ETV Bharat / state

हाई कोर्ट ने ट्यूबवेल को निर्बाध बिजली आपूर्ति और रखरखाव करने का दिया आदेश - District Magistrate will oversee the tubewells in up

इलाहाबाद हाई कोर्ट ने विद्युत कंपनियों को सिंचाई के लिए निर्बाध विद्युत आपूर्ति करने तथा सभी जिलाधिकारियों को ट्यूबवेलों की मरम्मत व देखरेख करने का निर्देश दिया है. कोर्ट ने यह आदेश नाथू प्रसाद कुशवाहा व 14 अन्य की जनहित याचिका को निस्तारित करते हुए दिया है.

इलाहाबाद हाई कोर्ट
इलाहाबाद हाई कोर्ट
author img

By

Published : Mar 24, 2021, 4:25 PM IST

प्रयागराजः इलाहाबाद हाई कोर्ट ने प्रदेश के किसानो को बड़ी राहत दी है. कोर्ट ने विद्युत कंपनियों को सिंचाई के लिए निर्बाध विद्युत आपूर्ति करने तथा सभी जिलाधिकारियों को ट्यूबवेलों की मरम्मत व देखरेख करने का निर्देश दिया है. कोर्ट ने कहा है कि खेती की सिंचाई के लिए बिजली न देना संविधान के अनुच्छेद 19 का उल्लंघन है. इससे कृषि व्यवसाय प्रभावित हो रहा है.

जिलाधिकारी को ट्यूबवेल की देखरेख करने का दिया आदेश
कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि सरकारी एजेन्सी का दायित्व है कि खेती की सिंचाई के लिए बिजली आपूर्ति अनवरत जारी रखें और ट्यूबवेल की मरम्मत व देखरेख करें. कोर्ट ने जिलाधिकारी बादा को बछेहरा गांव की पिपरी ट्यूबवेल की देखरेख करने का आदेश दिया है. यह आदेश मुख्य न्यायाधीश गोविंद माथुर तथा न्यायमूर्ति एस एस शमशेरी की खंडपीठ ने नाथू प्रसाद कुशवाहा व 14 अन्य की जनहित याचिका को निस्तारित करते हुए दिया है.

यह भी पढ़ें-हाईकोर्ट ने मुख्य सचिव को जल निगम कर्मियों के सेवानिवृत्ति भुगतान सुनिश्चित करने का दिया निर्देश

ट्यूबवेल का कनेक्शन कटने पर दायर की गई थी याचिका
याची का कहना था कि ट्यूबवेल का कनेक्शन अक्सर कटा रहता है. ट्यूबवेल की भी मरम्मत नहीं की जाती. मरम्मत के लिए कोई एजेन्सी ही नहीं है, जिसके कारण खेती में पानी नहीं मिल पा रहा है और फसलों को नुकसान हो रहा है. इसपर कोर्ट ने सरकार से जानकारी मांंगी तो बताया कि विद्युत कनेक्शन जोड़ दिया गया है. कोर्ट ने प्रदेश की सभी विद्युत वितरण कंपनियों और सभी जिलाधिकारियों को निर्देश जारी कर कहा है कि सिंचाई के लिए विद्युत आपूर्ति निर्बाध रूप से चालू रखी जाए.

प्रयागराजः इलाहाबाद हाई कोर्ट ने प्रदेश के किसानो को बड़ी राहत दी है. कोर्ट ने विद्युत कंपनियों को सिंचाई के लिए निर्बाध विद्युत आपूर्ति करने तथा सभी जिलाधिकारियों को ट्यूबवेलों की मरम्मत व देखरेख करने का निर्देश दिया है. कोर्ट ने कहा है कि खेती की सिंचाई के लिए बिजली न देना संविधान के अनुच्छेद 19 का उल्लंघन है. इससे कृषि व्यवसाय प्रभावित हो रहा है.

जिलाधिकारी को ट्यूबवेल की देखरेख करने का दिया आदेश
कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि सरकारी एजेन्सी का दायित्व है कि खेती की सिंचाई के लिए बिजली आपूर्ति अनवरत जारी रखें और ट्यूबवेल की मरम्मत व देखरेख करें. कोर्ट ने जिलाधिकारी बादा को बछेहरा गांव की पिपरी ट्यूबवेल की देखरेख करने का आदेश दिया है. यह आदेश मुख्य न्यायाधीश गोविंद माथुर तथा न्यायमूर्ति एस एस शमशेरी की खंडपीठ ने नाथू प्रसाद कुशवाहा व 14 अन्य की जनहित याचिका को निस्तारित करते हुए दिया है.

यह भी पढ़ें-हाईकोर्ट ने मुख्य सचिव को जल निगम कर्मियों के सेवानिवृत्ति भुगतान सुनिश्चित करने का दिया निर्देश

ट्यूबवेल का कनेक्शन कटने पर दायर की गई थी याचिका
याची का कहना था कि ट्यूबवेल का कनेक्शन अक्सर कटा रहता है. ट्यूबवेल की भी मरम्मत नहीं की जाती. मरम्मत के लिए कोई एजेन्सी ही नहीं है, जिसके कारण खेती में पानी नहीं मिल पा रहा है और फसलों को नुकसान हो रहा है. इसपर कोर्ट ने सरकार से जानकारी मांंगी तो बताया कि विद्युत कनेक्शन जोड़ दिया गया है. कोर्ट ने प्रदेश की सभी विद्युत वितरण कंपनियों और सभी जिलाधिकारियों को निर्देश जारी कर कहा है कि सिंचाई के लिए विद्युत आपूर्ति निर्बाध रूप से चालू रखी जाए.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.