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तदर्थ शिक्षकों की सेवाएं समाप्त करने के आदेश पर कोर्ट ने लगाई रोक

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Jan 6, 2024, 11:01 PM IST

तदर्थ शिक्षकों की सेवाएं समाप्त करने के आदेश पर इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court) ने रोक लगा दी. कोर्ट ने कहा कि अंतरिम आदेश का लाभ उन्हीं तदर्थ शिक्षकों को मिलेगा जो विनीयमितीकरण के हकदार होंगे.

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तदर्थ शिक्षकों की सेवाएं समाप्त

प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने शनिवार को प्रदेश के माध्यमिक विद्यालयों में पढ़ा रहे तदर्थ शिक्षकों की सेवाएं समाप्त करने के शासनादेश पर अगले आदेश तक रोक लगा दी है. तदर्थ शिक्षकों की ओर से दाखिल याचिकाओं में उनकी सेवा समाप्त करने के 9 नवंबर 2023 के शासनादेश को चुनौती दी गई थी. कोर्ट ने आज शिक्षकों के पक्ष में अंतरिम आदेश में यह स्पष्ट किया है कि यह आदेश केवल उन्हीं तदर्थ शिक्षकों पर लागू होगा, जिनकी नियुक्तियां सेकंड रिमूवल ऑफ डिफिकल्टी ऑर्डर एवं धारा 18 और यूपी माध्यमिक शिक्षा सेवा आयोग रूल्स 1995 के नियम 15 के तहत हुई हो.

इसे भी पढ़े-तदर्थ शिक्षकों को बीते कई माह से नहीं मिला वेतन, 12 दिनों से धरने पर बैठे गुरुजन

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने यह आदेश विनोद कुमार श्रीवास्तव और कई अन्य की याचिकाओं पर दिया है. कोर्ट ने कहा है कि अंतरिम आदेश का लाभ उन्हीं तदर्थ शिक्षकों को मिलेगा, जो धारा 33 बी, सी, जी के तहत विनीयमितीकरण के हकदार होंगे.

यह भी पढ़े-यूपी में शिक्षक भर्ती को लेकर विवाद शुरू, तदर्थ शिक्षकों को शामिल न करने पर भड़के अभ्यर्थी

प्रदेश के माध्यमिक विद्यालयों में नियुक्त तदर्थ शिक्षकों ने याचिकाएं दाखिल कर प्रदेश सरकार द्वारा नौ नवंबर 2023 के शासनादेश को विभिन्न आधारों पर चुनौती दी थी. सरकार ने इस शासनादेश से प्रदेश तदर्थ शिक्षक जो कि धारा 33 जी के तहत विनीयमितीकरण के हकदार नहीं है, उनकी सेवाएं समाप्त करने का निर्देश दिया है.

यह भी पढ़े-लखनऊ: तदर्थ शिक्षकों ने की इच्छा मृत्यु की मांग, टोपी लगाकर पहुंचे भाजपा कार्यालय

प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने शनिवार को प्रदेश के माध्यमिक विद्यालयों में पढ़ा रहे तदर्थ शिक्षकों की सेवाएं समाप्त करने के शासनादेश पर अगले आदेश तक रोक लगा दी है. तदर्थ शिक्षकों की ओर से दाखिल याचिकाओं में उनकी सेवा समाप्त करने के 9 नवंबर 2023 के शासनादेश को चुनौती दी गई थी. कोर्ट ने आज शिक्षकों के पक्ष में अंतरिम आदेश में यह स्पष्ट किया है कि यह आदेश केवल उन्हीं तदर्थ शिक्षकों पर लागू होगा, जिनकी नियुक्तियां सेकंड रिमूवल ऑफ डिफिकल्टी ऑर्डर एवं धारा 18 और यूपी माध्यमिक शिक्षा सेवा आयोग रूल्स 1995 के नियम 15 के तहत हुई हो.

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इलाहाबाद हाईकोर्ट ने यह आदेश विनोद कुमार श्रीवास्तव और कई अन्य की याचिकाओं पर दिया है. कोर्ट ने कहा है कि अंतरिम आदेश का लाभ उन्हीं तदर्थ शिक्षकों को मिलेगा, जो धारा 33 बी, सी, जी के तहत विनीयमितीकरण के हकदार होंगे.

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प्रदेश के माध्यमिक विद्यालयों में नियुक्त तदर्थ शिक्षकों ने याचिकाएं दाखिल कर प्रदेश सरकार द्वारा नौ नवंबर 2023 के शासनादेश को विभिन्न आधारों पर चुनौती दी थी. सरकार ने इस शासनादेश से प्रदेश तदर्थ शिक्षक जो कि धारा 33 जी के तहत विनीयमितीकरण के हकदार नहीं है, उनकी सेवाएं समाप्त करने का निर्देश दिया है.

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