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इलाहाबाद HC ने बुलंदशहर और गौतमबुद्धनगर डीएम को दी अवमानना नोटिस - इलाहाबाद हाई कोर्ट ने अवमानना नोटिस जारी की

बुलंदशहर और गौतमबुद्धनगर के डीएम को इलाहाबाद हाई कोर्ट ने अवमानना नोटिस जारी की है. एनसीआर में बढ़ते प्रदूषण के बावजूद भट्टों के संचालन पर कोर्ट की नोटिस जारी की गई है.

बुलंदशहर और गौतमबुद्धनगर डीएम को अवमानना नोटिस
बुलंदशहर और गौतमबुद्धनगर डीएम को अवमानना नोटिस
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Published : Dec 12, 2021, 10:55 PM IST

प्रयागराजः इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एनसीआर में पर्यावरण मानकों का उल्लंघन कर अवैध रूप से ईंट भट्टों के संचालन पर बुलंदशहर और गौतमबुद्धनगर के जिलाधिकारियों को अवमानना नोटिस जारी किया है.

कोर्ट ने बुलंदशहर के डीएम चंद्रप्रकाश सिंह और गौतमबुद्धनगर के डीएम सुहास एलवाई को कारण बताओ नोटिस जारी कर स्पष्टीकरण मांगा है कि हाईकोर्ट द्वारा 2014 में दिए आदेश का पालन न किए जाने पर क्यों न उनके खिलाफ अवमानना कार्रवाई की जाए.

यह आदेश न्यायमूर्ति अब्दुल मोइन ने सोमबीर की अवमानना याचिका पर दिया है. याची का पक्ष रख रहे वरिष्ठ अधिवक्ता अनूप त्रिवेदी, विभू राय का कहना था कि इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 2014 में एक जनहित याचिका पर आदेश पारित किया था कि पर्यावरण मानकों और ईंट-भट्ठा नियमों का उल्लंघन करके चलाए जा रहे भट्ठों को तत्काल बंद कराया जाएं.

इसे भी पढ़ें- ओमप्रकाश राजभर को करारा झटका, राजभर समाज के कई नेताओं ने भाजपा का दामन थामा

इसके बाद अक्टूबर 2021 में एनजीटी के निर्देश पर केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने भी एनसीआर में बढ़ते प्रदूषण के मद्देनज़र सभी ईंटभट्टे बंद करने का निर्देश दिया है. याची ने अधिकारियों को अवगत भी कराया. इसके बावजूद कोई कार्रवाई नहीं की गई और ईट भट्टों का संचालन अभी भी हो रहा है, जो कि कोर्ट के आदेश का स्पष्ट उल्लंघन है.

प्रयागराजः इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एनसीआर में पर्यावरण मानकों का उल्लंघन कर अवैध रूप से ईंट भट्टों के संचालन पर बुलंदशहर और गौतमबुद्धनगर के जिलाधिकारियों को अवमानना नोटिस जारी किया है.

कोर्ट ने बुलंदशहर के डीएम चंद्रप्रकाश सिंह और गौतमबुद्धनगर के डीएम सुहास एलवाई को कारण बताओ नोटिस जारी कर स्पष्टीकरण मांगा है कि हाईकोर्ट द्वारा 2014 में दिए आदेश का पालन न किए जाने पर क्यों न उनके खिलाफ अवमानना कार्रवाई की जाए.

यह आदेश न्यायमूर्ति अब्दुल मोइन ने सोमबीर की अवमानना याचिका पर दिया है. याची का पक्ष रख रहे वरिष्ठ अधिवक्ता अनूप त्रिवेदी, विभू राय का कहना था कि इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 2014 में एक जनहित याचिका पर आदेश पारित किया था कि पर्यावरण मानकों और ईंट-भट्ठा नियमों का उल्लंघन करके चलाए जा रहे भट्ठों को तत्काल बंद कराया जाएं.

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इसके बाद अक्टूबर 2021 में एनजीटी के निर्देश पर केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने भी एनसीआर में बढ़ते प्रदूषण के मद्देनज़र सभी ईंटभट्टे बंद करने का निर्देश दिया है. याची ने अधिकारियों को अवगत भी कराया. इसके बावजूद कोई कार्रवाई नहीं की गई और ईट भट्टों का संचालन अभी भी हो रहा है, जो कि कोर्ट के आदेश का स्पष्ट उल्लंघन है.

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