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हाईकोर्ट ने नितेश सिंह मर्डर केस की जांच सीबीसीआईडी को सौंपने का दिया आदेश

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने वाराणसी के चर्चित नितेश सिंह बबलू हत्याकांड की जांच सीबीसीआईडी को करने का निर्देश दिया है. याचिकाकर्ता ने इस हत्याकांड में प्रभावशाली लोगों के शामिल होने का अंदेशा जताया है.

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Allahabad High Court
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Published : Dec 20, 2022, 11:01 PM IST

प्रयागराजः इलाहाबाद हाईकोर्ट ने वाराणसी के चर्चित नितेश सिंह बबलू हत्याकांड की जांच सीबीसीआईडी को करने का निर्देश दिया है. इस मामले में पुलिस की जांच पर सवाल उठाते हुए हाईकोर्ट में निष्पक्ष विवेचना की मांग को लेकर के याचिका दाखिल की गई है. अखिलेश कुमार सिंह की याचिका पर न्यायमूर्ति सुनीत कुमार और न्यायमूर्ति सुरेंद्र सिंह प्रथम की खंडपीठ ने सुनवाई की.

हाई कोर्ट के निर्देश पर इस मामले के जांच अधिकारी प्रेम प्रकाश सिंह अदालत में उपस्थित हुए. सुनवाई के दौरान कहा गया कि घटना दिनदहाड़े वाराणसी की सदर तहसील के एसडीएम कार्यालय परिसर में हुई है. जांच में एक अभियुक्त गिरधारी का नाम सामने आया. मगर बाद में गिरधारी एक एनकाउंटर में मारा गया. विवेचना जारी रखते हुए कोर्ट में फाइनल रिपोर्ट दाखिल की गई कि इस मामले के अन्य अभियुक्तो की पहचान नहीं हो सकी है और ना ही जांच अधिकारी को उनके बारे में कोई सूचना ही मिल सकी है.

याचिकाकर्ता के अधिवक्ता का कहना था कि यह बात सामने आई है कि इस घटना के पीछे कुछ प्रभावशाली लोगों का हाथ हो सकता है. जो कि पुलिस अधिकारियों पर दबाव डालकर जांच को प्रभावित कर रहे हैं. याचिकाकर्ता को आशंका है कि हत्याकांड में शामिल लोग सत्ताधारी दल से संबंध रखते हैं और अपने राजनीतिक प्रभाव तथा पैसे का इस्तेमाल कर जांच को प्रभावित कर सकते हैं. इस पर कोर्ट ने इस मामले की अग्रिम विवेचना सीबीसीआईडी को करने का निर्देश दिया है.

ये भी पढ़ेंः स्मृति ईरानी पर 'लटके झटके' वाला बयान देकर बुरे फंसे अजय राय, सोनभद्र में मुकदमा दर्ज

प्रयागराजः इलाहाबाद हाईकोर्ट ने वाराणसी के चर्चित नितेश सिंह बबलू हत्याकांड की जांच सीबीसीआईडी को करने का निर्देश दिया है. इस मामले में पुलिस की जांच पर सवाल उठाते हुए हाईकोर्ट में निष्पक्ष विवेचना की मांग को लेकर के याचिका दाखिल की गई है. अखिलेश कुमार सिंह की याचिका पर न्यायमूर्ति सुनीत कुमार और न्यायमूर्ति सुरेंद्र सिंह प्रथम की खंडपीठ ने सुनवाई की.

हाई कोर्ट के निर्देश पर इस मामले के जांच अधिकारी प्रेम प्रकाश सिंह अदालत में उपस्थित हुए. सुनवाई के दौरान कहा गया कि घटना दिनदहाड़े वाराणसी की सदर तहसील के एसडीएम कार्यालय परिसर में हुई है. जांच में एक अभियुक्त गिरधारी का नाम सामने आया. मगर बाद में गिरधारी एक एनकाउंटर में मारा गया. विवेचना जारी रखते हुए कोर्ट में फाइनल रिपोर्ट दाखिल की गई कि इस मामले के अन्य अभियुक्तो की पहचान नहीं हो सकी है और ना ही जांच अधिकारी को उनके बारे में कोई सूचना ही मिल सकी है.

याचिकाकर्ता के अधिवक्ता का कहना था कि यह बात सामने आई है कि इस घटना के पीछे कुछ प्रभावशाली लोगों का हाथ हो सकता है. जो कि पुलिस अधिकारियों पर दबाव डालकर जांच को प्रभावित कर रहे हैं. याचिकाकर्ता को आशंका है कि हत्याकांड में शामिल लोग सत्ताधारी दल से संबंध रखते हैं और अपने राजनीतिक प्रभाव तथा पैसे का इस्तेमाल कर जांच को प्रभावित कर सकते हैं. इस पर कोर्ट ने इस मामले की अग्रिम विवेचना सीबीसीआईडी को करने का निर्देश दिया है.

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