प्रयागराजः इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court) ने गाजीपुर अदालत में पेशी के दौरान विशेष सुरक्षा की मांग में दाखिल मुख्तार अंसारी की अर्जी पर तत्काल आधार पर सुनवाई से इनकार कर दिया है. कोर्ट ने कहा कि गाजीपुर की अदालत ने पहले ही मुख्तार की सुरक्षा की मॉनिटरिंग अपर मुख्य सचिव गृह से करने का आदेश दिया है. ऐसे में अलग से कोई आदेश करने की जरूरत नहीं है. मंगलवार को गाजीपुर की एमपी एमएलए कोर्ट में मुख्तार अंसारी की पेशी होनी है. इस दौरान माफिया डॉन बृजेश सिंह को भी सुनवाई के दौरान अदालत में पेश होना है.
अदालत में दो माफिया का आमना-सामना होगाः बता दें कि मुख्तार अंसारी की ओर बृजेश सिंह और अन्य लोगों से जान का खतरा बताया गया था. मुख्तार के परिवार ने पहले ही चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया और राज्य सरकार को पत्र भेजकर पेशी के दौरान मुख्तार की सुरक्षा के कड़े इंतजाम करने की मांग की है. पेशी के दौरान ले जाने और वापस लाने के दौरान पैरामिलिट्री फोर्स के कमांडो तैनात किए जाने, बुलेटप्रूफ जैकेट दिए जाने और साथ ही बुलेटप्रूफ एंबुलेंस या कोई दूसरा वाहन दिए जाने की मांग भी की गई है. विशेष सुरक्षा व्यवस्था के निर्देश दिए जाने की मांग को लेकर मुख्तार अंसारी की तरफ से हाईकोर्ट में यह अर्जी दाखिल की गई थी.
मुख्तार अंसारी ने इस दौरान बीजेपी सरकार पर भी आरोप लगाया था. मुख्तार ने कहा था कि, "मेरे राजनैतिक दुश्मनों को खुला समर्थन मिल रहा है. केस के गवाहों को भी डराया जा रहा है. बांदा जेल से गाज़ीपुर कोर्ट जाते समय रास्ते में हत्या हो सकती है. इसलिए मेरी सुरक्षा बढ़ाई जाए."
गौरतलब है कि 21 साल पुराने उसरी चट्टी कांड में मामले में गाजीपुर की एमपी एमएलए कोर्ट में 10 जनवरी यानी कल (मंगलवार) को मुख्तार अंसारी की पेशी है. 15 जुलाई 2001 को मोहम्मदाबाद कोतवाली क्षेत्र के उसरी चट्टी पर मऊ के तत्कालीन विधायक मुख्तार अंसारी पर हमला हुआ था. इसमें तीन लोगों की मौत हो गई थी. वहीं, 8 लोग घायल हो गए थे.
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