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मनमानी वसूली नोटिस के लिए NOIDA पर 50 हजार हर्जाना

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Published : Dec 15, 2022, 10:06 PM IST

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मनमानी वसूली नोटिस के लिए न्यू ओखला इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट अथॉरिटी (NOIDA) पर हर्जाना लगाया है.

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प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मनमानी वसूली नोटिस के लिए नोएडा (न्यू ओखला इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट अथॉरिटी) पर 50 हजार रुपये हर्जाना लगाया है. साथ ही उसे एक सप्ताह में याची को भुगतान करने का निर्देश दिया है. यह आदेश न्यायमूर्ति एम.के. गुप्ता और न्यायमूर्ति जयंत बनर्जी की खंडपीठ ने रवि कुमार बंसल की याचिका पर सुनवाई के बाद दिया है.

नोएडा (NOIDA) ने याची के खिलाफ बी 27 ए सेक्टर 1 में आवंटित औद्योगिक शेड की बकाया किस्त के मद में एक करोड़ 15,32,469 रुपये का वसूली नोटिस जारी किया था. कोर्ट के हस्तक्षेप के बाद सीईओ नोएडा ने नोटिस वापस लेते हुए कहा कि याची पर कुछ भी बकाया नहीं है. दीवानी अदालत ने पहले ही आवंटन की पूरी राशि जमा करने और कुछ भी बकाया न होने का निर्णय दिया है, जिसकी अनदेखी की गई. याची ने 1996 से अब तक का लीज किराया जमा करने की इच्छा के साथ प्रत्यावेदन दिया. नोएडा ने इसे ट्विस्ट कर बकाया की वसूली कार्रवाई शुरू कर दी.

कोर्ट ने कहा कि नोएडा की ओर से मनमानी अवैध वसूली के कारण याची को अनावश्यक हाईकोर्ट आना पड़ा. याची का कहना था कि लीज किराया जमा करने के प्रत्यावेदन पर नोएडा ने किस्त बकाया बताते हुए वसूली नोटिस जारी किया है. याची पूरी किस्त जमा कर चुका है. कोर्ट ने सीईओ नोएडा से व्यक्तिगत हलफनामा मांगा तो बकाया किस्त की वसूली को सही ठहराया. जब कोर्ट ने दीवानी अदालत के फैसले में पूरी राशि जमा होने के तथ्य के संदर्भ में पूछा तो नोएडा ने गलती मानी और कहा कि आदेश वापस लेकर नया आदेश करेंगे. इसके बाद बताया कि याची पर कुछ भी बकाया नहीं है. वसूली नोटिस वापस ले लिया गया है.

यह भी पढ़ें: हाईकोर्ट ने प्राइवेट वकील से कैविएट दाखिल करवाने पर डीएम इटावा से मांगा स्पष्टीकरण

प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मनमानी वसूली नोटिस के लिए नोएडा (न्यू ओखला इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट अथॉरिटी) पर 50 हजार रुपये हर्जाना लगाया है. साथ ही उसे एक सप्ताह में याची को भुगतान करने का निर्देश दिया है. यह आदेश न्यायमूर्ति एम.के. गुप्ता और न्यायमूर्ति जयंत बनर्जी की खंडपीठ ने रवि कुमार बंसल की याचिका पर सुनवाई के बाद दिया है.

नोएडा (NOIDA) ने याची के खिलाफ बी 27 ए सेक्टर 1 में आवंटित औद्योगिक शेड की बकाया किस्त के मद में एक करोड़ 15,32,469 रुपये का वसूली नोटिस जारी किया था. कोर्ट के हस्तक्षेप के बाद सीईओ नोएडा ने नोटिस वापस लेते हुए कहा कि याची पर कुछ भी बकाया नहीं है. दीवानी अदालत ने पहले ही आवंटन की पूरी राशि जमा करने और कुछ भी बकाया न होने का निर्णय दिया है, जिसकी अनदेखी की गई. याची ने 1996 से अब तक का लीज किराया जमा करने की इच्छा के साथ प्रत्यावेदन दिया. नोएडा ने इसे ट्विस्ट कर बकाया की वसूली कार्रवाई शुरू कर दी.

कोर्ट ने कहा कि नोएडा की ओर से मनमानी अवैध वसूली के कारण याची को अनावश्यक हाईकोर्ट आना पड़ा. याची का कहना था कि लीज किराया जमा करने के प्रत्यावेदन पर नोएडा ने किस्त बकाया बताते हुए वसूली नोटिस जारी किया है. याची पूरी किस्त जमा कर चुका है. कोर्ट ने सीईओ नोएडा से व्यक्तिगत हलफनामा मांगा तो बकाया किस्त की वसूली को सही ठहराया. जब कोर्ट ने दीवानी अदालत के फैसले में पूरी राशि जमा होने के तथ्य के संदर्भ में पूछा तो नोएडा ने गलती मानी और कहा कि आदेश वापस लेकर नया आदेश करेंगे. इसके बाद बताया कि याची पर कुछ भी बकाया नहीं है. वसूली नोटिस वापस ले लिया गया है.

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