प्रयागराजः इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अपनी पसंद से शादी करने वाले युवक के विरुद्ध दर्ज मुकदमे की कार्रवाई पर रोक लगा दी है. इसके साथ ही राज्य सरकार से इस मामले में जवाब तलब किया है. आजमगढ़ के अर्चिता सोनकर और राहुल सोनकर की याचिका पर सुनवाई करते हुए यह आदेश न्यायमूर्ति संजय कुमार सिंह ने दिया है.
याची राहुल सोनकर के विरुद्ध 4 मार्च 2023 को आजमगढ़ के जहानगंज थाने में आईपीसी की धारा 363, 366 के तहत प्राथमिकी दर्ज कराई गई थी. वादी मुकदमा अर्चिता सोनकर के भाई का आरोप है कि उसकी बहन 3 मार्च 23 को सुबह 9 बजे फसल काटने गई थी, जहां से राहुल सोनकर उसे भगा ले गया. इस मामले में राहुल सोनकर के अलावा राजू सोनकर और राम भजन सोनकर के खिलाफ भी प्राथमिकी दर्ज कराई गई है. पीड़िता अर्चिता सोनकर ने पुलिस और मजिस्ट्रेट के समक्ष दिए गए बयान में इन आरोपों का समर्थन नहीं किया.
उसका कहना है कि वह दोनों बालिग हैं और उन्होंने स्नातक की पढ़ाई पूरी करने के बाद अपनी मर्जी से विवाह किया है तथा पति-पत्नी की तरह रह रहे हैं. उनका कहना है कि यह दुष्कर्म का मामला नहीं है बल्कि सहमति से संबंध बनाने का मामला है. उन्होंने विवाह पंजीकरण के हेतु भी आवेदन किया है. कोर्ट ने मामले के तथ्यों और परिस्थितियों को देखते हुए इस मामले में राज्य सरकार को 30 अक्टूबर तक जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है. इस दौरान विशेष न्यायाधीश पोक्सो एक्ट की अदालत में चल रही सुनवाई पर रोक लगा दी है.
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