प्रयागराजः इलाहाबाद हाईकोर्ट ने छजलैट मामले में सुनाई गई सजा के खिलाफ अब्दुल्ला आजम की अर्जी पर फैसला सुरक्षित कर लिया है. यह आदेश न्यायमूर्ति राजीव गुप्ता ने मंगलवार को इस मामले में सुनवाई पूरी होने के बाद दिया. अब्दुल्ला आजम की अर्जी पर राज्य सरकार की ओर से गत दिवस जवाबी हलफनामा दाखिल किया गया था. अब्दुल्ला आजम की ओर से उस पर प्रत्युत्तर दाखिल किया गया. कोर्ट ने अब्दुल्ला आजम की ओर से अधिवक्ता इमरान उल्लाह व मोहम्मद खालिद और सरकार की ओर से अपर महाधिवक्ता मनीष गोयल, अपर शासकीय अधिवक्ता एके संड, अमित सिन्हा, जय नारायण व अभिजीत मुखर्जी को सुनने के बाद फैसला सुरक्षित कर लिया. बता दें कि मुरादाबाद के छजलैट थाने में एक जनवरी 2008 को दर्ज मामले में ट्रायल के बाद स्पेशल कोर्ट एमपी/एमएलए ने आजम अब्दुल्ला दो साल कैद की सजा सुनाई थी. सजा सुनाए जाने से अब्दुल्ला आजम की विधायकी चली गई है.
पुरानी पेंशन स्कीम के तहत जीपीएफ कटौती मामले में जवाब तलब
वहीं, इलाहाबाद हाईकोर्ट ने पुरानी पेंशन स्कीम के तहत जीपीएफ कटौती के मामले में दाखिल याचिका पर राज्य सरकार, बीएसए ललितपुर, सचिव बेसिक शिक्षा परिषद व अन्य विपक्षियों से दो सप्ताह में जवाब मांगा है. यह आदेश न्यायमूर्ति आशुतोष श्रीवास्तव ने कमल कुमार कुशवाहा व दो अन्य की याचिका पर अधिवक्ता अनुराग त्रिपाठी को सुनकर दिया है. याचिका में सितंबर 2005 से याचियों की जीपीएफ कटौती रोकने के आदेश को चुनौती दी गई है.
याचियों का कहना है कि एनपीएस का भूतलक्षी प्रभाव नहीं हो सकता है. याची ललितपुर में बेसिक शिक्षा विभाग के तहत सहायक अध्यापक हैं. याचियों का कहना है कि उन पर यूपी रिटायरमेंट बेनिफिट (अमेंडमेंट) रूल्स 2005 एवं यूपी जीपीएफ (अमेंडमेंट) रूल्स 2005 लागू नहीं होते हैं. राज्य सरकार की ओर से कहा गया कि इससे संबंधित एक मामला लखनऊ खंडपीठ ने निर्णीत किया है. उसके बाद उसकी स्पेशल अपील भी खारिज हो गई है. अब राज्य सरकार की एसएलपी सुप्रीम कोर्ट में लंबित है. इसलिए उस पर निर्णय आए बगैर याचियों को जीपीएफ कटौती का आदेश देना अनुचित होगा. एडवोकेट अनुराग त्रिपाठी ने राज्य सरकार के इस तर्क का विरोध करते हुए कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने कोई स्थगन आदेश नहीं किया है इसलिए हाईकोर्ट आदेश करने के लिए स्वतंत्र है. इस पर कोर्ट ने जवाब के लिए दो सप्ताह और उसके बाद एक सप्ताह का समय याची के अधिवक्ता को प्रत्युत्तर के देते हुए सुनवाई के लिए 15 मई की तारीख लगा दी.