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50 वर्षीय अभ्यर्थी को सहायक अध्‍यापक पद पर नियुक्ति का निर्देश, इलाहाबाद हाईकोर्ट का ऐतिहासिक फैसला

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा कि सहायक अध्यापक भर्ती में 29 सितंबर 2016 की गाइडलाइन के तहत आयु सीमा में छूट का दोबारा लाभ लेने पर कोई रोक नहीं है. कोर्ट ने बेसिक शिक्षा अधिकारी कुशीनगर द्वारा सहायक अध्यापक की नियुक्ति न देने के आदेश को रद्द करते हुए याची को सहायक अध्यापक पद पर नियुक्ति देने का निर्देश दिया है. यह आदेश न्यायमूर्ति सिद्धार्थ ने कुशीनगर की कमलेश कुमार की याचिका पर दिया है.

इलाहाबाद हाईकोर्ट
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Published : Jun 5, 2022, 10:23 AM IST

प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा कि सहायक अध्यापक भर्ती में 29 सितंबर 2016 की गाइडलाइन के तहत आयु सीमा में छूट का दोबारा लाभ लेने पर कोई रोक नहीं है. कोर्ट ने बेसिक शिक्षा अधिकारी कुशीनगर द्वारा सहायक अध्यापक की नियुक्ति न देने के आदेश को रद्द कर दिया है. साथ ही याची को सहायक अध्यापक पद पर नियुक्ति देने का निर्देश दिया है. यह आदेश न्यायमूर्ति सिद्धार्थ ने कुशीनगर की कमलेश कुमार की याचिका पर दिया है.

2016 में चयनित हुई थी कुशीनगर की कमलेश
याची ने 2016 में विज्ञापित 16,448 सहायक अध्यापक भर्ती में आवेदन किया था. कुशीनगर जिले में इसके लिए 660 पद विज्ञापित किए गए. विशिष्ट बीटीसी योग्यता धारक याची ने अनुसूचित जाति वर्ग के तहत आवेदन किया और वह चयनित हो गई. सूची में उसका नाम 160वें क्रम पर था. अन्य अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र जारी कर दिया गया, लेकिन याची को नियुक्ति पत्र नहीं जारी किया गया. इस पर याची ने बेसिक शिक्षा अधिकारी कुशीनगर से संपर्क किया तो बताया गया कि उसका नाम चयनित अभ्यर्थियों की लंबित सूची में रखा गया है.

बीएसए ने याची का प्रत्‍यावेदन खारिज कर दिया था
उसके बाद याची ने याचिका कर हाई कोर्ट से प्रत्यावेदन निर्णीत करने का आदेश प्राप्त किया. इसके बावजूद बीएसए ने उसका प्रत्यावेदन यह कहते हुए खारिज कर दिया कि नियुक्ति पत्र जारी किए जाने की तिथि पर याची की आयु 49 वर्ष 3 माह थी. अब वह 50 वर्ष की आयु पूरी कर चुकी है. बीएसए का कहना था कि याची ने 2015 में भी आवेदन किया था और उस समय उसने आयु सीमा में छूट का लाभ लिया था, इसलिए 2 सितंबर 2016 के शासनादेश के तहत उसे दोबारा आयु सीमा में छूट का लाभ नहीं मिलेगा.

अधिवक्ता सीमांत सिंह की दलील थी कि 2 सितंबर 2016 के शासनादेश के अंतिम क्लाज 1 (ख) में आयु सीमा में दोबारा छूट का लाभ लेने पर कोई रोक नहीं है. विशिष्ट बीटीसी डिग्री धारकों के चयन की अधिकतम आयु सीमा 45 वर्ष है, जबकि सामान्य अभ्यर्थियों के लिए चयन की अधिकतम आयु सीमा 40 वर्ष है.

कोर्ट ने BSA के आदेश को किया रद्द
कोर्ट ने कहा कि बेसिक शिक्षा अधिकारी ने इस तथ्य पर ध्यान नहीं दिया कि चयन की तिथि पर याची 50 वर्ष की आयु के भीतर थी और शासनादेश में आयु में दोबारा छूट लेने पर कोई रोक नहीं है. कोर्ट ने बेसिक शिक्षा अधिकारी का आदेश रद्द करते हुए याची को सहायक अध्यापक पद पर नियुक्त देने का आदेश दिया है.

इसे भी पढे़ं- इलाहाबाद हाईकोर्ट के बंद पर अब तक नहीं लिया गया कोई फैसला

प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा कि सहायक अध्यापक भर्ती में 29 सितंबर 2016 की गाइडलाइन के तहत आयु सीमा में छूट का दोबारा लाभ लेने पर कोई रोक नहीं है. कोर्ट ने बेसिक शिक्षा अधिकारी कुशीनगर द्वारा सहायक अध्यापक की नियुक्ति न देने के आदेश को रद्द कर दिया है. साथ ही याची को सहायक अध्यापक पद पर नियुक्ति देने का निर्देश दिया है. यह आदेश न्यायमूर्ति सिद्धार्थ ने कुशीनगर की कमलेश कुमार की याचिका पर दिया है.

2016 में चयनित हुई थी कुशीनगर की कमलेश
याची ने 2016 में विज्ञापित 16,448 सहायक अध्यापक भर्ती में आवेदन किया था. कुशीनगर जिले में इसके लिए 660 पद विज्ञापित किए गए. विशिष्ट बीटीसी योग्यता धारक याची ने अनुसूचित जाति वर्ग के तहत आवेदन किया और वह चयनित हो गई. सूची में उसका नाम 160वें क्रम पर था. अन्य अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र जारी कर दिया गया, लेकिन याची को नियुक्ति पत्र नहीं जारी किया गया. इस पर याची ने बेसिक शिक्षा अधिकारी कुशीनगर से संपर्क किया तो बताया गया कि उसका नाम चयनित अभ्यर्थियों की लंबित सूची में रखा गया है.

बीएसए ने याची का प्रत्‍यावेदन खारिज कर दिया था
उसके बाद याची ने याचिका कर हाई कोर्ट से प्रत्यावेदन निर्णीत करने का आदेश प्राप्त किया. इसके बावजूद बीएसए ने उसका प्रत्यावेदन यह कहते हुए खारिज कर दिया कि नियुक्ति पत्र जारी किए जाने की तिथि पर याची की आयु 49 वर्ष 3 माह थी. अब वह 50 वर्ष की आयु पूरी कर चुकी है. बीएसए का कहना था कि याची ने 2015 में भी आवेदन किया था और उस समय उसने आयु सीमा में छूट का लाभ लिया था, इसलिए 2 सितंबर 2016 के शासनादेश के तहत उसे दोबारा आयु सीमा में छूट का लाभ नहीं मिलेगा.

अधिवक्ता सीमांत सिंह की दलील थी कि 2 सितंबर 2016 के शासनादेश के अंतिम क्लाज 1 (ख) में आयु सीमा में दोबारा छूट का लाभ लेने पर कोई रोक नहीं है. विशिष्ट बीटीसी डिग्री धारकों के चयन की अधिकतम आयु सीमा 45 वर्ष है, जबकि सामान्य अभ्यर्थियों के लिए चयन की अधिकतम आयु सीमा 40 वर्ष है.

कोर्ट ने BSA के आदेश को किया रद्द
कोर्ट ने कहा कि बेसिक शिक्षा अधिकारी ने इस तथ्य पर ध्यान नहीं दिया कि चयन की तिथि पर याची 50 वर्ष की आयु के भीतर थी और शासनादेश में आयु में दोबारा छूट लेने पर कोई रोक नहीं है. कोर्ट ने बेसिक शिक्षा अधिकारी का आदेश रद्द करते हुए याची को सहायक अध्यापक पद पर नियुक्त देने का आदेश दिया है.

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