प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मंगलवार को सांप्रदायिक सद्भाव बिगाड़ने के आरोपी की जमानत अर्जी मंजूर करते हुए एतिहासिक फैसला सुनाया. कोर्ट ने याची को हापुड़ के किसी सार्वजनिक स्थान पर राहगीरों को मई या जून के किसी सप्ताह ठंडा पानी और शरबत पिलाने का आदेश दिया. कोर्ट ने मामले में प्रतिवादी डीएम और एसपी को भी मदद करने के लिए कहा है, जिससे कि यह गतिविधि शांतिपूवर्क बिना किसी बाधा के संचालित हो और इच्छित सद्भावना और सौहार्द उत्पन्न हो सके. यह आदेश न्यायमूर्ति अजय भनोट ने नवाब की जमानत अर्जी मंजूर करते हुए दिया है.
याची के खिलाफ हापुड़ के सिंभवाली थाने में 11 मार्च को एफआईआर दर्ज हुई थी. जिला न्यायालय ने याची की जमानत अर्जी को खारिज कर दिया था. याची ने जमानत के लिए हाईकोर्ट में अर्जी दाखिल की. याची की ओर से तर्क दिया कि चुनाव परिणाम आने के बाद राजनीतिक प्रतिद्वंद्वियों के बीच विवाद उत्पन्न हुआ था. नारेबाजी के बाद लोग आक्रोशित हुए और विवाद अचानक हिंसक रूप में परिवर्तित हो गया. लेकिन इसमें याची का कोई दोष नहीं है. उसे द्वेषवश फंसाया गया है. घटना में याची की कोई भूमिका नहीं है.
उसका नाम भी मुख्य आरोपी के तौर पर सामने नहीं आया है. याची के तर्कों से सहमत होते हुए कोर्ट ने कहा कि याची जमानत का हकदार है. कोर्ट ने शर्तों के साथ याची को व्यक्तिगत मुचलके और दो प्रतिभूति के साथ रिहा करने का आदेश दिया. साथ ही याची को सार्वजनिक स्थान पर राहगीरों और यात्रियों को मई और जून की गर्मी में किसी सार्वजनिक स्थान पर हफ्ते भर तक ठंडा और शरबत पिलाने का निर्देश दिया. कहा कि याची के अधिवक्ता भी उसे कार्यक्रम में हिस्सा लेंगे.
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