प्रयागराजः इलाहाबाद हाई कोर्ट ने एसएसपी बदायूं से दो दिन में व्यक्तिगत हलफनामा मांगा है कि किस कानूनी अधिकार से थाना प्रभारी वजीरगंज ने एक बालिग महिला की अभिरक्षा दूसरे बालिग पुरुष को सौंपने का आदेश दिया है. कोर्ट ने कहा है कि अभिरक्षा सौंपने का अधिकार केवल कोर्ट को ही है. बालिग को अपनी मर्जी से कहीं भी जाने की आजादी है. इस स्वतंत्रता के अधिकार में कटौती नहीं की जा सकती है.
कोर्ट ने एसएसपी से पूछा है कि किन परिस्थितियों में एक बालिग की अभिरक्षा दूसरे बालिग को पुलिस द्वारा अपने बड़े अधिकारियों से पूछ कर सौंप दी गई. एसएचओ को इसकी इजाजत कैसे दे दी गई. कोर्ट ने एसएसपी बदायूं को 9 फरवरी को हर हाल में हलफनामा दाखिल करने को कहा गया है. सुनवाई 9 फरवरी को होगी.
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ये आदेश न्यायमूर्ति जे जे मुनीर ने हथरा वजीरगंज के निवासी स्वाले रजा की जमानत अर्जी पर दिया है. पुलिस ने दर्ज एफआईआर की विवेचना के दौरान श्रीमती शिवानी गुप्ता एवं उसकी बेटी इशिता पुलिस के सामने हाजिर हुई. श्रीमती गुप्ता बालिग है. पुलिस ने श्रीमती गुप्ता की अभिरक्षा याची स्वाले रजा को सौंपने का आदेश जारी किया है. दर्ज आपराधिक मामले में जमानत पर रिहा करने की मांग में ये अर्जी दाखिल की गई है.