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हाईकोर्ट ने 69 हजार सहायक अध्यापक भर्ती मामले में अभ्यर्थियों को दी राहत - 69 हजार सहायक अध्यापक भर्ती

69 हजार सहायक अध्यापक भर्ती परीक्षा में सफल ऐसे अभ्यर्थियों को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने राहत दी है, जिन्होंने  ऑनलाइन आवेदन भरने में गलती कर दी थी. वहीं जिन अभ्यर्थियों ने ओएमआर सीट में उत्तर देने के तरीके में गलती की है. ऐसे अभ्यर्थियों की याचिका यह कहते हुए खारिज कर दी है कि जो ओएमआर सीट पर दिए निर्देशों को समझ नहीं सकता, वह सहायक अध्यापक बनने के योग्य नहीं है.

इलाहाबाद समाचार.
कोर्ट.
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Published : Jun 20, 2020, 1:08 AM IST

Updated : Jun 20, 2020, 2:53 AM IST

प्रयागराज: 69 हजार सहायक अध्यापक भर्ती परीक्षा में सफल ऐसे अभ्यर्थियों को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने राहत दी है, जिन्होंने ऑनलाइन आवेदन भरने में गलती कर दी थी. इन्हें कहा है कि कॉउन्सिलिंग के समय अर्जी देने पर मानवीय भूल सुधारने का मौका दिया जाए, वहीं कोर्ट ने ऐसे अभ्यर्थियों को राहत देने से इंकार कर दिया जो परीक्षा में सफल नहीं हुए हैं. साथ ही ऑनलाइन आवेदन में भी गलती की है.

जिन अभ्यर्थियों ने ओएमआर सीट में उत्तर देने के तरीके में गलती की है. ऐसे अभ्यर्थियों की याचिका यह कहते हुए खारिज कर दी है कि जो ओएमआर सीट पर दिए निर्देशों को समझ नहीं सकता, वह सहायक अध्यापक बनने के योग्य नहीं है. यह आदेश न्यायमूर्ति अंजनी कुमार मिश्र ने अमर बहादुर और 25 अन्य की याचिका पर दिया है.

जो याचीगण सहायक अध्यापक भर्ती की लिखित परीक्षा में सफल हैं. उनका कहना था कि ऑनलाइन आवेदन करते समय उन्होंने विभिन्न परीक्षाओं में प्राप्त अंक भरने में गलती कर दी. कुछ ने अधिक अंक भरे, जबकि कुछ ने प्राप्तांक से कम भर दिए. इसी प्रकार से दो शिक्षामित्र वाला कॉलम भरना भूल गए थे, जिससे उनको 25 अंक का वेटेज नहीं मिल सका. कोर्ट ने सभी की याचिकाएं स्वीकार करते हुए कहा है कि याचीगण चयन समिति के समक्ष उपस्थित होकर अपना प्रत्यावेदन दें. चयन समिति उस पर विचार कर नियमानुसार निर्णय ले.

वहीं कोर्ट ने ऐसे अभ्यर्थियों को राहत नहीं दी है जो लिखित परीक्षा में असफल थे. उन्होंने ऑनलाइन आवेदन में की गई त्रुटि को सुधारने की मांग की थी. कोर्ट ने कहा कि ऐसे अभ्यर्थियों को त्रुटि सुधार की अनुमति देने का अर्थ है कि परीक्षा परिणाम प्रभावित होना, जोकि पहले ही जारी हो चुका है. एक अभ्यर्थी ने यह कहते हुए याचिका दाखिल की थी वह परीक्षा के ओएमआर सीट पर उत्तर भरते समय उसने कुछ उत्तरों को काला किया, जबकि कुछ में टिक का चिन्ह लगा दिया. उसने अपनी उत्तर पुस्तिका फिर से जांचने की मांग की थी. कोर्ट ने कहा कि ओएमआर सीट पर स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं कि उत्तर के सामने बने गोले को काला करना है. मगर याची निर्देशों को समझने में नाकाम रही. ऐसा अभ्यर्थी सहायक अध्यापक बनने के योग्य नहीं है, जो निर्देशों को न समझ सके.

प्रयागराज: 69 हजार सहायक अध्यापक भर्ती परीक्षा में सफल ऐसे अभ्यर्थियों को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने राहत दी है, जिन्होंने ऑनलाइन आवेदन भरने में गलती कर दी थी. इन्हें कहा है कि कॉउन्सिलिंग के समय अर्जी देने पर मानवीय भूल सुधारने का मौका दिया जाए, वहीं कोर्ट ने ऐसे अभ्यर्थियों को राहत देने से इंकार कर दिया जो परीक्षा में सफल नहीं हुए हैं. साथ ही ऑनलाइन आवेदन में भी गलती की है.

जिन अभ्यर्थियों ने ओएमआर सीट में उत्तर देने के तरीके में गलती की है. ऐसे अभ्यर्थियों की याचिका यह कहते हुए खारिज कर दी है कि जो ओएमआर सीट पर दिए निर्देशों को समझ नहीं सकता, वह सहायक अध्यापक बनने के योग्य नहीं है. यह आदेश न्यायमूर्ति अंजनी कुमार मिश्र ने अमर बहादुर और 25 अन्य की याचिका पर दिया है.

जो याचीगण सहायक अध्यापक भर्ती की लिखित परीक्षा में सफल हैं. उनका कहना था कि ऑनलाइन आवेदन करते समय उन्होंने विभिन्न परीक्षाओं में प्राप्त अंक भरने में गलती कर दी. कुछ ने अधिक अंक भरे, जबकि कुछ ने प्राप्तांक से कम भर दिए. इसी प्रकार से दो शिक्षामित्र वाला कॉलम भरना भूल गए थे, जिससे उनको 25 अंक का वेटेज नहीं मिल सका. कोर्ट ने सभी की याचिकाएं स्वीकार करते हुए कहा है कि याचीगण चयन समिति के समक्ष उपस्थित होकर अपना प्रत्यावेदन दें. चयन समिति उस पर विचार कर नियमानुसार निर्णय ले.

वहीं कोर्ट ने ऐसे अभ्यर्थियों को राहत नहीं दी है जो लिखित परीक्षा में असफल थे. उन्होंने ऑनलाइन आवेदन में की गई त्रुटि को सुधारने की मांग की थी. कोर्ट ने कहा कि ऐसे अभ्यर्थियों को त्रुटि सुधार की अनुमति देने का अर्थ है कि परीक्षा परिणाम प्रभावित होना, जोकि पहले ही जारी हो चुका है. एक अभ्यर्थी ने यह कहते हुए याचिका दाखिल की थी वह परीक्षा के ओएमआर सीट पर उत्तर भरते समय उसने कुछ उत्तरों को काला किया, जबकि कुछ में टिक का चिन्ह लगा दिया. उसने अपनी उत्तर पुस्तिका फिर से जांचने की मांग की थी. कोर्ट ने कहा कि ओएमआर सीट पर स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं कि उत्तर के सामने बने गोले को काला करना है. मगर याची निर्देशों को समझने में नाकाम रही. ऐसा अभ्यर्थी सहायक अध्यापक बनने के योग्य नहीं है, जो निर्देशों को न समझ सके.

Last Updated : Jun 20, 2020, 2:53 AM IST
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