प्रयागराज: पूर्व सांसद कपिलमुनि करवरिया को भतीजी के विवाह के लिए इलाहाबाद हाईकोर्ट से राहत नहीं मिली. कोर्ट ने भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के मामले में उनकी अग्रिम जमानत अर्जी खारिज कर दी है. कोर्ट ने कहा कि इस मामले में अब तक न तो नियमित जमानत मांगी गई और न ही उसके लिए अर्जी दी गई है. याची भ्रष्टाचार के आरोप में न्यायिक हिरासत में है. यदि किसी मामले में कोर्ट से पेरोल के निर्देश का अनुपालन नहीं किया जा रहा है, तो यह संभवतः अग्रिम जमानत देने का आधार नहीं बन सकता. इसके लिए सही जगह पर जाना चाहिए. यह आदेश न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा ने पूर्व सांसद कपिलमुनि करवरिया की अर्जी खारिज करते हुए दिया है.
अर्जी में कहा गया था कि गत 13 मई को जवाहर पंडित हत्या केस की आपराधिक अपील पर याची का पेरोल मंजूर किया गया. इस आदेश के बावजूद जेल अधिकारी भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के इस मामले के लंबित होने के कारण रिहा नहीं कर रहे हैं.
गौरतलब है कि हाईकोर्ट ने गत 13 मई को जवाहर पंडित हत्याकांड की अपील पर दाखिल अर्जी पर सुनवाई के बाद भतीजी के विवाह के लिए पूर्व सांसद कपिलमुनि करवरिया, पूर्व विधायक उदयभान करवरिया एवं पूर्व एमएलसी सूरजभान करवरिया का पेरोल मंजूर किया था. सूरजभान करवरिया की बेटी की शादी 19मई को होने वाली है. इस आदेश पर उदयभान करवरिया और सूरजभान करवरिया को नैनी जेल से रिहा कर दिया गया था, लेकिन मंझनपुर थाने के भ्रष्टाचार मामले में जमानत न होने के कारण कपिलमुनि करवरिया की रिहाई नहीं हो सकी थी.
मामला तब (2004-2009) का है, जब कपिलमुनि करवरिया कौशाम्बी जिला पंचायत अध्यक्ष थे. उस दौरान की नियुक्तियों को लेकर कौशाम्बी के मंझनपुर थाने में वर्ष 2019 में कपिलमुनि करवरिया और मधु वाचस्पति सहित चार लोगों के विरुद्ध भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 13(1)डी/13(2) और आईपीसी की धारा 120-बी के तहत मुकदमा दर्ज किया गया था. इस मामले में चार्जशीट दाखिल की जा चुकी है और वाराणसी स्थित अदालत उस पर संज्ञान भी ले चुकी है.