प्रयागराजः इलाहाबाद हाईकोर्ट ने नाबालिग के रेप का वीडियो वायरल करने और धमकाने के आरोपी रिजवान की जमानत याचिका खारिज कर दी है. कोर्ट ने कहा है कि अपराध के तथ्यों और परिस्थितियों को देखते हुए जमानत देना जज के विवेक पर निर्भर करता है. कोर्ट ने कहा कि रेप के साक्ष्य पर ट्रायल के समय विचार होगा. ये देखा जाएगा कि पीड़ित के साथ उचित न्याय हो.
कोर्ट ने जमानत देने से किया इनकार
कोर्ट ने नाबालिग के साथ दुराचार कर वीडियो वायरल करने और धमकाने के आरोपी रिजवान को जमानत पर रिहा करने से इनकार करते हुए अर्जी खारिज कर दी है. ये आदेश न्यायमूर्ति सौरभ श्याम शमशेरी ने दिया है. मंडी के कोतवाली में नाबालिग बच्ची के प्रेगनेंट होने के पांच महीने बाद 28 जनवरी 2018 को एफआईआर दर्ज करायी गई. लड़की ने अपनी मां से उसके साथ हुए रेप की घटना बताई. जब मेडिकल जांच हुई तो रिपोर्ट आई की बाहरी चोट नहीं है. इसके आधार पर आरोपी रिजवान ने कहा कि उसे फंसाया जा रहा है.
कोर्ट ने कहा कि लड़की का बयान और आरोपी की धमकी अपराध की गंभीरता बता रहा है. पांच महीने बाद जांच रिपोर्ट ट्रायल कोर्ट में साक्ष्यों पर तय होगी. इसके आधार पर जमानत नहीं दी जा सकती है.