ETV Bharat / state

HC ने व्यवसाय कर विभाग के अफसरों के रवैये पर की सख्त टिप्पणी, लगाया 20 हजार रुपये का जुर्माना

इलाहाबाद हाई कोर्ट ने प्रदेश के व्यवसाय कर विभाग के अधिकारियों के खिलाफ मनमानी और अवैध कार्रवाई पर सख्त टिप्पणी की है. उन्होंने कहा कि एक ओर सरकार प्रदेश में स्वतंत्र और निर्बाध व्यवसाय का वातावरण बनाने में जुटी है, तो वहीं दूसरी ओर अधिकारी मनमाने रवैये की वजह से व्यापारियों को परेशान करने में लगे हैं.

इलाहाबाद हाई कोर्ट
इलाहाबाद हाई कोर्ट
author img

By

Published : Jan 11, 2022, 10:33 PM IST

प्रयागराजः इलाहाबाद हाईकोर्ट ने प्रदेश के व्यवसाय कर विभाग के अधिकारियों के खिलाफ मनमानी और अवैध कार्रवाई पर तीखी टिप्पणी की है. उन्होंने कहा कि एक ओर सरकार प्रदेश में स्वतंत्र और निर्बाध व्यवसाय का वातावरण बनाने में जुटी है, तो दूसरी ओर अधिकारी अपनी सनक और सीमाओं में जकड़े हुए व्यापारियों को परेशान करने में लगे हैं. इसपर नियंत्रण किया जाना चाहिए.

कोर्ट ने वाराणसी आबकारी विभाग की कार्रवाई को अवैध करार देते हुए रद्द कर दिया है और राज्य सरकार पर 20 हजार रुपये हर्जाना लगाया है. सरकार को हर्जाना राशि दोषी अधिकारियों से वसूल करने की छूट दी है. कोर्ट ने राज्य सरकार को निर्देश दिया है कि याची को एक महीने में हर्जाने का भुगतान करें और उससे जबरन जमा कराये धन को दो महीने में वापसी करें.

ये आदेश न्यायमूर्ति पीयूष अग्रवाल ने श्री सूर्या ट्रेडर्स की याचिका को स्वीकार करते हुए दिया है. याची मीठी सुपारी का पंजीकृत डीलर है. उसने सुपारी के 90 बैग दो डीलरो को बेचा. 87 बैग करूणा निधान एजेंसी को ई वे बिल के साथ भेजे गए. शेष तीन बैग लाल जी पान भंडार तिकोना पार्क नवाबगंज, गोंडा के नाम थे. जिनकी इनवाइस बनी थी. ई वे बिल नहीं था, तो अधिकारियों ने माल जब्त कर लिया और कारण बताओ नोटिस जारी की. याची ने जवाब देकर स्थिति साफ की. उन्होंने कहा कि 50 हजार से अधिक कीमत के माल का ही ई वे बिल बनता है.

इसे भी पढ़ें- गवाहों के बयान में भिन्नता अंतर्निहित शक्तियों के प्रयोग का आधार नहीं: हाईकोर्ट

अधिकारियों ने 87 बैग सही पाये. लेकिन तीन बैग जो गोंडा के पान भंडार के थे. सिक्योरिटी जमा कर ले जाने का आदेश दिया है. इसके खिलाफ अपील भी खारिज हो गई. जिसे चुनौती दी गई थी.

प्रयागराजः इलाहाबाद हाईकोर्ट ने प्रदेश के व्यवसाय कर विभाग के अधिकारियों के खिलाफ मनमानी और अवैध कार्रवाई पर तीखी टिप्पणी की है. उन्होंने कहा कि एक ओर सरकार प्रदेश में स्वतंत्र और निर्बाध व्यवसाय का वातावरण बनाने में जुटी है, तो दूसरी ओर अधिकारी अपनी सनक और सीमाओं में जकड़े हुए व्यापारियों को परेशान करने में लगे हैं. इसपर नियंत्रण किया जाना चाहिए.

कोर्ट ने वाराणसी आबकारी विभाग की कार्रवाई को अवैध करार देते हुए रद्द कर दिया है और राज्य सरकार पर 20 हजार रुपये हर्जाना लगाया है. सरकार को हर्जाना राशि दोषी अधिकारियों से वसूल करने की छूट दी है. कोर्ट ने राज्य सरकार को निर्देश दिया है कि याची को एक महीने में हर्जाने का भुगतान करें और उससे जबरन जमा कराये धन को दो महीने में वापसी करें.

ये आदेश न्यायमूर्ति पीयूष अग्रवाल ने श्री सूर्या ट्रेडर्स की याचिका को स्वीकार करते हुए दिया है. याची मीठी सुपारी का पंजीकृत डीलर है. उसने सुपारी के 90 बैग दो डीलरो को बेचा. 87 बैग करूणा निधान एजेंसी को ई वे बिल के साथ भेजे गए. शेष तीन बैग लाल जी पान भंडार तिकोना पार्क नवाबगंज, गोंडा के नाम थे. जिनकी इनवाइस बनी थी. ई वे बिल नहीं था, तो अधिकारियों ने माल जब्त कर लिया और कारण बताओ नोटिस जारी की. याची ने जवाब देकर स्थिति साफ की. उन्होंने कहा कि 50 हजार से अधिक कीमत के माल का ही ई वे बिल बनता है.

इसे भी पढ़ें- गवाहों के बयान में भिन्नता अंतर्निहित शक्तियों के प्रयोग का आधार नहीं: हाईकोर्ट

अधिकारियों ने 87 बैग सही पाये. लेकिन तीन बैग जो गोंडा के पान भंडार के थे. सिक्योरिटी जमा कर ले जाने का आदेश दिया है. इसके खिलाफ अपील भी खारिज हो गई. जिसे चुनौती दी गई थी.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.