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इलाहाबाद हाईकोर्ट ने फिल्म निर्माता वसीम रिजवी को जारी किया नोटिस

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 'राम की जन्मभूमि' फिल्म के निर्माता वसीम रिजवी, निर्देशक सुनोज मिश्र सहित कई लोगों को नोटिस जारी किया है. साथ ही भारत सरकार सहित विपक्षियों से छह हफ्ते में जवाब मांगा गया है. वहीं इसकी सुनवाई जुलाई में होगी.

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Published : May 2, 2019, 8:10 PM IST

इलाहाबाद हाईकोर्ट.

प्रयागराज : इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 'राम की जन्मभूमि' फिल्म के निर्माता वसीम रिजवी, निर्देशक सुनोज मिश्र, यूट्यूब स्पेस मुंबई, फ्यूचर कम्युनिकेशन इंडिया मुंबई, गूगल इंडिया मुंबई सेंट्रल फिल्म सर्टिफिकेशन बोर्ड के अध्यक्ष और मुख्य कार्यपालक अधिकारी को नोटिस जारी की गई है. भारत सरकार सहित विपक्षियों से छह हफ्ते में जवाब मांगा गया है.


यह आदेश न्यायमूर्ति शशिकांत गुप्ता और न्यायमूर्ति पंकज भाटिया की खंडपीठ ने प्रयागराज के हुसैन अख्तर और अन्य की याचिका पर दिया है. याचिका पर भारत सरकार के अधिवक्ता चन्द्र भूषण सिंह ने पक्ष रखा.

याची का कहना है कि राम की जन्मभूमि के प्रसारण से हिंदू-मुस्लिम के बीच धार्मिक सौहार्द बिगड़ेगा. फिल्म में जो नारे दिए गए हैं, वह अपमानजनक और भड़काऊ हैं. इससे लोक शांति भंग हो सकती है. मुस्लिम और मुस्लिम सभ्यता बदनाम होगी.

सरकार की तरफ से कहा गया कि दिल्ली हाईकोर्ट के निर्देश पर सेंसर बोर्ड की कमेटी ने जांच कर प्रमाणपत्र दिया है. कुछ अंश काटे गए हैं. याची ने इस पर अनभिज्ञता जताई कि कौन से अंश काटे गए हैं? इस पर कोर्ट ने नोटिस जारी कर जवाब मांगा है. इसकी सुनवाई जुलाई में होगी.

प्रयागराज : इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 'राम की जन्मभूमि' फिल्म के निर्माता वसीम रिजवी, निर्देशक सुनोज मिश्र, यूट्यूब स्पेस मुंबई, फ्यूचर कम्युनिकेशन इंडिया मुंबई, गूगल इंडिया मुंबई सेंट्रल फिल्म सर्टिफिकेशन बोर्ड के अध्यक्ष और मुख्य कार्यपालक अधिकारी को नोटिस जारी की गई है. भारत सरकार सहित विपक्षियों से छह हफ्ते में जवाब मांगा गया है.


यह आदेश न्यायमूर्ति शशिकांत गुप्ता और न्यायमूर्ति पंकज भाटिया की खंडपीठ ने प्रयागराज के हुसैन अख्तर और अन्य की याचिका पर दिया है. याचिका पर भारत सरकार के अधिवक्ता चन्द्र भूषण सिंह ने पक्ष रखा.

याची का कहना है कि राम की जन्मभूमि के प्रसारण से हिंदू-मुस्लिम के बीच धार्मिक सौहार्द बिगड़ेगा. फिल्म में जो नारे दिए गए हैं, वह अपमानजनक और भड़काऊ हैं. इससे लोक शांति भंग हो सकती है. मुस्लिम और मुस्लिम सभ्यता बदनाम होगी.

सरकार की तरफ से कहा गया कि दिल्ली हाईकोर्ट के निर्देश पर सेंसर बोर्ड की कमेटी ने जांच कर प्रमाणपत्र दिया है. कुछ अंश काटे गए हैं. याची ने इस पर अनभिज्ञता जताई कि कौन से अंश काटे गए हैं? इस पर कोर्ट ने नोटिस जारी कर जवाब मांगा है. इसकी सुनवाई जुलाई में होगी.

प्रयागराज 2 मई
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने राम की जन्मभूमि फिल्म के निर्माता वसीम रिजवी,निर्देशक सुनोज मिश्र यू ट्यूब स्पेस मुम्बई,फ्यूचर कम्युनिकेशन इण्डिया,मुम्बई,गूगल इण्डिया मुम्बई सेन्ट्रल फिल्म सर्टिफिकेशन बोर्ड के अध्यक्षव मुख्य कार्यपालक अधिकारी को नोटिस जारी की है।और भारत सरकार सहित विपक्षियो से 6 हफ्ते में जवाब मांगा है।
यह आदेश न्यायमूर्ति शशिकांत गुप्ता तथा न्यायमूर्ति पंकज भाटिया की खंडपीठ ने प्रयागराज के हुसैन अख्तर व् अन्य की याचिका पर दिया है।
याचिका पर भारत सरकार के अधिवक्ता चन्द्र भूषण सिंह ने पक्ष रखा।
याची का कहना है कि राम की जन्मभूमि के प्रसारण से हिन्दू मुस्लिम के बीच धार्मिक सौहार्द्र बिगड़ेगा।फिल्म में जो नारे दिए गए है वे अपमानजनक व् भड़काऊ है।इससे लोक शांति भंग हो सकती है।मुस्लिम व् मुस्लिम सभ्यता बदनाम होगी ।
सरकार की तरफ से कहा गया कि दिल्ली हाई कोर्ट के निर्देश पर सेंसर बोर्ड की कमेटी ने जांच कर ए प्रमाणपत्र दिया है।कुछ अंश काटे गए हैं।याची ने इससे अनभिज्ञता जताई कि कौन से अंश कटे है।जिसपर कोर्ट ने नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।सुनवाई जुलाई में होगी।
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