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पोर्टल बनाकर जनता की समस्याओं का निराकरण करे नगर निगम: इलाहाबाद हाईकोर्ट - प्रयागराज नगर निगम इलाहाबाद हाईकोर्ट

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मंगलवार को जीवन रक्षक उपकरण दिए बगैर नालों की सफाई कर्मचारियों से कराने मामले में कड़ा रुख अपनाया है. अदालत ने और प्रयागराज  नगर निगम को जनता की समस्याओं को जानने के लिए पोर्टल तैयार करने का आदेश दिया.

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प्रयागराज नगर निगम इलाहाबाद हाईकोर्ट
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Published : Jun 8, 2022, 9:24 AM IST

प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मंगलवार को जीवन रक्षक उपकरण दिए बगैर नालों की सफाई कर्मचारियों से कराने मामले में कड़ा रुख अपनाया है. अदालत ने और प्रयागराज नगर निगम को जनता की समस्याओं को जानने के लिए पोर्टल तैयार करने का आदेश दिया. इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा कि नालों की सफाई के समय सिल्ट हटा दी जाए. नालों की सिल्ट की सफाई का काम 20 जून के पहले पूरा कर लिया जाए.


यह आदेश न्यायमूर्ति मनोज कुमार गुप्ता और न्यायमूर्ति सीके राय की खंडपीठ ने एक जनहित याचिका की सुनवाई करते हुए दिया. कोर्ट ने कहा है कि सरकार अपनी नीतियों का सख्ती से पालन कराए. इस याचिका पर सुनवाई अब 13 जून को होगी.

ये भी पढ़े- मुख्तार अंसारी को खास सुविधाएं देने का आरोप, बांदा में डिप्टी जेलर सस्पेंड

सरकार की ओर से अपर महाधिवक्ता मनीष गोयल और सहयोगी रामानंद पांडेय ने पक्ष रखा. उन्होंने कोर्ट को बताया कि नालों की सफाई का काम नगर निगम का है. इसके लिए नीति बनाई गई है. नगर निगम स्वतंत्र निकाय है. कार्यों के लिए उसका अपना एक बजट है. नगर निगम की ओर से अनूप त्रिवेदी और सहयोगी विभू राय ने पक्ष रखा था.

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प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मंगलवार को जीवन रक्षक उपकरण दिए बगैर नालों की सफाई कर्मचारियों से कराने मामले में कड़ा रुख अपनाया है. अदालत ने और प्रयागराज नगर निगम को जनता की समस्याओं को जानने के लिए पोर्टल तैयार करने का आदेश दिया. इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा कि नालों की सफाई के समय सिल्ट हटा दी जाए. नालों की सिल्ट की सफाई का काम 20 जून के पहले पूरा कर लिया जाए.


यह आदेश न्यायमूर्ति मनोज कुमार गुप्ता और न्यायमूर्ति सीके राय की खंडपीठ ने एक जनहित याचिका की सुनवाई करते हुए दिया. कोर्ट ने कहा है कि सरकार अपनी नीतियों का सख्ती से पालन कराए. इस याचिका पर सुनवाई अब 13 जून को होगी.

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सरकार की ओर से अपर महाधिवक्ता मनीष गोयल और सहयोगी रामानंद पांडेय ने पक्ष रखा. उन्होंने कोर्ट को बताया कि नालों की सफाई का काम नगर निगम का है. इसके लिए नीति बनाई गई है. नगर निगम स्वतंत्र निकाय है. कार्यों के लिए उसका अपना एक बजट है. नगर निगम की ओर से अनूप त्रिवेदी और सहयोगी विभू राय ने पक्ष रखा था.

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