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हाईकोर्ट का आदेशः लागू की जाए साक्षी सुरक्षा योजना-2018

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने आत्महत्या के एक मामले में सुनवाई करते हुए साक्षी सुरक्षा योजना-2018 लागू करने का निर्देश दिया है और प्रगति रिपोर्ट मांगी है.

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Published : Jun 8, 2021, 10:03 AM IST

प्रयागराजः
प्रयागराजः

प्रयागराजः इलाहाबाद हाईकोर्ट ने प्रदेश के मुख्य सचिव को साक्षी सुरक्षा योजना-2018 लागू करने का निर्देश दिया है. इस योजना के तहत शिकायतकर्ता व आपराधिक केस के गवाहों को अपनी सुरक्षा की मांग राज्य सरकार या पुलिस अधीक्षक से करने का अधिकार दिया गया है. राज्य पर ऐसी अर्जी पर सुरक्षा उपलब्ध कराने का दायित्व सौंपा गया है.

सुप्रीम कोर्ट ने दिया था निर्देश
सुप्रीम कोर्ट ने महेंद्र चावला केस में योजना को विधि का दर्जा देते हुए राज्यों को इसे लागू करने व कानून बनाने का निर्देश दिया था. इसका पालन न होने पर कोर्ट ने मुख्य सचिव व पुलिस महानिदेशक से चार हफ्ते में प्रगति रिपोर्ट के साथ हलफनामा दाखिल करने का आदेश दिया है. मामले की सुनवाई 5 जुलाई को होगी.

सशर्त जमानत मंजूर
यह आदेश न्यायमूर्ति सौरभ श्याम शमशेरी ने रवीन्द्र प्रताप शाही उर्फ पप्पू शाही की जमानत अर्जी पर दिया है. कोर्ट ने आत्महत्या के दुष्प्रेरण के आरोपी शाही की सशर्त जमानत मंजूर कर ली है. 15 मार्च 21 को संतकबीर नगर के महुली थाना क्षेत्र में रेलवे गेट मैन रघुवीर ने जहर खाकर आत्महत्या कर ली था. सुसाइड नोट और आडियो में याची द्वारा परेशान करने व धमकाने से ऊबकर आत्महत्या करने की बात कही गई है.

इसे भी पढ़ेंः जुलाई से ऑनलाइन बनेगा डीएल, आरटीओ जाने का झंझट खत्म

ये है मामला
मामला यह है कि राम वचन के नाम, नगर पंचायत हरिहरपुर ने जगदीशपुर गौरा में जमीन का पट्टा दिया. इसे याची सभासद व पूर्व अध्यक्ष नगर पंचायत रवीन्द्र प्रताप शाही ने अध्यक्ष जितेन्द्र कनौजिया के साथ मिलकर पट्टा निरस्त करा दिया. इसी घटना को लेकर शिकायतकर्ता के बेटे ने परेशान किए जाने का आरोप लगाते हुए आत्महत्या कर ली. पुलिस ने चार्जशीट दाखिल कर दी है. कोर्ट ने कहा कि जमानत नियम है और जेल अपवाद. पुलिस ने समय पर कार्रवाई की होती तो घटना टाली जा सकती थी. ऐसा साक्षी सुरक्षा योजना पर अमल न करने से हुआ. सुप्रीम कोर्ट का आदेश बाध्यकारी है, जिसपर अमल किया जाना चाहिए. कोर्ट ने मुख्य सचिव को कानून बनाकर योजना को लागू करने और प्रगति रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया है.

प्रयागराजः इलाहाबाद हाईकोर्ट ने प्रदेश के मुख्य सचिव को साक्षी सुरक्षा योजना-2018 लागू करने का निर्देश दिया है. इस योजना के तहत शिकायतकर्ता व आपराधिक केस के गवाहों को अपनी सुरक्षा की मांग राज्य सरकार या पुलिस अधीक्षक से करने का अधिकार दिया गया है. राज्य पर ऐसी अर्जी पर सुरक्षा उपलब्ध कराने का दायित्व सौंपा गया है.

सुप्रीम कोर्ट ने दिया था निर्देश
सुप्रीम कोर्ट ने महेंद्र चावला केस में योजना को विधि का दर्जा देते हुए राज्यों को इसे लागू करने व कानून बनाने का निर्देश दिया था. इसका पालन न होने पर कोर्ट ने मुख्य सचिव व पुलिस महानिदेशक से चार हफ्ते में प्रगति रिपोर्ट के साथ हलफनामा दाखिल करने का आदेश दिया है. मामले की सुनवाई 5 जुलाई को होगी.

सशर्त जमानत मंजूर
यह आदेश न्यायमूर्ति सौरभ श्याम शमशेरी ने रवीन्द्र प्रताप शाही उर्फ पप्पू शाही की जमानत अर्जी पर दिया है. कोर्ट ने आत्महत्या के दुष्प्रेरण के आरोपी शाही की सशर्त जमानत मंजूर कर ली है. 15 मार्च 21 को संतकबीर नगर के महुली थाना क्षेत्र में रेलवे गेट मैन रघुवीर ने जहर खाकर आत्महत्या कर ली था. सुसाइड नोट और आडियो में याची द्वारा परेशान करने व धमकाने से ऊबकर आत्महत्या करने की बात कही गई है.

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ये है मामला
मामला यह है कि राम वचन के नाम, नगर पंचायत हरिहरपुर ने जगदीशपुर गौरा में जमीन का पट्टा दिया. इसे याची सभासद व पूर्व अध्यक्ष नगर पंचायत रवीन्द्र प्रताप शाही ने अध्यक्ष जितेन्द्र कनौजिया के साथ मिलकर पट्टा निरस्त करा दिया. इसी घटना को लेकर शिकायतकर्ता के बेटे ने परेशान किए जाने का आरोप लगाते हुए आत्महत्या कर ली. पुलिस ने चार्जशीट दाखिल कर दी है. कोर्ट ने कहा कि जमानत नियम है और जेल अपवाद. पुलिस ने समय पर कार्रवाई की होती तो घटना टाली जा सकती थी. ऐसा साक्षी सुरक्षा योजना पर अमल न करने से हुआ. सुप्रीम कोर्ट का आदेश बाध्यकारी है, जिसपर अमल किया जाना चाहिए. कोर्ट ने मुख्य सचिव को कानून बनाकर योजना को लागू करने और प्रगति रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया है.

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