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इलाहाबाद हाईकोर्ट ने की योगी सरकार की सराहना, इलाज के लिए उठाये कदमों से संतुष्ट - आरटीपीसीआर टेस्ट

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने राज्य सरकार द्वारा प्रदेश में डायग्नोस्टिक सेन्टरों की जांच पर ली जाने वाली अधिकतम फीस निर्धारित करने पर संतुष्टि प्रकट की है. वहीं कोर्ट ने सरकार द्वारा उठाए गए कदमों की सराहना की है.

इलाहाबाद हाईकोर्ट
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Published : May 27, 2021, 10:35 PM IST

प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने राज्य सरकार द्वारा प्रदेश में डायग्नोस्टिक सेन्टरों की जांच पर ली जाने वाली अधिकतम फीस निर्धारित करने पर संतुष्टि प्रकट की है. राज्य सरकार ने अपनी रिपोर्ट कोर्ट को सौंप दी. अब डायग्नोस्टिक सेन्टरों द्वारा आरटीपीसीआर टेस्ट का शुल्क 500- 900 और एन्टीजन टेस्ट का शुल्क 200 रूपये लिया जाएगा. इसी प्रकार सीटी स्कैन के अलग-अलग स्लाइस (अंशों/ भागों) की जांच रिपोर्ट का शुल्क अधिकतम 2000 से शुरू होकर 2500 रूपये तय किया गया है. कोर्ट ने सरकार द्वारा उठाए गए कदमों की सराहना की है.

सीटी स्कैन के स्लाइस का रेट तय
हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से डायग्नॉस्टिक जांच दर पर रिपोर्ट मांगी थी, जिसपर यह रिपोर्ट दाखिल की गयी है. कोर्ट ने सरकार से कहा था कि वह डायग्नोस्टिक सेन्टरों द्वारा जांच के नाम पर वसूले जा रहे मनमाने शुल्क की अधिकतम सीमा तय कर कोर्ट को बताएं. सरकार ने कोर्ट को बताया कि डायग्नोस्टिक सेन्टरों द्वारा सीटी स्कैन के 16 स्लाइस तक 2000 रूपया तय किया गया है. इसके ऊपर 16 से 64 स्लाइस तक 2250 तथा 64 से ऊपर की स्लाइस पर 2500 चार्ज किया जाएगा. ट्रू नॉट प्राइवेट टेस्टिंग का शुल्क 1200 निर्धारित किया गया है.

चिकित्सा सुविधाओं को बेहतर करने की आवश्यकता
प्रदेश सरकार ने हाईकोर्ट द्वारा पारित पिछले आदेश के अनुपालन में बहराइच, बिजनौर, श्रावस्ती, बाराबंकी और जौनपुर में चिकित्सा सुविधाओं को बेहतर करने की कोर्ट में रिपोर्ट प्रस्तुत की. कोर्ट ने इन जिलों में चिकित्सा सुविधाओं को बेहतर करने के कार्य पर संतोष प्रकट किया और दूसरे 5 जिलों में ऐसी सुविधाएं बढाकर रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया. हाईकोर्ट ने कहा कि इसी प्रकार की चिकित्सा सुविधाओं को बेहतर करने की आवश्यकता भदोही, गाजीपुर, बलिया, देवरिया और शामली जिलों में भी है. कोर्ट ने इन जिलों में भी चिकित्सा सुविधाओं को बेहतर करने की सरकार से रिपोर्ट मांगी है.

7 जून को होगी सुनवाई
यह आदेश न्यायमूर्ति सिद्धार्थ वर्मा और न्यायमूर्ति अजीत कुमार की खंडपीठ ने कोरोना संक्रमण और क्वारंटाइन केन्द्रों की खराब स्थिति को लेकर स्वतः कायम जनहित याचिका की सुनवाई करते हुए दिया है. कोर्ट ने केन्द्र सरकार से जो लोग वैक्सीनेशन सेन्टर नहीं जा सकते हैं, ऐसे दिव्यांगों के वैक्सीनेशन पर रिपोर्ट मांगी है. कोर्ट अब इस जनहित याचिका पर 7 जून को सुनवाई करेगी.

प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने राज्य सरकार द्वारा प्रदेश में डायग्नोस्टिक सेन्टरों की जांच पर ली जाने वाली अधिकतम फीस निर्धारित करने पर संतुष्टि प्रकट की है. राज्य सरकार ने अपनी रिपोर्ट कोर्ट को सौंप दी. अब डायग्नोस्टिक सेन्टरों द्वारा आरटीपीसीआर टेस्ट का शुल्क 500- 900 और एन्टीजन टेस्ट का शुल्क 200 रूपये लिया जाएगा. इसी प्रकार सीटी स्कैन के अलग-अलग स्लाइस (अंशों/ भागों) की जांच रिपोर्ट का शुल्क अधिकतम 2000 से शुरू होकर 2500 रूपये तय किया गया है. कोर्ट ने सरकार द्वारा उठाए गए कदमों की सराहना की है.

सीटी स्कैन के स्लाइस का रेट तय
हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से डायग्नॉस्टिक जांच दर पर रिपोर्ट मांगी थी, जिसपर यह रिपोर्ट दाखिल की गयी है. कोर्ट ने सरकार से कहा था कि वह डायग्नोस्टिक सेन्टरों द्वारा जांच के नाम पर वसूले जा रहे मनमाने शुल्क की अधिकतम सीमा तय कर कोर्ट को बताएं. सरकार ने कोर्ट को बताया कि डायग्नोस्टिक सेन्टरों द्वारा सीटी स्कैन के 16 स्लाइस तक 2000 रूपया तय किया गया है. इसके ऊपर 16 से 64 स्लाइस तक 2250 तथा 64 से ऊपर की स्लाइस पर 2500 चार्ज किया जाएगा. ट्रू नॉट प्राइवेट टेस्टिंग का शुल्क 1200 निर्धारित किया गया है.

चिकित्सा सुविधाओं को बेहतर करने की आवश्यकता
प्रदेश सरकार ने हाईकोर्ट द्वारा पारित पिछले आदेश के अनुपालन में बहराइच, बिजनौर, श्रावस्ती, बाराबंकी और जौनपुर में चिकित्सा सुविधाओं को बेहतर करने की कोर्ट में रिपोर्ट प्रस्तुत की. कोर्ट ने इन जिलों में चिकित्सा सुविधाओं को बेहतर करने के कार्य पर संतोष प्रकट किया और दूसरे 5 जिलों में ऐसी सुविधाएं बढाकर रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया. हाईकोर्ट ने कहा कि इसी प्रकार की चिकित्सा सुविधाओं को बेहतर करने की आवश्यकता भदोही, गाजीपुर, बलिया, देवरिया और शामली जिलों में भी है. कोर्ट ने इन जिलों में भी चिकित्सा सुविधाओं को बेहतर करने की सरकार से रिपोर्ट मांगी है.

7 जून को होगी सुनवाई
यह आदेश न्यायमूर्ति सिद्धार्थ वर्मा और न्यायमूर्ति अजीत कुमार की खंडपीठ ने कोरोना संक्रमण और क्वारंटाइन केन्द्रों की खराब स्थिति को लेकर स्वतः कायम जनहित याचिका की सुनवाई करते हुए दिया है. कोर्ट ने केन्द्र सरकार से जो लोग वैक्सीनेशन सेन्टर नहीं जा सकते हैं, ऐसे दिव्यांगों के वैक्सीनेशन पर रिपोर्ट मांगी है. कोर्ट अब इस जनहित याचिका पर 7 जून को सुनवाई करेगी.

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