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महाकुंभ में संगम के पानी की क्वालिटी को लेकर NGT कोर्ट ने जताई नाराजगी, यूपी पॉल्यूशन बोर्ड को दी चेतावनी, मांगी रिपोर्ट - NGT COURT

गंगा-यमुना के जल की वर्तमान स्थिति पर यूपी पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड ने नहीं दाखिल की अपनी रिपोर्ट, एनजीटी कोर्ट ने 28 फरवरी तक दी मोहलत

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महाकुंभ में स्नान. (Etv Bharat)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Feb 19, 2025, 6:08 PM IST

वाराणसी: महाकुंभ में गंगा-यमुना और सरस्वती के संगम पर करोड़ों लोग पुण्य की डुबकी लगा चुके हैं और लगा रहे हैं. लेकिन इसके पहले यहां गंगा यमुना के पानी की वर्तमान स्थिति और उसकी क्वालिटी पर लगातार एनजीटी कोर्ट में सुनवाई जा रही है.

दो दिन पहले ही हुई सुनवाई में एनजीटी कोर्ट की प्रधान पीठ ने उत्तर प्रदेश पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड के अधिकारियों की जमकर क्लास लगाई थी और रिपोर्ट न दाखिल करने और हीला हवाली पर नाराजगी भी जताई थी. इसके बाद बुधवार को एनजीटी कोर्ट में सुनवाई के दौरान प्रधान पीठ के तीन जजों ने उत्तर प्रदेश पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड को फिर से कड़े शब्दों में हर हाल में वर्तमान रिपोर्ट फाइल करने के लिए कहा है. कोर्ट ने अगली सुनवाई 28 फरवरी को करते हुए इस डेट में ही रिपोर्ट फाइल करने के निर्देश दिए हैं.

याचिकाकर्ता सौरभ तिवारी. (Photo Credit; ETV Bharat)

एनजीटी नई दिल्ली की प्रधान पीठ के समक्ष बुधवार को गंगा-यमुना की प्रयागराज में स्थिति को लेकर सुनवाई हुई है. याचिकाकर्ता सौरभ तिवारी ने बताया कि प्रयागराज में महाकुंभ के दौरान वहां यमुना और गंगा के वाटर की क्वालिटी को लेकर सुनवाई की गई है. सेंट्रल पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड के रिपोर्ट पर 17 फरवरी को कोर्ट ने एक आदेश पारित किया था. जिसमें आज सुनवाई की गई है. सुनवाई के दौरान उत्तर प्रदेश सरकार की तरफ से एडिशनल एडवोकेट जनरल की तरफ से टालमटोल की स्थिति बनाते हुए कोर्ट के सामने अपना पक्ष रखते हुए लेटेस्ट रिपोर्ट दाखिल करने के लिए एक सप्ताह का समय मांगा गया है. यूपी पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड सेंट्रल पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड की रिपोर्ट को चुनौती दे रहा है. यूपी पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड के एडवोकेट का कहना था कि हमने डिफरेंट एजेंसी से वाहन जांच करवाई है. हम उसकी रिपोर्ट तैयार कर रहे हैं. जिस पर ट्रिब्यूनल ने यह पूछा कि आपकी रिपोर्ट 12 जनवरी के पहले की है. जबकि सेंट्रल पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड की रिपोर्ट लेटेस्ट है.

इस पर यूपी पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड ने कहा कि हमारे पास भी लेटेस्ट रिपोर्ट है और हम जल्द से फाइल करेंगे. इस पर कोर्ट ने पूछा कि कल आपने जो एक लंबा चौड़ा रिपोर्ट दाखिल किया है, 549 पेज का, इसमें तो कहीं भी पोलीफॉर्म का जिक्र ही नहीं है. इसके बाद यूपी पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड के वकील ने कहा कि सेंट्रल पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड की तरफ से यह सूचना नहीं दी गई थी, कलेक्शन के पहले की अलग-अलग पॉइंट का यह नमूना है. जिस पर कोर्ट ने नाराजगी जताते हुए कहा कि कहां कहा गया था कि पहले से सेंट्रल पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड आपको सूचना देगा. कोर्ट ने स्पष्ट तौर पर कहा कि पॉल्यूशन कहां है, यह मैटर नहीं करता है मैटर यह करता है की नदी की पॉल्यूशन कंडीशन वर्तमान में है, क्या वह चाहे कोई भी क्षेत्र इलाका हो. फिलहाल 28 फरवरी को सुनवाई की तिथि निर्धारित की गई है. इस पर उत्तर प्रदेश पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड अपनी रिपोर्ट दाखिल करेगा जो वर्तमान में कुंभ के गंगा जमुना के पानी को लेकर होगी.

इसे भी पढ़ें-महाकुंभ में संगम का पानी नहाने योग्य नहीं, आचमन तो दूर की बात; जानिए NGT कोर्ट ने क्यों की टिप्पणी?

वाराणसी: महाकुंभ में गंगा-यमुना और सरस्वती के संगम पर करोड़ों लोग पुण्य की डुबकी लगा चुके हैं और लगा रहे हैं. लेकिन इसके पहले यहां गंगा यमुना के पानी की वर्तमान स्थिति और उसकी क्वालिटी पर लगातार एनजीटी कोर्ट में सुनवाई जा रही है.

दो दिन पहले ही हुई सुनवाई में एनजीटी कोर्ट की प्रधान पीठ ने उत्तर प्रदेश पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड के अधिकारियों की जमकर क्लास लगाई थी और रिपोर्ट न दाखिल करने और हीला हवाली पर नाराजगी भी जताई थी. इसके बाद बुधवार को एनजीटी कोर्ट में सुनवाई के दौरान प्रधान पीठ के तीन जजों ने उत्तर प्रदेश पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड को फिर से कड़े शब्दों में हर हाल में वर्तमान रिपोर्ट फाइल करने के लिए कहा है. कोर्ट ने अगली सुनवाई 28 फरवरी को करते हुए इस डेट में ही रिपोर्ट फाइल करने के निर्देश दिए हैं.

याचिकाकर्ता सौरभ तिवारी. (Photo Credit; ETV Bharat)

एनजीटी नई दिल्ली की प्रधान पीठ के समक्ष बुधवार को गंगा-यमुना की प्रयागराज में स्थिति को लेकर सुनवाई हुई है. याचिकाकर्ता सौरभ तिवारी ने बताया कि प्रयागराज में महाकुंभ के दौरान वहां यमुना और गंगा के वाटर की क्वालिटी को लेकर सुनवाई की गई है. सेंट्रल पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड के रिपोर्ट पर 17 फरवरी को कोर्ट ने एक आदेश पारित किया था. जिसमें आज सुनवाई की गई है. सुनवाई के दौरान उत्तर प्रदेश सरकार की तरफ से एडिशनल एडवोकेट जनरल की तरफ से टालमटोल की स्थिति बनाते हुए कोर्ट के सामने अपना पक्ष रखते हुए लेटेस्ट रिपोर्ट दाखिल करने के लिए एक सप्ताह का समय मांगा गया है. यूपी पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड सेंट्रल पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड की रिपोर्ट को चुनौती दे रहा है. यूपी पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड के एडवोकेट का कहना था कि हमने डिफरेंट एजेंसी से वाहन जांच करवाई है. हम उसकी रिपोर्ट तैयार कर रहे हैं. जिस पर ट्रिब्यूनल ने यह पूछा कि आपकी रिपोर्ट 12 जनवरी के पहले की है. जबकि सेंट्रल पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड की रिपोर्ट लेटेस्ट है.

इस पर यूपी पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड ने कहा कि हमारे पास भी लेटेस्ट रिपोर्ट है और हम जल्द से फाइल करेंगे. इस पर कोर्ट ने पूछा कि कल आपने जो एक लंबा चौड़ा रिपोर्ट दाखिल किया है, 549 पेज का, इसमें तो कहीं भी पोलीफॉर्म का जिक्र ही नहीं है. इसके बाद यूपी पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड के वकील ने कहा कि सेंट्रल पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड की तरफ से यह सूचना नहीं दी गई थी, कलेक्शन के पहले की अलग-अलग पॉइंट का यह नमूना है. जिस पर कोर्ट ने नाराजगी जताते हुए कहा कि कहां कहा गया था कि पहले से सेंट्रल पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड आपको सूचना देगा. कोर्ट ने स्पष्ट तौर पर कहा कि पॉल्यूशन कहां है, यह मैटर नहीं करता है मैटर यह करता है की नदी की पॉल्यूशन कंडीशन वर्तमान में है, क्या वह चाहे कोई भी क्षेत्र इलाका हो. फिलहाल 28 फरवरी को सुनवाई की तिथि निर्धारित की गई है. इस पर उत्तर प्रदेश पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड अपनी रिपोर्ट दाखिल करेगा जो वर्तमान में कुंभ के गंगा जमुना के पानी को लेकर होगी.

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