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हाईकोर्ट ने हर्ष फायरिंग से हुई मौत के आरोपी को दी सशर्त जमानत

इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court) ने हर्ष फायरिंग (Harsh Firing) से हुई मौत के आरोपी की सशर्त जमानत मंजूर कर ली है. हाईकोर्ट ने व्यक्तिगत मुचलके और दो प्रतिभूतियों पर रिहा करने का निर्देश दिया है.

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Published : Aug 1, 2021, 2:32 AM IST

इलाहाबाद हाईकोर्ट
इलाहाबाद हाईकोर्ट

प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court) ने हर्ष फायरिंग (Harsh Firing) से हुई मौत के आरोपी श्रवण यादव उर्फ विक्की की सशर्त जमानत मंजूर कर ली है. व्यक्तिगत मुचलके और दो प्रतिभूतियों पर रिहा करने का निर्देश दिया है. यह आदेश न्यायमूर्ति समित गोपाल ने वरिष्ठ अधिवक्ता दयाशंकर मिश्र और चंद्रकेश मिश्र को सुनकर दिया.

20 दिसंबर 2020 को मनोज केसरवानी ने पूर्णियां पार्क में शादी का रिसेप्शन का आयोजन किया था. इसमें शुभम केसरवानी अपने भाई के साथ गए थे. इस दौरान याची ने हर्ष फायरिंग की. गोली शुभम के पेट में लग गई. उसको एसआरएन अस्पताल में भर्ती कराया गया. यहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई. इसकी एफआईआर कर्नलगंज थाने में दर्ज कराई गई. इसके बाद याची को गिरफ्तार कर 23 दिसंबर 2020 को जेल में डाल दिया गया.

पढ़ें: इलाहाबाद हाईकोर्ट : हर नागरिक को कोई भी धर्म अपनाने और अपनी मर्जी से शादी करने का अधिकार

याची अधिवक्ता का कहना था कि यह एक दुर्घटना है. कोई दुराशय नहीं है. न ही याची का कोई आपराधिक इतिहास है, जो देशी पिस्टल याची के घर से बरामद की गई है, वह प्लांटेड है. मृतक के शरीर से मिली बुलेट और पिस्टल को बैलेस्टिक विशेषज्ञ को नहीं भेजा गया है. यह हर्ष फायरिंग में हुई दुर्घटना मात्र है.

प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court) ने हर्ष फायरिंग (Harsh Firing) से हुई मौत के आरोपी श्रवण यादव उर्फ विक्की की सशर्त जमानत मंजूर कर ली है. व्यक्तिगत मुचलके और दो प्रतिभूतियों पर रिहा करने का निर्देश दिया है. यह आदेश न्यायमूर्ति समित गोपाल ने वरिष्ठ अधिवक्ता दयाशंकर मिश्र और चंद्रकेश मिश्र को सुनकर दिया.

20 दिसंबर 2020 को मनोज केसरवानी ने पूर्णियां पार्क में शादी का रिसेप्शन का आयोजन किया था. इसमें शुभम केसरवानी अपने भाई के साथ गए थे. इस दौरान याची ने हर्ष फायरिंग की. गोली शुभम के पेट में लग गई. उसको एसआरएन अस्पताल में भर्ती कराया गया. यहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई. इसकी एफआईआर कर्नलगंज थाने में दर्ज कराई गई. इसके बाद याची को गिरफ्तार कर 23 दिसंबर 2020 को जेल में डाल दिया गया.

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याची अधिवक्ता का कहना था कि यह एक दुर्घटना है. कोई दुराशय नहीं है. न ही याची का कोई आपराधिक इतिहास है, जो देशी पिस्टल याची के घर से बरामद की गई है, वह प्लांटेड है. मृतक के शरीर से मिली बुलेट और पिस्टल को बैलेस्टिक विशेषज्ञ को नहीं भेजा गया है. यह हर्ष फायरिंग में हुई दुर्घटना मात्र है.

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