौत घटना से लगभग दो साल पहले 2 फरवरी 2019 को हो चुकी है. घटना 10 नवंबर 20 की बताई गई है. याची का कहना है कि केस फर्जी है, जिसे रद्द किया जाए. याचिका की अगली सुनवाई 18 अगस्त को होगी.

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