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इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मुख्तार अंसारी के दो सालों की गिरफ्तारी पर लगाई रोक - गाजीपुर कोतवाली

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने माफिया मुख्तार अंसारी के दो सालों के लिए बड़ी राहत दी है. मुख्तार अंसारी गिरोहबंद कानून के तहत दर्ज FIR पर पुलिस रिपोर्ट पेश होने तक गिरफ्तारी पर रोक लगा दी है. कोर्ट ने याचियों को पुलिस विवेचना में सहयोग करने के निर्देश दिए हैं.

इलाहाबाद हाईकोर्ट.
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Published : Nov 4, 2020, 7:16 PM IST

प्रयागराजः इलाहाबाद हाई कोर्ट ने माफिया बाहुबली विधायक मुख्तार अंसारी की पत्नी के दो भाइयों को राहत दी है. इनकी गिरोहबंद कानून के तहत दर्ज एफआईआर पर पुलिस रिपोर्ट पेश होने तक गिरफ्तारी पर रोक लगा दी है. कोर्ट ने याचियों को पुलिस विवेचना में सहयोग करने का निर्देश दिए हैं. वहीं, पुलिस को विवेचना शीघ्र पूरी करने का भी निर्देश दिए हैं.

यह आदेश न्यायमूर्ति मनोज मिश्र और न्यायमूर्ति एस.के पचौरी की खंडपीठ ने मुख्तार अंसारी की पत्नी के भाई अनवर शहजाद व सरजील रजा की याचिका पर दिया है. याचिका पर वरिष्ठ अधिवक्ता गोपाल स्वरूप चतुर्वेदी व अजय कुमार श्रीवास्तव ने बहस की. याचियों पर गिरोह बनाकर जमीन हथियाने और बेनामी खरीद से संपत्ति बनाने के आरोप में दो आपराधिक मामले दर्ज हैं. गाजीपुर कोतवाली में दर्ज एफआईआर को रद्द करने की मांग की गई थी.

याचियों का कहना था कि पुलिस ने शुरुआत में जमीन में अवैध कब्जा के आरोप में संजय सिंह के खिलाफ चार्जशीट तैयार की थी. विवेचना के दौरान उनको पूरक चार्जशीट में शामिल कर लिया गया है. याचियों के साथ अफसा अंसारी का गिरोह बताया गया है, जबकि संजय सिंह को गैंग से बाहर कर दिया गया. एफआईआर में बेनामी संपत्ति का खुलासा नहीं किया गया है. उन्हें मुख्तार अंसारी की पत्नी का भाई होने के नाते फंसाया गया है. कोर्ट प्राथमिकी को रद्द करने से इनकार करते हुए विवेचना शीघ्र पूरी करने का निर्देश दिए हैं.

प्रयागराजः इलाहाबाद हाई कोर्ट ने माफिया बाहुबली विधायक मुख्तार अंसारी की पत्नी के दो भाइयों को राहत दी है. इनकी गिरोहबंद कानून के तहत दर्ज एफआईआर पर पुलिस रिपोर्ट पेश होने तक गिरफ्तारी पर रोक लगा दी है. कोर्ट ने याचियों को पुलिस विवेचना में सहयोग करने का निर्देश दिए हैं. वहीं, पुलिस को विवेचना शीघ्र पूरी करने का भी निर्देश दिए हैं.

यह आदेश न्यायमूर्ति मनोज मिश्र और न्यायमूर्ति एस.के पचौरी की खंडपीठ ने मुख्तार अंसारी की पत्नी के भाई अनवर शहजाद व सरजील रजा की याचिका पर दिया है. याचिका पर वरिष्ठ अधिवक्ता गोपाल स्वरूप चतुर्वेदी व अजय कुमार श्रीवास्तव ने बहस की. याचियों पर गिरोह बनाकर जमीन हथियाने और बेनामी खरीद से संपत्ति बनाने के आरोप में दो आपराधिक मामले दर्ज हैं. गाजीपुर कोतवाली में दर्ज एफआईआर को रद्द करने की मांग की गई थी.

याचियों का कहना था कि पुलिस ने शुरुआत में जमीन में अवैध कब्जा के आरोप में संजय सिंह के खिलाफ चार्जशीट तैयार की थी. विवेचना के दौरान उनको पूरक चार्जशीट में शामिल कर लिया गया है. याचियों के साथ अफसा अंसारी का गिरोह बताया गया है, जबकि संजय सिंह को गैंग से बाहर कर दिया गया. एफआईआर में बेनामी संपत्ति का खुलासा नहीं किया गया है. उन्हें मुख्तार अंसारी की पत्नी का भाई होने के नाते फंसाया गया है. कोर्ट प्राथमिकी को रद्द करने से इनकार करते हुए विवेचना शीघ्र पूरी करने का निर्देश दिए हैं.

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