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HC ने अधीनस्थ अदालतों और अधिकरणों के लिए जारी की गाइडलाइन

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 5 जून से प्रदेश की सभी अधीनस्थ अदालतों, अधिकरणों के लिए गाइडलाइन जारी की है. महानिबंधक आशीष गर्ग ने जारी अधिसूचना में निर्देश दिया है कि न्यूनतम स्टॉफ के साथ जरूरी मामलों की सुनवाई की जाए.

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Published : Jun 5, 2021, 11:53 AM IST

प्रयागराजः प्रदेश की सभी अधीनस्थ अदालतों के लिए इलाहाबाद हाईकोर्ट ने गाइडलाइन जारी की है. महानिबंधक आशीष गर्ग ने जारी अधिसूचना में निर्देश दिया है कि न्यूनतम स्टॉफ और अधिकतम 8 न्यायिक अधिकारियों के साथ जरूरी मामलों की सुनवाई की जाए. ये अदालतें अति आवश्यक नए मुकदमे, जमानत प्रार्थनापत्र, अवमुक्ति अर्जी, धारा 164 सीआरपीसी के बयान, रिमांड, अपराधिक अर्जियों का निस्तारण, निषेधाज्ञा, जरूरी सिविल मामलों की सुनवाई करेगी.

स्थानीय स्तर पर तय होगी नए मुकदमों की सुनवाई

नये मुकद्दमों की सुनवाई जरूरी होने की अर्जी स्थानीय स्तर पर तय की जायेगी. सारे आदेश सीआईएस पर अपलोड किये जायेंगे. बंधपत्र स्वीकार करने का तंत्र स्थानीय स्तर पर तय होगा. आपदा गाइडलाइंस के तहत जिला जज सुनिश्चित करेंगे कि 33 फीसदी से अधिक स्टॉफ कोर्ट परिसर में न आयें. इस गाइडलाइंस का कडाई से पालन करने का निर्देश दिया गया है.

इसे भी पढ़ें- वाह एसओ साहब! महिला आरक्षी को ड्यूटी पर न भेजकर बच्चों को पढ़वा रहे ट्यूशन

प्रयागराजः प्रदेश की सभी अधीनस्थ अदालतों के लिए इलाहाबाद हाईकोर्ट ने गाइडलाइन जारी की है. महानिबंधक आशीष गर्ग ने जारी अधिसूचना में निर्देश दिया है कि न्यूनतम स्टॉफ और अधिकतम 8 न्यायिक अधिकारियों के साथ जरूरी मामलों की सुनवाई की जाए. ये अदालतें अति आवश्यक नए मुकदमे, जमानत प्रार्थनापत्र, अवमुक्ति अर्जी, धारा 164 सीआरपीसी के बयान, रिमांड, अपराधिक अर्जियों का निस्तारण, निषेधाज्ञा, जरूरी सिविल मामलों की सुनवाई करेगी.

स्थानीय स्तर पर तय होगी नए मुकदमों की सुनवाई

नये मुकद्दमों की सुनवाई जरूरी होने की अर्जी स्थानीय स्तर पर तय की जायेगी. सारे आदेश सीआईएस पर अपलोड किये जायेंगे. बंधपत्र स्वीकार करने का तंत्र स्थानीय स्तर पर तय होगा. आपदा गाइडलाइंस के तहत जिला जज सुनिश्चित करेंगे कि 33 फीसदी से अधिक स्टॉफ कोर्ट परिसर में न आयें. इस गाइडलाइंस का कडाई से पालन करने का निर्देश दिया गया है.

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