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इलाहाबाद हाईकोर्ट : अस्पतालों में अग्निशमन यंत्र न होने की शिकायत पर राज्य सरकार से जवाब-तलब

इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court) ने वाराणसी के निजी (Private Hospitals) और सरकारी अस्पतालों में आग से बचाव के प्रबंधों पर प्रदेश सरकार (UP Government) से तीन सप्ताह में जवाब मांगा है. परफेक्ट मिशन संस्थान की जनहित याचिका पर कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश एमएन भंडारी और न्यायमूर्ति राजेंद्र कुमार की पीठ ने यह आदेश दिया है.

इलाहाबाद हाईकोर्ट
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Published : Aug 12, 2021, 10:03 PM IST

प्रयागराज : इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court) ने वाराणसी के निजी और सरकारी अस्पतालों में आग से बचाव के प्रबंधों पर प्रदेश सरकार से तीन सप्ताह में जवाब मांगा है. परफेक्ट मिशन संस्थान की जनहित याचिका पर कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश एमएन भंडारी और न्यायमूर्ति राजेंद्र कुमार की पीठ ने यह आदेश दिया है. याची के अधिवक्ता प्रशांत मिश्र और सर्वेश्वरी प्रसाद का कहना था कि वाराणसी के ज्यादातर निजी अस्पतालों में अग्निशमन के प्रबंध नहीं हैं. आरटीआई से जानकारी मिली कि वाराणसी के 11 सरकारी अस्पतालों को ‌अग्निशमन विभाग का अनापत्ति प्रमाणपत्र प्राप्त है.

याची का कहना है कि गत वर्ष गैलेक्सी हॉस्पिटल के आईसीयू में आग लगने से कई मरीज और अस्पताल के स्टाफ घायल हो गये थे. उसके बाद समाचार पत्रों में प्रकाशित खबरों से पता चला कि 52 निजी अस्पतालों को नोटिस जारी किया गया है, जिन्हें फायर विभाग की एनओसी नहीं मिली है. याची का कहना है कि अस्पतालों में वेंटीलेटर और दूसरे कई इलेक्ट्रिक/इलेक्ट्रॉनिक उपकरण लगे होते हैं.

विद्युत सुरक्षा निदेशालय की जिम्मेदारी है कि अस्पतालों सहित जहां भी इलेक्ट्रिक उपकरण लगे हैं उसका ऑडिट कराएं. विभागीय अधिकारी अपने वैधानिक दायित्व का निर्वहन नहीं कर रहे हैं. जबकि केंद्र सरकार ने गत वर्ष कोविड प्रोटोकॉल के तहत सभी राज्यों को एडवाइजरी जारी कर अस्पतालों में आग लगने की घटनाएं न हों इस बारे में प्रबंध करने और रिपोर्ट देने का निर्देश दिया है.

इसे भी पढ़ें - हाईकोर्ट ने डॉ. कफील खान के निलंबन आदेश से जुड़े सारे तथ्य पेश करने का दिया निर्देश

प्रयागराज : इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court) ने वाराणसी के निजी और सरकारी अस्पतालों में आग से बचाव के प्रबंधों पर प्रदेश सरकार से तीन सप्ताह में जवाब मांगा है. परफेक्ट मिशन संस्थान की जनहित याचिका पर कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश एमएन भंडारी और न्यायमूर्ति राजेंद्र कुमार की पीठ ने यह आदेश दिया है. याची के अधिवक्ता प्रशांत मिश्र और सर्वेश्वरी प्रसाद का कहना था कि वाराणसी के ज्यादातर निजी अस्पतालों में अग्निशमन के प्रबंध नहीं हैं. आरटीआई से जानकारी मिली कि वाराणसी के 11 सरकारी अस्पतालों को ‌अग्निशमन विभाग का अनापत्ति प्रमाणपत्र प्राप्त है.

याची का कहना है कि गत वर्ष गैलेक्सी हॉस्पिटल के आईसीयू में आग लगने से कई मरीज और अस्पताल के स्टाफ घायल हो गये थे. उसके बाद समाचार पत्रों में प्रकाशित खबरों से पता चला कि 52 निजी अस्पतालों को नोटिस जारी किया गया है, जिन्हें फायर विभाग की एनओसी नहीं मिली है. याची का कहना है कि अस्पतालों में वेंटीलेटर और दूसरे कई इलेक्ट्रिक/इलेक्ट्रॉनिक उपकरण लगे होते हैं.

विद्युत सुरक्षा निदेशालय की जिम्मेदारी है कि अस्पतालों सहित जहां भी इलेक्ट्रिक उपकरण लगे हैं उसका ऑडिट कराएं. विभागीय अधिकारी अपने वैधानिक दायित्व का निर्वहन नहीं कर रहे हैं. जबकि केंद्र सरकार ने गत वर्ष कोविड प्रोटोकॉल के तहत सभी राज्यों को एडवाइजरी जारी कर अस्पतालों में आग लगने की घटनाएं न हों इस बारे में प्रबंध करने और रिपोर्ट देने का निर्देश दिया है.

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