प्रयागराजः इलाहाबाद हाईकोर्ट की न्यायमूर्ति सुनीता अग्रवाल ने कहा कि महिलाओं को किसी भी तरह के अन्याय पर अपनी आवाज उठानी होगी. उन्होंने कहा कि हाई कोर्ट में इस शुरुआत से महिलाओं की शिकायतों का तत्काल निराकरण किया जा सकेगा. हाई कोर्ट बार की ओर से गुरुवार को आयोजित कार्यस्थल पर महिलाओं की सुरक्षा एवं सम्मान विषयक गोष्ठी को सम्बोधित करते हुए उन्होंने कहा कि यह पहला अवसर है, जब महिलाओं की समस्याओं को बताने के लिए महिलाओं को ही मौका दिया गया. ऐसे आयोजन के लिए वह हाई कोर्ट बार एसोसिएशन का आभार व्यक्त करती हैं.
विशिष्ट अतिथि न्यायमूर्ति मंजूरानी चौहान ने कहा कि समाज को विकास के लिए सबसे पहले महिला का सम्मान होना आवश्यक है, क्योंकि महिला का विकास समाज के विकास की पहली कड़ी है. महिलाओं की सफलता स्वयं उनके हाथ में है, अगर वो अन्याय के खिलाफ आवाज उठाएंगी तो उन्हें अवश्य न्याय मिलेगा और अन्याय का भय खत्म होगा.
सांसद डॉक्टर रीता बहुगुणा जोशी ने कहा कि निश्चित रूप से वर्तमान समय में महिलाएं प्रत्येक क्षेत्र में बढ़ चढ़कर भाग ले रही हैं. चाहे वह न्यायपालिका, शिक्षा का क्षेत्र या चिकित्सा का क्षेत्र हो. हर क्षेत्र में महिलाओं ने अपनी मजबूत दावेदारी प्रस्तुत की है. उन्होंने कहा कि कानून का सही तरीके से अनुपालन होना चाहिए. सासंद केशरी देवी पटेल ने कहा कि वह लगातार महिलाओं के हितों के लिए कार्य करती आ रही हैं.
उन्होंने कहा कि सरकार की ओर से भी इस क्षेत्र में कई महत्वपूर्ण कदम उठाए गए हैं. वर्तमान समय में अधिकाश महिलाएं जागरूक हो रही हैं और धीरे-धीरे अपने अधिकारों को पहचानते हुए हर क्षेत्र में अपना योगदान दे रही हैं.
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कार्यक्रम के संयोजक व संयुक्त सचिव प्रेस आशुतोष तिवारी के अनुसार गोष्ठी में अतिथियों के सम्बोधन के बाद प्रश्न प्रहर का सत्र चला, जिसमें महिला अधिवक्ताओं ने महिलाओं से जुड़ी समस्याओं की ओर अतिथियों का ध्यान आकृष्ट कराया. अतिथियों ने उनका सन्तोषजनक उत्तर देते हए उचित निराकरण का मार्ग भी सुझाया. गोष्ठी की अध्यक्षता अध्यक्ष राधाकांत ओझा व संचालन महासचिव सत्यधीर सिंह जादौन ने किया. अंत में वरिष्ठ उपाध्यक्ष मनोज कुमार मिश्र ने धन्यवाद ज्ञापित किया.
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